गाड़ियों से इतर हैली की सवारी को सबसे ज्यादा तवज्जो
राजेन्द्र जोशी
देहरादून : उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान लगभग सभी राजनीतिक दलों ने करोड़ों रुपये हेलीकाप्टर की सवारी करने में उड़ा दिए। हैली की सवारी करने में भाजपा सबसे आगे रही। पहाड़ पर राजनीती करने वाले इन दलों के नेताओं ने गाड़ियों से इतर हैली की सवारी को सबसे ज्यादा तवज्जो दी।
गौरतलब हो कि भाजपा के प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह, हेमा मालिनी, स्मृति ईरानी, योगी आदित्यनाथ, मनोज तिवारी के अलावा कई हाई प्रोफाइल स्टार प्रचारकों सहित एक दर्जन केंद्रीय नेताओं के व स्थानीय नेताओं ने हैलीकॉप्टर की सवारी के खूब मज़े लिए। सूत्रों के अनुसार लगभग एक महीने तक चले इस हवाई खेल में करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा दिए गए। जिसका भुगतान केंद्रीय कार्यालयों द्वारा किया जाना बताया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार अकाली दल ने काशीपुर से भाजपा प्रत्याशी चीमा के प्रचार में बेल-429 ट्विन इंजन हैलीकॉप्टर का प्रयोग कर दो लाख रुपये का भुगतान किया। वहीँ राज्य सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने मुख्यमंत्री हरीश रावत और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की हवाई यात्राओं पर अगस्ता-109 ट्विन हेलीकाप्टर व बेल-407 GX सिंगल इंजन का प्रयोग कर लगभग चार लाख रुपये हैली सेवा देने वाली कंपनी को चुकाए। वहीँ राज्य में अभी तक अपना खाता न खोल सकी समाजवादी पार्टी ने लगभग 1 करोड़ रुपये हैलीकॉप्टर पर उड़ाए। सपा ने बेल 412,अगस्ता 109,बेल 407, EC-B5,citalion एयरक्राफ्ट पर लगभग 15 लाख रुपये उड़ाए।
वहीँ बहुजन समाजवादी पार्टी ने बेल -429 का प्रयोग करते हुए लगभग पांच लाख रुपये हवाई यात्रा पर उड़ाए। वहीँ इस चुनाव में सर्वाधिक हवाई यात्रा का रिकॉर्ड बनाने वाली भाजपा ने करोड़ों रुपये हवा में पहाड़ नापने में खर्च कर डाले।भाजपा ने बेल 412, अगस्ता-AW-139, बेल-429, अगस्ता-109 GC जैसे हैलिकॉप्टरों से हवाई यात्रायें की जिस पर करोड़ों खर्च किये गए।
एक जानकारी के अनुसार इन राजनीतिक दलों ने देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड के साथ ही जॉली ग्रांट हवाई अड्डे,सहित पंत नगर और हल्द्वानी बेस से यह यात्रायें की। राष्ट्रीय राजनैतिक दलों द्वारा हेलीकाप्टरों के अंधाधुंध प्रयोग पर उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के नेता पुष्पेश त्रिपाठी, का कहना है कि “राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा हेलीकाप्टरों के अंधाधुंध प्रयोग की ठीक से जांच होनी चाहिए।” उन्होंने कहा ” करोड़ों के इस भुगतान ने राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव नियमों का एक खुला उल्लंघन किया है और धन बल के बदसूरत तस्वीर पेश की है जिसकी उच्चतम स्तर पर जांच की जानी चाहिए।”