गंगा में खनन खोलने पर बिफरा मातृसदन, हाईकोर्ट जाने की तैयारी

हरिद्वार : गंगा में खनन को लेकर हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अलग-अलग आदेशों के बीच सरकार ने श्यामपुर और चिड़ियापुर में खनन खोल दिया।
विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने बकायदा फीता काटकर वन विकास निगम के खनन कार्य का उद्घाटन किया। मातृसदन ने इसे सीपीसीबी के आदेश का उल्लंघन और हाईकोर्ट की अवमानना बताते हुए रविवार से तपस्या/अनशन शुरू करने का ऐलान कर दिया। साथ ही खनन को लेकर प्रदेश सरकार, भाजपा और आरएसएस की भूमिका पर भी सवाल उठाए।
गंगा में श्यामपुर व चिड़ियापुर क्षेत्र में वन विकास निगम का खनन वर्ष 2012 से बंद था। शनिवार को श्यामपुर में गंगा के घाट नंबर 10 पर खनन का शुभारंभ करते हुए भाजपा विधायक स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि खनन खुलने से बाजार में रेत- बजरी की आपूर्ति सुचारु हो सकेगी।
इससे खनन सामग्री की कीमतों में कमी आएगी। स्वामी ने कहा कि खनन पर रोक होने से राज्य का विकास रुक गया था। इस मौके पर वन विकास निगम के डीएलएम पीएस रावत, सेक्शन अधिकारी अशोककुमार, रतिराम, बुधराम सिंह, वन दारोगा रवि शंकर दुबे, वनकर्मी अशोक कुमार, रामतेज, रमेश चंद सैनी आदि उपस्थित रहे।
वहीं मातृसदन ने खनन खुलने पर कड़ी आपत्ति जताई। मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद सरस्वती ने पत्रकार वार्ता में बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से पर्यावरण सरंक्षण अधिनियम की धारा-5 लागू की गई है। जिसके तहत गंगा में किसी भी प्रकार की खनन गतिविधि प्रतिबंधित करते हुए क्रशरों को पांच किलोमीटर दूर हटाने के आदेश दिए गए हैं।
नैनीताल हाईकोर्ट ने भी तीन मई को एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए इस आदेश को सख्ती से लागू करने को कहा है। स्वामी शिवानंद ने कहा कि खनन खोलना सीपीसीबी के आदेश के साथ ही हफ्ते भर पहले आए हाईकोर्ट के आदेश का भी सीधा- सीधा उल्लंघन है।
पूर्व में दी गई चेतावनी के अनुसार खनन खुलने पर अब रविवार से मुख्य सचिव एम रामास्वामी, औद्योगिक विकास सचिव शैलेश बगोली, निदेशक खनि कर्म विनय शंकर पांडेय और खनन खोलने का आदेश जारी करने वाले अधिकारियों के निलंबन की मांग को लेकर ब्रह्मचारी आत्मबोधानंद की तपस्या/अनशन शुरू हो जाएगी। इसके बाद स्वामी शिवानंद खुद घोर तपस्या करेंगे।
स्वामी यतीश्वरानंद के हाथों फीता काटने पर स्वामी शिवानंद ने कहा कि सरकार पूरी तरह खनन माफिया की मुट्ठी में है। भाजपा और आरएसएस को गंगा द्रोही बताते हुए स्वामी शिवानंद ने कहा कि पीएम मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को इसका जवाब देना होगा। स्वामी शिवानंद ने कहा कि इस मामले में हाईकोर्ट में अवमानना का केस दायर किया जाएगा। साथ ही आपराधिक केस दर्ज कराने के लिए सीपीसीबी में भी चिट्ठी भेजी गई है।
अधिकारी बोले, खनन की सारी औपचारिकताएं पूरी
वन विकास निगम का कहना है कि खनन खोलने की सारी औपचारिकताएं पूरी की गई हैं। वन विकास निगम के डीएलएम पीएस रावत ने बताया कि खनन के लिए पर्यावरण, वाइल्ड लाइफ और फोरेस्ट की क्लीयरेंस ली गई हैं। इन सारी औपचारिकताओं को पूरा करने में दो साल का समय लगा है। जिसके बाद शासन और जिलाधिकारी ने खनन खोलने के आदेश दिए हैं। उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति अपने वाहन का पंजीकरण कराते हुए खनन सामग्री खरीद सकता है।
डीएम की छापेमारी को बताया नाटक
मातृसदन ने तीन दिन पहले क्रशरों पर छापेमारी और जुर्माने की कार्रवाई करने पर डीएम को धन्यवाद दिया था। मगर शनिवार को खनन खुलते ही सरकार, भाजपा और आरएसएस के साथ ही डीएम भी मातृसदन के निशाने पर आ गए। स्वामी शिवानंद ने डीएम की छापेमारी को नाटक बताते हुए आरोप लगाया कि यह सब खनन खोलने की भूमिका बनाने के लिए किया गया था। क्रशरों में मिले बड़े गड्ढे भरने के लिए भी खनन खोला गया है। स्वामी शिवानंद ने कहा कि उन्हें शक है कि डीएम दीपक रावत को इस खास उद्देश्य से ही सरकार ने हरिद्वार भेजा है। शायद पिछले डीएम मुरुगेशन ने यह काम करने से मना कर दिया होगा। कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के पारदर्शिता से जुड़े बयान पर पलटवार करते हुए स्वामी शिवानंद ने कहा कि यदि ऐसा है तो पंत यह बताएं कि कितने भाजपा नेताओं और अधिकारियों की खनन में हिस्सेदारी है।