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नई भोर होने को है, नया कार्यकाल बुला रहा है : मोदी

  • मोदी के नेतृत्व में नई सरकार की तैयारियां शुरू
  • नरेंद्र मोदी  30 मई को लेंगे प्रधानमंत्री की शपथ 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भाजपा के मार्गदर्शक एवं वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी और डॉ. मुरली मनोहर जोशी से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। प्रधानमंत्री ने आडवाणी और जोशी के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। राष्ट्रपति भवन से निकलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा इस कार्यकाल का सूर्य अस्त हो गया है, लेकिन हमारे कार्यो की चमक से करोड़ों लोगों के जीवन रोशन होते रहेंगे। नई भोर होने को है, नया कार्यकाल बुला रहा है।’

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जहां भाजपा ने 17वीं लोकसभा के लिए हुए आम चुनाव में अपने दम 303 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया वहीं भाजपा नीत  राजग यानि घटक दलों ने 350 से ज्यादा सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद राजग ने नई सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को औपचारिक रूप से संसदीय दल का नेता चुना जाएगा। इसके लिए न सिर्फ भाजपा बल्कि जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे समेत राजग के सभी 39 दलों के सदस्य व नेता शनिवार को संसद के केंद्रीय कक्ष में उपस्थित होंगे। सभी दलों की ओर से भाजपा को समर्थन की चिट्ठी भी सौंपी जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार नरेंद्र मोदी इस महीने की 30 तारीख को प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। उनके साथ लगभग  चार दर्जन मंत्रियों के भी शपथ लेने की सम्भवना है। 

आम चुनाव की मतगणना के एक दिन बाद शुक्रवार को हुई केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में राजग की ऐतिहासिक जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी । इस दौरान प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 16वीं लोकसभा को भंग करने की सिफारिश की गई। जिसके बाद प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और उन्हें लोकसभा भंग करने की सिफारिश और अपनी मंत्रिपरिषद का त्यागपत्र सौंपा, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया। उन्होंने नई सरकार के पदभार संभाल लेने तक प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद को पद बने रहने को कहा है।

नई (17वीं) लोकसभा के गठन की प्रक्रिया तब शुरू होगी जब तीनों चुनाव आयुक्त राष्ट्रपति को नवनिर्वाचित सांसदों की सूची सौंप देंगे। वर्तमान लोकसभा का कार्यकाल तीन जून तक है। अगर इसे तब तक भंग नहीं किया गया तो यह स्वत: भंग हो जाएगी। यह एक संवैधानिक औपचारिकता है। लिहाजा तीन जून से पहले नई सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

गौरतलब हो कि वर्ष 2014 में पहली बार सांसद के रूप में मोदी ने प्रवेश से पहले संसद भवन की सीढ़ियों पर झुककर संसद को प्रणाम किया था। वह संसद को लोकतंत्र का मंदिर मानते हैं। यही नहीं, भाजपा को पहली बार लोकसभा में पूर्ण बहुमत दिलाने के लिए लालकृष्ण आडवाणी की ओर से आभार प्रकट किए जाने पर वह अपने संबोधन के दौरान भावुक भी हो गए थे।

वहीं चर्चाएं हैं की शपथ ग्रहण के पहले मोदी 28 मई को वाराणसी भी जा सकते हैं। चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद प्रधानमंत्री कभी चुनाव प्रचार के लिए वाराणसी नहीं जा पाए थे। शपथ लेने के पहले वाराणसी जाकर वह जनता को जीत के लिए धन्यवाद देंगे और गंगा आरती करेंगे।

इधर शनिवार को राजग संसदीय दल का नेता चुने जाने के बाद मोदी राष्ट्रपति को राजग सांसदों की सूची सौंपकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। इसके बाद ही शपथ ग्रहण की तिथि तय की जाएगी। मोदी का नेता चुना जाना वैसे तो औपचारिकता मात्र है, लेकिन इस दौरान वह सभी नवनिर्वाचित सांसदों से पहली बार रुबरू होंगे।

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