सांसदों का शपथ ग्रहण 18 या 19 को लोस सत्र के पहले दिन
मुहर की इंतज़ार में नए सांसद तो पुराने पुरानी से चला रहे हैं काम
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : लोकसभा चुनाव के परिणाम घोषित हुए लगभग 20 दिन होने को हैं उत्तराखंड से पांच लोकसभा सदस्य देश की संसद तक भी पहुँच गए लेकिन उत्तराखंड से पहली बार चुने गये दो सांसदों के सामने जनता दरबार तो लग रहे हैं लेकिन उनके पास जनता की दरख्वास्त पर लगाने के लिए सांसद वाली मुहर नहीं है वहीं दूसरी तरफ 2014 में या उससे पहले से संसद में पहुंचे पुराने तीन सांसदों को पुरानी मुहरों से ही कागजों पर ठप्पा लगाकर काम चलाना पड़ रहा है और अधिकारियों को जनता से मिले आवेदनों पर आदेशित भी कर रहे हैं।
गौरतलब हो उत्तराखंड से भाजपा को झोली में पिछले बार 2014 के चुनाव के बाद पांचों लोकसभा सीट चली गयी। इस बार भी मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व और प्रधानमंत्री मोदी की हवा के चलते पांचों लोकसभा सीट भाजपा को मिल गयी। चुनाव जीतने के बाद भाजपा के तीन पूर्व लोकसभा सांसदों को इस बार भी चुनाव मैदान में उतारा गया था जबकि भाजपा ने दो नए चेहरों पर दांव खेला गया और दोनों ही विजयी होकर लोकसभा तक पहुँच भी गए हैं। पुराने सांसदों में हरिद्वार से डॉ. रमेश पोखरियाल ”निशंक” सहित टिहरी से माला राज्य लक्ष्मी और अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ से अजय टम्टा तो नए सांसदों में पौड़ी से तीरथ सिंह रावत और अजय भट्ट लोकसभा पहुंचे हैं।
सांसदों का शपथ ग्रहण 18 या 19 को लोकसभा सत्र के पहले दिन संभावित है तभी वे सदन के सदस्य बनकर संसद में बैठेंगे और इसके बाद ही उनको संसद से लैटर हेड, मुहर और रेल कूपन इत्यादि आवंटित होंगे लेकिन नए सांसदों के सामने लगे जनता दरबार के दौरान आने वाले पत्रों को सम्बंधित विभागों को भेजने और उनपर सांसदों की मुहर का न होना समस्या बन गयी है ।
वहीं मुहर के इंतज़ार में चुने गए नये सांसदों के पास पत्रावलियों का अम्बार लगना शुरू हो गया है जिसपर वे अब संसद से मुहर मिलने के बाद ही कार्रवाही कर पायेंगे। लेकिन दूसरी तरफ पिछली लोकसभा के संसद अपनी उन्ही मुहरों से काम चलाते हुए फर्राटे से मुहर लगाते हुए काम को अंजाम देने पर जुट गए हैं लेकिन नए सांसदों को शपथ ग्रहण के दिन का इंतजार है जब उन्हें एक अदद मुहर मिलेगी।