प्रदेश की जेलों में क्षमता से डेढ़ गुना अधिक कैदी, 60 फीसदी विचाराधीन

कारागार मुख्यालय द्वारा की गयी उपलब्ध सूचना …..
- हल्द्वानी जेल में क्षमता से 385प्रतिशत तो देहरादून में 216 प्रतिशत कैदी
- उत्तराखंड की जेलों में हैं केवल 40 प्रतिशत ही सिद्धदोष कैदी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड की जेलों में उनकी क्षमता से डेढ़ गुना से अधिक कैदी बंद है, इन बंद कैदियों में 60 प्रतिशत कैदी विचाराधीन कैदी हैं, केवल 40 प्रतिशत ही सिद्धदोष कैदी है। हल्द्वानी जेल में क्षमता से 285 प्रतिशत अधिक कैदी बंद है। यह खुलासा सूचना अधिकार के अन्तर्गत सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को कारागार मुख्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन ने मुख्यालय, महानिरीक्षक कारागार, उत्तराखंड से उत्तराखंड की जेलों की क्षमता तथा उसमें बंद कैदियों के सम्बन्ध में सूचना मांगी। इसके जवाब में कारागार मुख्यालय के लोक सूचना अधिकारी व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सी.एस.जोशी ने अपने पत्रांक 470 दिनांक 29 जनवरी 2019 से कारागारों में सापेक्ष कुल निरूद्ध बन्दियों की क्षमता के कुल निरूद्ध बन्दियों की संख्या की सूचना उपलब्ध करायी है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड में स्थित कुल 11 जेलों की क्षमता 3420 कैदियों की है जबकि उसमें सूचना उपलब्ध कराने की तिथि को 5390 कैदी बंद है। जिसमें 2162 सिद्धदोष (सजायाफ्ता) तथा 3228 विचाराधीन कैदी है। कुल कैदियों में 60प्रतिशत कैदी विचाराधीन है, केवल 40प्रतिशत ही न्यायालय से सजा पाये कैदी है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार क्षमता से सर्वाधिक कैदी हल्द्वानी जेल में बंद है। हल्द्वानी जेल की क्षमता केवल 302 कैदियों की है जबकि वहां 1162 कैदी बंद हैं जो क्षमता का 385प्रतिशत है, दूसरे स्थान पर क्षमता के 216प्रतिशत 1254 कैदी देहरादून जेल में बंद है जबकि क्षमता 580 कैदियों की है। तीसरे स्थान पर क्षमता के 185प्रतिशत 189 कैदी अल्मोड़ा जेल में बंद है। जबकि क्षमता केवल 102 कैदियों की है।
इसके अतिरिक्त हरिद्वार जेल में क्षमता के 169 प्रतिशत 1416 कैदी, रूड़की जेल में 164प्रतिशत 401 कैदी, नैनीताल में 158प्रतिशत 98 कैैदी बंद है। उत्तराखंड में 5 जेले ऐेसी भी है जिसमें उनकी क्षमता से कम कैदी बंद है। क्षमता से सबसे कम कैदी सम्पूर्णनन्द शिविर सितारगंज में बंद है। इस जेल की क्षमता 300 कैदियों की है जबकि क्षमता के केवल 16प्रतिशत 47 कैदी ही बंद है, दूसरे स्थान पर चमोली जेल में क्षमता के 43प्रतिशत 56 कैदी, तीसरे स्थान पर टिहरी जेल में 77प्रतिशत 115 कैदी तथा चौथे स्थान पर पौड़ी में 90प्रतिशत 135 कैदी तथा पांचवें स्थान पर केंद्रीय कारागार सितारगंज में 98 प्रतिशत 500 कैदी बंद है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड की जेलों में कुल कैदियों में 60 प्रतिशत विचाराधीन कैदी है जिन्हें सजा नहीं हुई, बल्कि उन पर मुकदमें चल रहे हैं। कुल 3228 विचाराधीन कैदियों में 766 देहरादून, 496 हरिद्वार, 79 नैनीताल, 120 अल्मोड़ा, 41 चमोली, 82 पौड़ी, 99 टिहरी, 382 रूड़की, 1048 हल्द्वानी, 115 केन्द्रीय कारागार सितारगंज में बंद है और अपने मुकदमों के फैसलों का इंतजार कर रहे हैं। सम्पूर्णानन्द शिविर सितारगंज में सभी 47 सजा याफ्ता कैदी बंद है इसमें कोई विचाराधीन कैदी बंद नहीं है।
उपलब्ध सूचना के अनुसार उत्तराखंड की 11 जेलों में कुल 2162 सिद्धदोष (सजा याफ्ता) कैदी बंद है जिसमें 488 देहरादून, 920 हरिद्वार, 19 नैनीताल, 69 अल्मोड़ा, 32 चमोली, 53 पौड़ी, 16 टिहरी, 19 रूड़की 114 हल्द्वानी, 385 केन्द्र्रीय जेल सितारगंज तथा 47 सम्पूर्णानंद शिविर (खुली जेल) सितारगंज में अपनी सजा काट रहे हैं।