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1992 में संशोधित 1986 की राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति में उपयुक्‍त बदलाव की जरूरत : ”निशंक”

केन्‍द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (सीएबीई) की विशेष बैठक

राष्ट्रीय शिक्षा नीतिका मसौदा 2019 (डीएनईपी 2019) पर चर्चा

हमारे देश को एक ज्ञान महाशक्ति बनाना है : रमेश पोखरियाल 

साहित्यिक चोरी निरोधी सॉफ्टवेयर (पीडीएस) “शोधशुद्धि” हुआ लॉन्च

The Union Minister for Human Resource Development, Dr. Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’ releasing the publication at the special meeting of the Central Advisory Board of Education(CABE), in New Delhi on September 21, 2019.
The Minister of State for Youth Affairs & Sports (Independent Charge) and Minority Affairs, Shri Kiren Rijiju, the Minister of State for Human Resource Development, Communications and Information Technology, Shri Dhotre Sanjay Shamrao, the Secretary, Department of Higher Education, Shri R. Subrahmanyam and other dignitaries are also seen.

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री श्री पोखरियाल नेकहा कि सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करने के लिए उल्‍लेखनीय पहल शुरू की है,जिसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए युवाओं की आकांक्षा को पूरा करना और हमारे देश को एक ज्ञान महाशक्ति बनाना है।इस लिहाज से 1992 में संशोधित 1986 की राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति में उपयुक्‍त बदलाव करने की जरूरत है ताकि हमारी बड़ी युवा आबादी की समकालीन और भविष्य की जरूरतों को पूरा किया जा सके। इसलिए इस नीति को तीन दशक से अधिक समय के बाद लाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि चार वर्षों के दौरान एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया शुरू की गई और डॉ. के. कस्तूरी रंगन की अध्यक्षता में गठित राष्‍ट्रीय शिक्षा मसौदा नीति समिति नेराष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2019 का मसौदा 31 मई, 2019 को मंत्रालय को सौंप दिया।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (सीएबीई) की विशेष बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। 

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सीएबीई की यह विशेष बैठक एनईपी के मसौदे पर चर्चा करने के लिए बुलाई गई है ताकि केन्‍द्र एवं राज्‍य दोनों सरकारों में सहकारी संघवाद की भावना बरकरार रहे और वे एक मजबूत नीति लाने के लिए स्वस्थ एवं समृद्ध बातचीत में संलग्न हों ताकि हमारे युवाओं को 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्‍त बनाया जा सके।

सरकार गतिशील सामाजिक-आर्थिक जरूरतों के अनुकूल उपयुक्‍त बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध : धोत्रे 

वहीं बैठक में उपस्थित मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री धोत्रे ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि स्‍कूल एवं उच्‍च शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने, समावेश को सुनिश्चित करने और गुणवत्ता एवं उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए कई नई पहल की जा रही हैं। उन्होंने सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकारें भी शिक्षा को सुलभ, न्यायसंगत और गुणात्मक बनाने के लिए उल्‍लेखनीय  प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि शैक्षिक सुधार एक सतत प्रक्रिया है और सरकार गतिशील सामाजिक-आर्थिक जरूरतों के अनुकूल उपयुक्‍त बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

शैक्षिक संस्थानों में फिट इंडिया मूवमेंट को लोकप्रिय बनाने की जरुरत : किरेन रिजिजु

श्री किरेन रिजिजु ने अपने संबोधन में फिट इंडिया मूवमेंट के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी का मानना है कि फिट इंडिया मूवमेंट एक राष्ट्रीय लक्ष्य बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी ने हमारे दैनिक तंदरुस्‍ती रूटीन को कम कर दिया है और शारीरिक तंदरुस्‍ती के अभाव में जीवनशैली की बीमारियां पैदा हुई हैं। उन्होंने राज्‍यों को अपने शैक्षिक संस्थानों में फिट इंडिया मूवमेंट को लोकप्रिय बनाने और लोगों को तंदरुस्‍तीके प्र‍ति जागरूक करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में युवाओं की एक बड़ी और लगातार बढ़ रही आबादी है और यदि हमारे युवा स्वस्थ और तंदरुस्‍त नहीं होंगे तो वे आर्थिक वृद्धि एवं राष्ट्रीय विकास में योगदान नहीं कर सकते हैं।

संस्कृति और शिक्षा एक दूसरे पर आश्रित और संबंधित : प्रह्लाद सिंह पटेल 

श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि संस्कृति और शिक्षा एक दूसरे पर आश्रित और संबंधित है। उन्होंने कहा कि बच्चों और युवाओं को विभिन्न संस्कृतियों के बीच मेलजोल से अधिक से अधिक सीखने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि शिक्षा को नई पीढ़ी तक ज्ञान एवं संस्‍कृति संप्रेषित करना चाहिए और छात्रों के दृष्टिकोण को बदलना चाहिए।

उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) 2018-19 किया जारी

The Union Minister for Human Resource Development, Dr. Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’ at the special meeting of the Central Advisory Board of Education(CABE), in New Delhi on September 21, 2019.
The Minister of State for Youth Affairs & Sports (Independent Charge) and Minority Affairs, Shri Kiren Rijiju, the Minister of State for Human Resource Development, Communications and Information Technology, Shri Dhotre Sanjay Shamrao, the Secretary, Department of Higher Education, Shri R. Subrahmanyam and other dignitaries are also seen.

