Uttarakhand

विधानसभा सत्र: विपक्ष ने महंगाई मुद्दे पर सरकार को घेरा

विस में विपक्ष ने खाद्यान्न की बढ़ी कीमतों को लेकर किया हंगामा
एंग्लो इंडियन एमएलए जार्ज मेन को शपथ दिलाई

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन खाद्यान्न की बढ़ी किमतों को लेकर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति खंडित किए जाने का मामला उठाते हुए भी जमकर हंगामा किया।

सदन की कार्यवाही शुरु होते ही नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने एपीएल के लिए खाद्यान्न की कीमत में वृद्धि का मामला उठाया। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि पिछली सरकार में खाद्यान्न में सब्सीडी का जो निर्णय लिया गया था, इस सरकार ने इस फैसले को बदलकर गरीबो के हितों की अनदेखी की।

इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि इस देश मे राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा योजना संचालित है। 61 लाख 94 हजार लोगों को राष्ट्रीय खाद्यान्न सुरक्षा के तहत कवर हो रहे है। इसके बाद पांच लाख रुपये वार्षिक आय वाले परिवारों को भी इस योजना से जोड़ने जाने का फैस्ला लिया। इस योजना तहत 39 लाख लोग लाभान्वित होंगे। वहीं, विधायक प्रीतम पंवार ने पर्वतीय क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा बेहतर करने के लिए क्या कार्ययोजना है। संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने इस मामले में जवाब दिया।

उन्होंने बताया कि सरकार पर्वतीय क्षेत्र में आईपीडी ओर ओपीडी के लिए सुविधा दे रही है। इसके साथ ही उन्हीने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के तहत कार्य किये जा रहे है। चिक्तिस्य सेवाओ की दरों में मामूली वृद्धि की जा रही है। साधारण चिकित्सकां के पद भरने के लिए चयन बोर्ड को अधियाचन भेजा गया है। डेंटल के लिए परीक्षा हो चुकी है। इस पर प्रीतम पंवार ने कहा कि वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है या नहीं, दुर्गम भत्ता देने की क्या व्यवस्था है। पंत ने कहा कि सरकार लगातार इस ओर प्रयास कर रही है।

कांग्रेस विधायकों ने पिथौरागढ़ में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति खंडित किए जाने का मामला उठाते हुए जमकर हंगामा किया। कई सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाए। किसी तरह अध्यक्ष ने मामला शांत कराया। अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन कल तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले सदन में वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने जीएसटी विधेयक पेश किया। एंग्लो इंडियन एमएलए जार्ज मेन को विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने शपथ दिलाई।

लचर स्वास्थ्य सुविधा पर विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के विधायक भी हमलावर

विधानसभा सत्र के प्रथम दिन प्रदेश की लचर स्वास्थ्य सुविधाओं पर सरकार विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के विधायकों से भी घिरी नजर आई। प्रदेश के अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी व स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर विधायकों ने जमकर सवाल दागे। विधानसभा सत्र के पहले दिन प्रश्न काल में धनोल्टी के निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार के साथ ही सत्ता पक्ष के सुरेन्द्र सिंह नेगी ने भी राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार के उठाये जाने वाले कदम की जानकारी मांगी, जिस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुये चिकित्सकों की अत्यन्त कमी के कारण कुछ सामुदायिक अस्पतालों का पीपीपी मोड पर संचालन किया जा रहा है। लेकिन विपक्ष सरकार के सवाल पर संतुष्ट नहीं हुआ। विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के सुरेन्द्र सिंह जीना, महेन्द्र भट्ट, गणेश जोशी, मुन्ना सिंह चौहान, आदश चौहान आदि ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के अस्पतालों में चिकित्सकों व अल्ट्रासाऊण्ड मशीनों की कमी को उठाते हुये अस्पतालों को भी पीपीपी मोड पर देने की मांग की तो कई विधायकों ने पीपीपी मोड पर संचालित चल रहें अस्पतालों में सुविधाओं के अभाव का उल्लेख किया। इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री पंत ने कहा कि प्रदेश सरकार डॉक्टरों की कमी से लगातार जूझ रही है, जिसका हल निकालने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होने पूर्व सरकारों के प्रयासों और प्रयोगों का उल्लेख करते हुए कहा कि बीडीएस डॉक्टरों की नियुक्ति करने पर भी सरकार विचार कर रही है। पंत ने कहा कि उनकी सरकार प्रदश की स्वास्थ्य सुविधा को पटरी पर लाने का भरसक प्रयास कर रही है।

डा0 भीमराम की मूर्ति खंडित करने को लेकर हंगामा

विधानसभा में पिथौरागढ़ में संविधान के प्रारूपकार बाबा साहेब डाक्टर भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति खंडित करने का मामला उस समय गरमा गया जब सत्ता पक्ष के विधायक देशराज कर्णवाल ने नियम 300 के दौरान अपनी मांग पर विधानसभा कक्ष व परिसर में डाक्टर भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति लगाने पर पीठ का धन्यवाद दिया। तब सत्ता पक्ष के लोगों ने हंगामा करते हुये कहा कि सरकार बाबा साहेब के नाम वाहवाही लेना चाहती है, वही प्रदेश में उनकी मूर्ति खंडित की जा रही है, इस पर विपक्ष ने सदन ने जमकर हंगामा किया तो सत्ता पक्ष ने ये कहकर विपक्ष को आडे हाथों लिया कि वह असल में सदन में डाक्टर साहब की प्रतिमा लगने पर आग बबूला हो रही है।

