मलबे में आखिरी सांस तक ममता की ढाल बनी रही मां, जुड़वां बेटों को सीने से लगाए मिले तीनों के शव

उत्तराखंड के चमोली जिले में भारी बारिश और भूस्खलन ने जनजीवन को तहस-नहस कर दिया है। नंदानगर क्षेत्र के ‘कुंतरी लगा फाली’ गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने हर किसी को भावुक कर दिया। मलबे से जब 38 वर्षीय कांता देवी का शव निकाला गया, तो वह अपने 10 वर्षीय जुड़वां बेटों – विकास और विशाल – को अपनी बांहों में लिपटाए हुए थीं। यह दृश्य इतना मार्मिक था कि वहां मौजूद लोग फफक-फफक कर रो पड़े।
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कांता देवी और उनके बेटों के शव एक साथ दबे मिले। रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीनों की मौत एक साथ हुई और मां ने अपने आखिरी समय में भी अपने बच्चों को बचाने की भरपूर कोशिश की। उनके पति, कुंवर सिंह, जो खुद मलबे में दबे थे, को 16 घंटे पहले ही जीवित निकाला गया और अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मां की ममता का मर्मांतक दृश्य
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कांता देवी के चेहरे पर बच्चों के लिए चिंता और ममता की छाया साफ दिख रही थी। दोनों बच्चे, विकास और विशाल, कक्षा चार में पढ़ते थे। जब उनके शव निकाले गए, तो गांव में मातम पसर गया। रिश्तेदार और ग्रामीणों की आंखें नम थीं और हर कोई कांता देवी की ममता को सलाम कर रहा था।
आपदा में 7 की मौत, 2 अब भी लापता
अब तक नंदानगर क्षेत्र में आपदा से सात लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मृतकों की पहचान इस प्रकार है:
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कांता देवी (38 वर्ष)
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विकास (10 वर्ष)
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विशाल (10 वर्ष)
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नरेंद्र सिंह (40 वर्ष)
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जगदम्बा प्रसाद (70 वर्ष)
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भागा देवी (65 वर्ष)
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देवेश्वरी देवी (65 वर्ष)
वहीं, धुरमा गांव के गुमान सिंह (75 वर्ष) और ममता देवी (38 वर्ष) अब भी लापता हैं, जिनकी खोजबीन जारी है।
प्रशासन और बचाव टीम अलर्ट पर
राज्य आपदा प्रबंधन टीम, स्थानीय प्रशासन और NDRF की टीमें लगातार मलबा हटाने और लापता लोगों की तलाश में जुटी हैं। चमोली के डीएम ने इलाके का दौरा कर राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की है।
मुख्यमंत्री का शोक संदेश
मुख्यमंत्री ने घटना पर गहरा शोक जताते हुए मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, “इस दुखद घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। सरकार पीड़ितों के साथ खड़ी है।”