Uttarakhand

90 दिन में होना था फैसला, दस साल में भी नहीं निपटे 39 केस

 उपभोक्ता अदालत में 10 साल सेे अधिक पुराने सर्वाधिक केस लम्बित

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून । उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत उपभोक्ता शिकायतोें अपीलों के निपटारें के लिये 90 दिन की समय सीमा नियत है लेकिन उत्तराखंड की उपभोक्ता अदालतों में 38 केस 10 साल या अधिक समय से फैसला का इंतजार कर रहे हैं। इसमें सर्वाधिक केस प्रदेश की सबसे बड़ी उपभोक्ता अदालत उपभोक्ता राज्य आयोेग में लंबित है। इसका कारण बार-बार हड़ताल तथा तारीखे लेना दर्शाया गया हैै। यह खुलासा सूचना अधिकार के अन्तर्गत उपभोक्ता राज्य आयोग द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।

काशीपुर निवासी सूूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने उत्तराखंड राज्य उपभोेक्ता आयोेग केे लोेक सूचना अधिकारी सेे प्रदेेश के उपभोक्ता केसोें के निपटारेे सम्बन्धित विवरणों की सूूचना मांगी थी। इसके उत्तर में आयोग की लोक सूचना अधिकारी/निबंधक अंजुु श्री जुुयाल नेे अपनेे पत्रांक 250 सेे दिसम्बर 2018 तक के प्र्रदेश भर में उपभोक्ता केेसोें के निपटारे सम्बन्धी विवरणोें की सत्यापित फोटो प्र्रतियां उपलब्ध करायी है।

श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार वर्ष 2018 मेें पूरे प्र्रदेश के जिला उपभोक्ता फोरमों में कुुल 1185 केस फाइल हुुये है जबकि 1304 केसोें का निपटारा हुुआ है जोे 110 प्रतिशत हैै औैर वर्ष के अंत मेें 3009 केस लम्बित हैै। उपभोक्ता राज्य आयोेग में कुल 41 उपभोेक्ता केस फाइल हुुये हैै जबकि निपटारा केवल 24 केसों का ही हुआ है जो केेवल 59 प्रतिशत हैै औैर वर्ष केे अंत में 110 केस लंबित हैं। इसके अतिरिक्त प्र्रदेश के जिला फोरमोें के फैसले के विरूद्ध कुल 251 अपीले राज्य आयोग में फाइल हुुई हैै। जबकि निपटारा 229 अपीलोें का ही हुुआ हैै जो 91 प्र्रतिशत हैै। वर्ष केे अंत में 886 अपीलें लम्बित है।

श्री नदीम को उपलब्ध सूूचना केे अनुसार राज्य उपभोक्ता आयोग में लंबित एक करोेड़ सेे अधिक केे विवादों वाले लंबित उपभोेक्ता केसों में 2 केस 10 साल से, 10 केस सात साल से, 25 केस पांच साल से तथा 14 केस 3 साल से, 22 के 2 साल से, 16 केस 6 माह से एक साल से फैसलेे के इंतजार मेें है केवल 17 केस ही ऐेसे हैै जो छः माह से कम पुुराने है। उपभोक्ता फोरम के फैसलों के खिलाफ दायर अपीलों की स्थििति औैर भी खराब हैै। राज्य आयोग में लंबित 886 अपीलों में सेे 114 अपीले 110 साल, 105 अपीलेें 7 साल, 260 अपीलेें 5 साल, 157 अपीले 3 साल, 130 अपीलें दो साल से अधिक पुरानी है जबकि 71 अपीलें 6 माह से एक साल तथा 155 अपीलें ही छः माह सेे कम पुुरानी है।

श्री नदीम ने बताया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में उपभोक्ता केस की धारा 13(3ए) के लियेे तीन माह तथा धारा 19ए मंे अपीलोें के निपटारेें के लिये अपील दाखिल होने से नब्बे दिन की समय सीमा नियत है।

उत्तराखंड के 13 में से 9 जिला फोरमों मेें अधिक समय सेे लंबित केस हैै ही नहीं। टिहरी जिले में एक साल से अधिक पुराना कोई केस लंबित नहीं हैं जबकि छः माह सेे एक साल तक पुुरानेे भी केवल 11 केस लंबित है। बागेेश्वर जिलेे के फोरम में तो छः माह सेे अधिक पुराना कोई ही केेस लंबित नहीं हैै केवल 12 केस ही छःमाह सेे कम पुुरानेे लंबित है। उत्तरकाशी में तीन साल पुुरानेे केवल 27 केस लंबित हैै इससे अधिक पुुराना कोई केस लंबित नहीं हैैं। चम्पावत में तीन साल पुराने 10 केस लंबित हैै इससेे पुुराना कोई केस लंबित नहीं हैै। अल्मोड़ा में छः माह सेे एक साल पुराने केवल 17 केस लंबित हैै इससे पुुराना कोई केस लंबित नहीं है। उधमसिंह नगर जिले में तीन साल पुरानेे केवल 12 केस लंबित है इससे पुराना कोई केस लंबित नहीं हैं। चमोली जिले मेें तीन साल पुराने 9 केस, रूद्रप्र्रयाग में छः माह से कम पुराने 16 केस, पौड़ी में दो साल पुुरानेे 3 केस लंबित हैै। उत्तराखंड के सबसे ज्यादा समय सेे लंबित केसोें वाले फोरमोें में देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल तथा पिथौैरागढ़ के जिला उपभोक्ता फोरम शामिल है। हरिद्वार के जिला उपभोक्ता फोरम में 06 केस दस साल, 66 केस सात साल, 397 तीन साल तथा 330 केस दो साल सेे लंबित हैै। देहरादून के जिला फोरम मेें 39 केस 5 साल, 404 केस तीन साल, 186 केस दो साल सेे लंबित हैै। नैैनीताल के फोरम में 3 केस सात साल तथा 16 केस दो साल से लंबित हैै पिथौैरागढ़ के जिला फोरम में 03 केस 10 साल से पुुरानेे 07 केस दस साल, 09 केेस सात साल, 19 केेस 5 साल, 7 केस तीन साल से लंबित हैै।
श्री नदीम कोे उपलब्ध सूचना मेें राज्य उपभोक्ता आयोेग मंेे केेसों के लंबित होेने केे कारण रोज-रोज की हड़ताले तथा बार-बार तारीखे लेना दर्शाया गया हैै।

Related Articles

Back to top button
Translate »