राशन में गेहूं व चावल दाम वृद्धि पर विपक्ष का हंगामा, वाकआऊट

विधानसभा सत्र के दौरान सरकार के गरीबों को मिलने वाले गेंहूं व चावल की में गई वृद्धि पर जमकर हंगामा काटते हुये गरीबों के राशन पर सरकार के डाका डालने का आरोप लगाया। विपक्ष के हंगामे के बावजूद भी सरकार राषन की दरें घटाने को लेकर कोई आश्वासन नहीं दे पाई। विपक्ष ने सदन में राष्ट्रीय खाद्य योजना में मिलने वाले गेहूं व चावल के दामों में की गई बेहताशा वृद्धि के मामले को नियम 310 में उठाने की अनुमति मांगी। इस पर विधानसभाध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने इस मामले का नियम 58 में लिया जबकि विपक्ष इस मुद्दे पर निर्णायक चर्चा कराना चाहता था।

विपक्ष की नेता डाक्टर इन्दिरा हृदयेश ने कहा कि सरकार ने अपने एक माह के कार्यकाल में रातों रात एक बड़ा फैसला लिया, जिसने प्रदेश के गरीब जन को झकझोर कर रख दिया। उन्होंने कहा कि पहले तो केन्द्र की सरकार ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में राशन पर तीन माह तक रोक लगा दी और अब डबल इंजन के नाम पर सरकार ने राशन के दामों में बेहताशा वृद्धि कर एक झटका और दे दिया। पूर्व खाद्य मंत्री प्रीतम सिह ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में गेहूं पांच रूपये किलो और चावल छह रूपये किलो था। अब भाजपा सरकार में गेहूं आठ रूपये 60 पैसे जबकि चावल 15 रूपये कर दिया गया है। विपक्ष ने कहा कि यह सरकार गरीबों के हक पर डाका मारने आई है और क्या जनता ने इतना भारी बहुमत उन्हें इसी आस से दिया था ?

सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने जवाब दिया कि राष्ट्रीय खाद्य योजना में प्रदेश के 62 लाख परिवार कवर होते हैं जिन्हे पूर्ववर्त दामों पर खाद्यान्न दिया जायेगा जबकि पांच लाख रूपये प्रति वर्ष, जो प्रतिमाह लगभग 40,000 रूपये बैठता है, आय वर्ग के 38 लाख नागरिकों को 193 रूपये दर से गेहूं-चावल दिया जायेगा जिसका उनके निर्वाह स्तर को प्रभावित नही करता। उन्हांने कहा कि गरीबों को पर्याप्त खाद्यान्न उचित दाम में देने को सरकार प्रतिबद्ध है । लेकिन सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने इस पर सदन से बहिर्गमन की घोषणा कर दी।

जीएसटी व आकस्मिकता निधि संशोधन अधिनियम पटल पर
सरकार की ओर से आज विधानसभा पटल पर जीएसटी तथा आकस्मिकता निधि संशोधन विधेयक रख दिया गया। संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा है कि जीएसटी के अनुकरण में उत्तराखंड माल और सेवा कर विधेयक 2017 संवैधानिक अनिवार्यता है जबकि आकस्मिकता निधि सशोधन अधिनियम 2017 में निधि की राशि कम की जा रही है क्योकि तत्कालीन सरकार ने विशेष परिस्थितियों के दृष्टिगत इसे बढाकर 750 करोड रूपये की थी। अब जब कि स्थितियां सामान्य हैं तो इसे घटाकर 500 करोड किया जाना है।

जीना ने उठाया उपनल कर्मचारियों को बाहर निकालने का मुद्दा  

सदन में सत्ता पक्ष भाजपा के विधायक सुरेन्द्र सिंह जीना ने प्रदेश भर में उपनल में तैनात कर्मचारियों को बाहर निकालने के मुद्दे को उठाते हुये कहा कि सरकार उपनल के कर्मचारियों को निकालकर उन्हें बेरोजगार न बनाएं। विधायक जीना ने कहा कि फरवरी से लगातार उपनल के कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है, जबकि इन कर्मचारियों को छह हजार से लेकर 10 हजार रूपये तक वेतन में अपना गुजारा करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार को इनका वेतन बढ़ाकर प्रोत्साहित करना चाहिए लेकिन सरकार ऐसे कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा रही है जो कि उनके साथ अन्याय है। उन्होंने याद दिलाया कि पूर्ववर्ती सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी इन कर्मचारियों को न हटाने का आश्वासन दिया था। इस पर संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि ये मामला आश्वासन समिति के पास है और उसके निर्णय के बाद ही सरकार कोई कदम उठायेगी।

 

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