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नेता प्रतिपक्ष ने नेताओं की खोली पोल, गैरसैंण पर कैसे होते हैं उनके बोल !

सत्र समाप्त करने को मंत्रियों और विधायकों ने उनसे की थी मिन्नतें!

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून : गैरसैंण में विधानसभा सत्र आयोजित होने पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सत्र को जल्द से जल्द निपटाने के लिये फिक्सिंग होती रही है। कुछ दिनों पहले कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की ओर से गैरसैंण पर  किये गये  खुलासे पर नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हृदयेश ने अपनी मुहर लगाई है। उनका कहना है कि गैरसैंण में आयोजित पिछले विधानसभा सत्र को समय से पहले खत्म करवाने के लिये सरकार के मंत्रियों और विधायकों ने उनसे हाथ जोड़कर मिन्नतें की थीं। 

सोमवार को विधानसभा भवन में स्थित अपने कक्ष में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि गैरसैंण में जरूरी सुविधायें व व्यवस्था जुटाये जाने के बाद ही विधानसभा सत्र आयोजित किये जाने चाहिये। अन्यथा वहां सत्र के दौरान कोई भी भी व्यक्ति मन से काम नहीं कर पाता। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में पिछले विधानसभा सत्र के दौरान सरकार के मंत्री और विधायक मेरे पास आये और हाथ जोड़कर खड़े हो गये।

मैंने कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि ‘दीदी प्लीज किसी भी तरह सत्र जल्दी से जल्दी समाप्त करवा दीजिए’। यह पूछने पर कि वे कौन-कौन मंत्री और विधायक थे ? उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसा मंत्री व विधायक नहीं था जो मेरे पास मिन्नत करने न आया हो। इंदिरा ने त्रिवेन्द्र सरकार पर गैरसैंण के विकास के लिये किये जा रहे निर्माण कार्यों को अवरुद्ध करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में राज्य में उसी दल की सरकार है जिसके प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने चुनाव से पहले वादा किया कि भाजपा की सरकार बनने पर तीन माह के भीतर गैरसैंण को राजधानी बना दिया जायेगा। अब जबकि भाजपा सरकार प्रचण्ड बहुमत के साथ सत्ता में है तो गैरसैंण को राजधानी बनाता तो दूर वहां चल रहे विकास कार्यों में रोड़ा अटकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में अब तक जो भी हुआ है वो सिर्फ कांग्रेस की देन है।

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