नई तकनीकि से विभिन्न क्षेत्रों की कमियों को दूर करने का हो रहा है प्रयास : मुख्यमंत्री

- ऑप्टिकल फाइबर लाइन से जुड़ेगा प्रदेश का हर गांव : त्रिवेंद्र
- गढ़वाल व कुमाऊं में बनाये जा रहे हैं 24 धार्मिक पर्यटन सर्किट:महाराज
देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि तीन साल के भीतर प्रदेश के सभी गांवों को ऑप्टिकल फाइबर लाइन से जोड़े जाने के बाद राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों के लोग देश-दुनिया से जुड़ सकेंगे। उन्होंने कहा इसी कड़ी में चमोली जिले के सीमांत गांव घेस और हिमनी को वाईफाई सुविधा से जोड़ा गया है। वहीँ राज्य के अस्पतालों और दवा स्टोरों को ऑनलाइन किया गया है। इसके साथ ही सूबे के अस्पतालों को टेली मेडिसिन से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार नई तकनीकि के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों की कमियों को दूर किया जा रहा है।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हॉल में उत्तराखण्ड सरकार एवं वर्ड हिन्दू इकोनॉमिक फोरम के तत्वावधान में उद्यमियों एवं विषय विशेषज्ञों के साथ आयोजित आर्थिक परिचर्चा में हिस्सा ले रहे थे। उन्होंने विशेषज्ञों एवं उद्यमियों से कहा कि इस परिचर्चा का फायदा पर्यटन, शिक्षा, उद्योग, आईटी, कृषि आदि के क्षेत्र में मिलेगा। इससे विकास के प्रति हमारी सोच को दायरा बढ़ेगा। ग्लोबल विलेज के इस दौर में हमें अपनी पहचान बनाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कपाट खुलने और बंद होने के समय केदारनाथ आए। उनकी स्पष्ट सोच है कि दुनियाभर से लोग चारधाम यात्रा पर आना चाहते हैं। इसके लिए देवभूमि में सड़क, रेल और हवाई यातायात सेवाओं का बेहतर बनाना है। इसी दिशा में उन्होंने 12 हजार करोड़ ऑल वेदर रोड, 13 हजार करोड रुपये भारतमाला योजना और 1600 करोड़ रुपये ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिए स्वीकृत किये हैं, जिस पर कार्य तेजी से किया जा रहा है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट को एलीवेटेड रूप में विस्तार कर इसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड में भविष्य के पर्यटन का आधार तैयार किया जा रहा है। कई फिल्मों का फिल्मांकन यहां चल रहा है। इसे बढ़ावा देने के लिए शूटिंग फीस को माफ की गयी है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश में गढ़वाल व कुमाऊं में 24 धार्मिक पर्यटन सर्किट बनाये जा रहे हैं। चारधाम पैदल यात्रा मार्ग की हजारों साल पुरानी परम्परा की शुरूआत की जा रही है। वर्ड इकॉनोमिक फॉरम के अध्यक्ष स्वामी विज्ञानानन्द ने कहा कि विश्व में जापान से लेकर इंडोनेशिया तक हमारे पूर्वजों ने बिना संसाधनों के व्यापार एवं अन्य क्षेत्रों में अपनी पहचान बनायी। ग्लोबल मार्केट में हमें फाइनेंशियल इको सिस्टम लागू करने व तकनीकी दक्षता के प्रति ध्यान देना होगा।
परिचर्चा में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक के सेवानिवृत्त प्रो. गौतम सैन, सीईओ एवं अध्यक्ष पीएमएएम इनकॉरपोरेटेड डलास यूएसए पंकज कुमार, वरिष्ठ अर्थशास्त्री प्रो. वैंकटरमन नागेश्वरन, वरिष्ठ कृषि एवं पर्यावरण वैज्ञानिक प्रो. जीएम मगेशन, प्रो. प्रशान्त सिंह, डा. नचिकेता तिवारी प्रमुख रहे। मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों को सम्मानित भी किया। निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर वित्त मंत्री प्रकाश पंत, विधायक गणेश जोशी, इंडस्ट्रीज एशोसिएशन उत्तराखण्ड, उत्तराखण्ड इंडस्ट्रियल वेलफेयर एशोसिएशन, विभिन्न उद्योगों, फिक्की एफ.एल.ओ. के प्रतिनिधियों के समूह, विभिन्न शिक्षक संस्थानो के प्रोफेसर व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।