सीएबीई की बैठक के उद्घाटन सत्र मेंमानव संसाधन विकास मंत्री ने उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआईएसएचई) 2018-19 जारी किया। सर्वेक्षण की मुख्य बातें इस प्रकार हैं: उच्च शिक्षा में जीईआर 2017-18 में 25.8 से बढ़कर 2018-19 में 26.3 हो गया,जबकि निरपेक्ष रूप से नामांकन 3.66 करोड़ से बढ़कर 3.74 करोड़ छात्रों का हो गया। एससी के लिए जीईआर में 21.8 से 23.0 और एसटी के लिए 15.9 से 17.2 तक की वृद्धि दर्ज की गई है। जहां तक विश्वविद्यालयों की संख्या में वृद्धि का सवाल है तो इस दौरानवह 903 (2017-18) से बढ़कर 993 (2018-19) और कुल एचईआई 49,964 से बढ़कर 51,649 हो गए हैं। संकाय की संख्या 13.88 लाख से बढ़कर 14.16 लाख हो गई।

मंत्री ने साहित्यिक चोरी निरोधी सॉफ्टवेयर (पीडीएस) “शोधशुद्धि”को भी लॉन्च किया। यह सेवा यूजीसी के एक इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर (आईयूसी) आईएनएफएलआईबीएनईटी द्वारा लागू की जा रही है। पीडीएस शोधार्थियों के मूल विचारों एवं लेखों की मौलिकता सुनिश्चित करते हुए अनुसंधान परिणाम की गुणवत्ता में सुधार लाने में काफी मदद करेगा। शुरू में लगभग 1000 विश्वविद्यालयों/ संस्थानों (केंद्रीय विश्वविद्यालयों,केंद्र द्वारा वित्तपोषित तकनीकी संस्थानों (सीएफटीआई),राज्यों केसरकारी विश्वविद्यालयों,डीम्ड विश्वविद्यालयों,निजी विश्वविद्यालयों,अंतर विश्वविद्यालय केंद्रों (आईयूसी),और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों को यह सेवा प्रदान की जा रही है।

सीएबीई की विशेष बैठक का मुख्य एजेंडा राष्ट्रीय शिक्षा नीतिका मसौदा2019 (डीएनईपी 2019) पर चर्चा करना था। डीएनईपी 2019 की मुख्‍य बातों को उजागर करते हुए स्कूल एवं उच्च शिक्षा पर केंद्रित दो अलग-अलग प्रस्तुतियां दी गईं। मसौदा एनईपी में प्रस्तावित विभिन्‍न सिफारिशों एवं सुधारों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। राज्यों के शिक्षा मंत्रियों द्वारा बहुमूल्य सुझाव दिए गए।वे नीति निर्माण में बराबर भागीदार हैं और उन्होंने महसूस किया कि उनके सुझाव काफी महत्वपूर्ण हैं ताकी प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपने लक्ष्‍य हासिल करने के लिए प्रोत्‍साहित किया जा सके। बेहतर जवाबदेही के साथ सभी के लिए सस्‍ती एवं गुणवत्‍ता युक्‍त शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करना इस राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्‍य है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने अपने समापन भाषण में सीएबीई सदस्यों की सक्रिय भागीदारी के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह वास्‍तव में एक लोकतांत्रिक चर्चा थी जिसमें काफी मूल्यवान विचारों और सुझावों का आदान-प्रदान हुआ। उन्‍होंने कहा कि वह सभी की भावनाओं का आदर करते हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि मंत्रालय द्वारा इस नीति को अंतिम रूप देते समय इन सभी विचारों और सुझावों को उचित महत्व दिया जाएगा।

इस बैठक में केन्‍द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री प्रहलाद सिंह पटेल,केन्‍द्रीय खेल एवं युवा मामलों के मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) और अल्‍पसंख्‍यक मामलों के मंत्री श्री किरेन रिजिजू और मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे उपस्थित थे। वहीं बैठक में राज्यों के शिक्षा मंत्री, राज्यएवं केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि, सीएबीई के सदस्य, स्वायत्त संगठनों के प्रमुख, विश्वविद्यालयों के कुलपति और उच्च शिक्षा विभाग के सचिवश्री आर. सुब्रह्मण्यम, और स्‍कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव श्रीमती रीना रेकेंद्र एवं राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में उपस्थित थे।

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