UTTARAKHAND
प्रदेश में केवल चार ही नशानुक्ति केंद्र से हैं मान्यता प्राप्त, जबकि दर्जनों चल रहे हैं फर्जी


देहरादून । उत्तराखंड में लोगों के बीच नशे का चलन लगातार बढ़ रहा है, जिसे छुड़ाने के लिए नशेड़ी के परिजन नशा मुक्ति केंद्रों का सहारा लेते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि राज्य बनने के 20 साल बाद भी नशा मुक्ति केंद्रों को लेकर कोई नीति सरकार नहीं बना पाई है। इसके चलते कोई भी व्यक्ति नशा मुक्ति केंद्र खोल देता है और नशा छुड़ाने के नाम पर कारोबार शुरु कर देता है। समाज कल्याण विभाग के निदेशक विनोद गिरी खुद स्वीकार कर रहे हैं कि चार नशा मुक्ति केंद्रों के अलावा सब अवैध रूप से काम कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद हैरानी की बात ये है कि कार्रवाई के नाम पर समाज कल्याण का रिकॉर्ड शून्य है।Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.