Measles Rubella Vaccination Campaign : 30 अक्टूबर से शुरु होगा

- जागरूकता को मीडिया कार्यशाला आयोजित ….
- यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा टीकाकरण तकनीकी ईकाई के प्रमुख साझेदार
- 9 महीने से लेकर 15 साल की उम्र तक के लगभग 41 करोड़ बच्चों के टीकाकरण का है लक्ष्य
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा टीकाकरण तकनीकी ईकाई के प्रमुख विकास साझेदारों के सहयोग से गुरुवार को देहरादून में खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान पर पत्रकारों के साथ एक मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया ।टीकाकरण के उपायुक्त डॉ. प्रदीप हल्दर ने बैठक की अध्यक्षता की। भारत 2020 तक मीजल्स यानि खसरे के उन्मूलन तथा रूबेला/कॉन्जेनाइटल रूबेला सिन्ड्रोम के नियन्त्रण हेतू प्रतिबद्ध है। दुनिया भर में अब तक का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान 9 महीने से लेकर 15 साल की उम्र तक के लग भग 41 करोड़ बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है ।
अभियान के दौरान बच्चों को मीजल्स रूबेला (एमआर) टीकाकरण की एक खुराक दी जाएगी। अभियान के बाद एमआर टीका नियमित टीकाकरण का एक भाग बन जाएगा, जो खसरे यानि मीजल्स के टीके को प्रतिस्थापित कर देगा। जिसे वर्तमान में 9-12 माह तथा 16-24 माह की उम्र में बच्चों को दिया जाता है। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के उपायुक्त डॉ प्रदीप हल्दर ने कहा, ‘‘टीकाकरण बच्चों के जीवन एवं भविष्य को सुरक्षित रखने का सबसे प्रभावी और किफायती तरीका है। सम्पूर्ण टीकाकरण द्वारा हम सुनिश्चित कर सकते हैं कि हर बच्चे को जीवन रक्षक टीकों के फायदे मिलें।
हाल ही में पेश की गई मीजल्स-रूबेला वैक्सीन अभियान के दौरान स्कूली बच्चों को, स्वास्थ्य सुविधाओं में और आउटरीच सत्रों में मुफ्त दी जाएगी, यह हमारे लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण प्रयास है।’’ सभा को सम्बोधित करते हुए युनिसेफ इण्डिया से सोनिया सरकार ने कहा, ‘‘पोलियो के खिलाफ लड़ाई में मीडिया हमारा पुराना साझेदार रहा है। हम एक बार फिर से आपसे सहयोग की अपेक्षा रखते हैं ताकि हर बच्चा, चाहे वह कहीं पर भी हो, उसे सम्पूर्ण टीकाकरण मिल सके। टीकाकरण न केवल एक बच्चे की जिन्दगी बचाता है बल्कि हमारे स्वस्थ एवं उत्पादक भविष्य को भी सुनिश्चित करता है।
यह सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप का सबसे लागत-प्रभावी तरीका है।’’इस मौके पर विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉ आर विश्वकर्मा ने कहा, ‘‘विश्व स्वास्थ्य संगठन खसरे के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के उद्घाटन के लिए भारत को बधाई देता है। खसरा बच्चों के लिए सबसे घातक और जानलेवा बीमारियों में से एक है, वहीं कॉन्जेनाइटल रूबेला सिन्ड्रोम, अनुत्क्रमणीय जन्मजात दोषों का कारण है। भारत पहले से ही छोटी चेचक (स्मॉल पॉक्स), पोलियो, जच्चा-बच्चा टिटेनस और यॉज जैसी बीमारियों को मात दे चुका है। आने वाले समय में खसरे की जंग में जीत हमें लाखों और बच्चों की जिन्दगियां बचाने में मदद करेगी और हम सार्वजनिक स्वास्थ्य की दिशा में अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकेंगे।’’स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने देश भर में चरणबद्ध तरीके से 9 माह से 15 साल तक के बच्चों के लिए मीजल्स-रूबेला (एमआर) टीके की शुरूआत की है।
