NDA घटक दलों में एक स्वर से सहमति: मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा चुनाव
एनडीए की बैठक में पीएम मोदी सबको स्वीकार्य
सबका साथ सबका विकास की थीम ने राजग में एकजुटता दिखा दी
नई दिल्ली : नोटबंदी के बाद उत्तराखंड उत्तर प्रदेश में बड़ी जीत ने एनडीए में नरेंद्र मोदी के कद को विस्तार दे दिया। यही वजह है कि चुनावों से दो साल पहले ही एनडीए के 33 दलों की आधी रात तक चली बैठक के बाद एलान कर दिया कि वो मोदी के नेतृत्व में ही अगला चुनाव लड़ेंगे। इस तरह एनडीए की 33 दलों की बैठक नरेंद्र मोदी सिरमौर बनकर उभरे हैं।
गौरतलब हो कि एनडीए की इस महा बैठक में पहले ऐसा लग रहा था कि बैठक में राष्ट्रपति चुनाव का मुद्दा ख़ास होगा , लेकिन बैठक का सिर्फ एक ही मुद्दा था वो था 2019 चुनावों के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का समर्थन। एनडीए पूरी ताकत से मोदी के पीछे आ खड़ा हुआ। सबका साथ सबका विकास की थीम ने राजग में एकजुटता दिखा दी। एनडीए बैठक में पारित प्रस्ताव में 2019 का चुनाव मोदी के नेतृत्व में लड़ने की बात कही गई ।एनडीए की बैठक में सहयोगियों की अगवानी खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने की।
भारत के राजनीतिक चुनावी इतिहास में अब तक ऐसा नहीं हुआ कि चुनाव के दो साल पहले ही किसी गठबंधन ने अपना नेतृत्व चुनाव के लिए तय कर लिया हो, लेकिन एनडीए के 33 दलो ने 2019 का चुनाव मोदी के नेतृत्व में लड़ना तय किया है। यही नहीं प्रस्ताव में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर,गोवा में बीजेपी एनडीए के प्रदर्शन के लिए मोदी के करिश्माई नेतृत्व को भी बधाई दी गई. साथ ही मोदी के नेतृत्व में पूरा विश्वास जताया गया।
यहां यह उल्लेख उचित है कि बैठक से पहले एक बैठक हुई। इस बैठक में उद्धव ठाकरे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बीच बातचीत हुई। दोनों के बीच अलग कमरे में करीब बीस मिनट बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के गठबंधन में मतभेदों को दूर करने पर चर्चा की गई।
बैठक के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने बैठक में समापन भाषण दिया। जिसमें उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में गरीबों तक पैठ बढ़ी है। अब गरीबों की योजनाओं को आखिरी नागरिक तक पहुंचाने के लिए मेहनत की जरूरत है। हमारी ज़िम्मेदारी है कि देश में एक साथ चुनाव हो इसके लिए चर्चा तेज़ करने की ज़रुरत है। मोदी ने एनडीए के विस्तार पर ज़ोर दिया कहा कि एनडीए पहले से बड़ा हो गया है। इसके विस्तार की भी सम्भावनाओं को तलाशा जाना चाहिए।