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मसूरी पेयजल योजना को केन्द्र से सैद्धान्तिक मंजूरी मिली : सीएम

- पर्यटकों का आवागमन बढ़ जाने से बढ़ जाती है पानी की समस्या
- नैनीताल पेयजल योजना का तकनीकी समिति द्वारा किया गया अध्ययन
- तकनीकी पहलुओं की गहन जाँच के बाद जमरानी बाँध के निर्माण के लिए मंजूरी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि लगभग 200 करोड़ लागत की मसूरी पेयजल योजना को केन्द्र से सैद्धान्तिक मंजूरी मिल गयी है। उन्होंने कहा कि पर्यटन नगरी मसूरी में ग्रीष्मकाल में पर्यटकों का आवागमन बढ़ जाने से पानी की समस्या बढ़ जाती है, इस योजना के धरातल पर उतरने के बाद मसूरी क्षेत्र के लोगों को पानी की समस्या से निजात मिल सकेगी। केन्द्र द्वारा सैद्धान्तिक स्वीकृति मिलने से इस योजना के निर्माण के लिए शीघ्र ही आगे की कार्यवाही शुरू की जाएगी।
एक कार्यक्रम के बाद मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि नैनीताल पेयजल योजना का भी तकनीकी सलाहकार समिति द्वारा अध्ययन कर लिया गया है। आशा है कि शीघ्र ही इस योजना के निर्माण के लिए केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृति प्राप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के निर्माण से नैनी झील के जलस्तर को बनाए रखने में भी सहायता मिलेगी। नैनी झील के रखरखाव के लिए राज्य सरकार द्वारा पूर्व में भी 20 करोड़ रूपये जारी किए गए थे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने बताया कि केन्द्रीय जलायोग की तकनीकी सलाहकार समिति द्वारा जमरानी बाँध के सभी बिन्दुओं और तकनीकी पहलुओं की गहन जाँच के बाद जमरानी बाँध के निर्माण के लिए मंजूरी दे दी गयी है। 09 किलोमीटर लम्बे, 130 मीटर चैड़े और 485 मीटर ऊँचे इस बाँध के निर्माण से 14 मेगावाट विद्युत उत्पादन के साथ ही पेयजल व सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा एयर कनेक्टिविटी पर विशेष बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देहरादून-गुवाहाटी-कोलकाता के लिए जेट एयरवेज की नियमित हवाई शुरू हो गयी है। उन्होंने बताया कि देहरादून से जयपुर, जम्मू और अमृतसर के लिए पहले ही सीधी हवाई सेवा शुरू की जा चुकी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से निश्चित रूप से राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की आर्थिकी के लिए लाभकारी होगा।