टीकाकारण अभियान का पहला चरण फरवरी 2017 में पांच राज्यों – तमिलनाडू, कर्नाटक, गोवा, लक्षद्वीप और पुडुचौरी में लॉन्च किया गया। इसके तहत 3.3 करोड़ से ज्यादा बच्चों का टीकाकरण किया गया, इस तरह निर्धारित आयुवर्ग के 97 फीसदी बच्चे कवर किए गए। अभियान का संचालन स्कूलों, सामुदायिक केन्द्रों एवं स्वास्थ्य सुविधाओं में किया गया था। दूसरे चरण की शुरूआत अगस्त 2017 में 8 राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों में हुई। इसके तहत आन्ध्र प्रदेश, चण्डीगढ़, दादरा एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव, हिमाचल प्रदेश, केरल, तेलंगाना और उत्तराखण्ड में 3.4 करोड़ बच्चे कवर किए गए।
उत्तराखण्ड सरकार ने युनिसेफ एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा सिविल सोसाइटी संगठनों, साझेदारों, अकादमिज्ञों एवं मीडिया के सहयोग से टीकाकरण से जुड़े मिथकों को दूर करने और इसके प्रति लोगों में भरोसा पैदा करने के प्रयास किए हैं ताकि देश के हर बच्चे को अपने जीवन की सही शुरूआत करने का मौका मिले। इस मौके पर शिरकत करने वाले अन्य दिग्गजों में शामिल थे डॉ अर्चना श्रीवास्तव, डायरेक्टर, स्वास्थ्य, उत्तराखण्ड सरकारय नेशनल हेल्थ मिशन के मिशन डायरेक्टर श्री चंद्रेश कुमार, डॉ भारती राणा, राज्य टीकाकरण अधिकारी, उत्तराखण्ड, जिन्होंने राज्य में लॉन्च किए जाने वाले खसरा रूबेला अभियान का विवरण दिया। यह अभियान 13 जिलों के 28,35,658 बच्चों को कवर करेगा।
- मीजिल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के दिए निर्देश
अल्मोड़ा । जिलाधिकारी इवा आशीष ने मीजिल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान जो 30 अक्टूबर से प्रारम्भ होगा उसके लिए सभी तैयारियां समय से पूर्ण करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये। उन्होंने बताया कि 09 माह से 15 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए यह अभियान चलाया जा रहा हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि खसरा और रूबेला के यह टीके लगाये जायेगें। इसमें ‘‘खसरा रूबेला को पछाडे जिम्मेदार परिवार बने’’ की परिकल्पना को हमें साकार करने के लिए स्वतः स्फूर्त भावना से टीकाकरण कराने के लिए अभिभावकों को प्रेरित करना होगा उन्होंने बताया कि यह टीकाकरण शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान के रूप में 01 माह तक चलाया जायेगा।
खसरा रोग जानलेवा बीमारी है और बच्चों में अपंगता और मृत्यु के बड़े कारणों में से एक हैं। यह रोग संक्रामक रोग है इसके लिए अभिभावकों को जागरूक करना होगा इसी तरह रूबेला रोग भी संक्रामक रोग है इस रोग में अगर स्त्री को गर्भावस्था के आरंभ में रूबेला संक्रमण होता है तो सी.आरएस (जन्मजात रूबैला सिन्ड्रोम) विकसित हो सकता है जो भू्रण और नवजात शिशु के लिए गम्भीर और घातक हो सकता हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए रैलियों के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये।
उन्होंने बताया कि 09 माह से 15 वर्ष के 124864 (एक लाख चौबीस हजार आठ सौ चौसठ) बच्चों का टीकाकरण किया जायेगा। जिलाधिकारी ने कहा की जनपद का एम0आर0 माइक्रोप्लान बन चुका है इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रीयों के माध्यम से भी इसका प्रचार-प्रसार किया जायेगा। जनपद के समस्त विद्यालयों में टीकाकरण के लिए सभी अध्यापक पूर्ण सहयोग देगें। इस कार्य के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी उन्हें पूर्ण सहयोग देंगे। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी विद्यालय टीकाकरण से छूट नहीं जाए। जिलाधिकारी ने आंगनबाडी कार्यकत्रियों, आशा कार्यकत्रियों सहित अन्य स्वयंसहायता समूहों से भी इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में सहयोग की अपील की है।
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी व प्राईवेट विद्यालयों में खसरा व रूबैला के टीकाकरण हेतु अभिभावकों से भी सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि 30 अक्टूबर से प्रारम्भ होने वाले इस अभियान के दौरान यदि अर्द्धवार्षिक परीक्षायें हो रही हैं तो शिक्षा विभाग के अधिकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर परीक्षा की तिथियों में आवश्यक परिवर्तन करा लें ताकि यह अभियान जारी रहेगा। जिला अधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिये कि जनपद के सभी विद्यालयों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्दों, सामु0 स्वास्थ्य केन्द्रों के साथ समन्वयन बना कर इस कार्यक्रम में सफल बनाने के लिए सभी की जिम्मेदारियां निर्धारित कर ले ताकि कार्यक्रम सफल हो सकें।
जिला अधिकारी ने मिजिल्स रूबेला अभियान हेतु संकल्प को भी दोहराया। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 ए0के0 सिंह, डब्लूय0एच0ओ0 से आयी डॉ0 गोमती ने इस कार्यक्रम के बारे में विस्तृत रूप से प्रकार डाला साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक राय साहब यादव व प्रदीप गुरूरानी ने भी अपने सुझाव दिये। बैठक में उपस्थित मुख्य विकास अधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि जिला कार्यक्रम अधिकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वयन स्थापित कर इस कार्यक्रम को सफल बनायेगे। इस कार्यक्रम में जिला राज पंचायत अधिकारी पूर्ण सहयोग करेंगे। इस बेठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 निशा पाण्डे, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 सविता हंयाकि, पीएमएस प्रकाश वर्मा, सीएमएस दीपक गर्ब्याल, डॉ0 योगेश पुरोहित, पंचायती राज अधिकारी जितेन्द्र कुमार, कार्यक्रम अधिकारी पी0एस0 बृजवाल सहित समस्त प्रभारी चिकित्साधिकारी एवं स्वास्थ्य विभाग से जुडे अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।
- रुद्रप्रयाग में 52233 बच्चों को लगाया जाएगा एमआर टीका
- कार्याशाला में दिये गये आवश्यक दिशा-निर्देश
रुद्रप्राग । गंभीर बीमारी मिजिल्स-रूबेला को रोकने के लिए जनपद में स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। 30 अक्टूबर से शुरू होने वाले मिजिल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान के सफल आयोजन के लिये जिला स्तरीय कार्यशाला में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आयोजित कार्यशाला में अभियान की तैयारियों की समीक्षा की गई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सरोज नैथानी ने एमआर अभियान के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
उन्होंने कहा अभियान के तहत जनपद में नौ माह से 15 वर्ष तक के 52,233 बच्चों को एमआर टीके से प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों को अभियान को शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए एमआर टीका वितरण की कार्ययोजना पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ अभियान की दैनिक रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने व अभियान के प्रचार-प्रसार में और तेजी लाने के लिये निर्देशित किया। साथ ही उन्होंने ब्लाक स्तरीय अधिकारियों को शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित कर प्रत्येक स्कूल में होने वाले टीकाकरण दिवस की जानकारी सुनिश्चित करने को भी निर्देशित किया।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ ओपी आर्य व एसएमओ डॉ भवानी सिंह द्वारा मिजिल्स-रूबेला के कारण, लक्षण व कुप्रभावों के बारे में जानकारी दी व एमआर टीके के फायदे बताए। साथ ही उन्होंने चिकित्सकों को टीकाकरण के दौरान जरूरी ऐहतियात रखने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। कार्यशाला में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी अगस्त्यमुनि डॉ नीतू तोमर, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी जखोली डॉ आशुतोष कुमार, ऊखीमठ डॉ सचिन चौबे, डॉ विपिन सहित अन्य मौजूद थे।