Uttarakhand

केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में लिए हैं अनेक निर्णय : सीएम

  • मुख्यमंत्री का हरिद्वार के किसानों ने किया सम्मान
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत साल में 6 हजार रूपये 
  • हरिद्वार में  इकबालपुर  नहर उत्तराखण्ड व उत्तर  प्रदेश बनाएगी 
  • पहाड़ी क्षेत्र में बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के लिए संगत खेती को बढ़ावा
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : जनपद हरिद्वार में इकबालपुर नहर की स्वीकृति के साथ ही किसानों के हित में लिए गए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के लिए रुड़की, बहादराबाद व भगवानपुर के किसानों द्वारा मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हॉल में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सम्मानित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में अनेक निर्णय लिए गए हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत साल में 6 हजार रूपये प्रदान किए जा रहे हैं इससे देश के 12 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिल रहा है। इस योजना में उत्तराखंड के सात लाख किसानों को लाभ होगा। इस योजना में सालाना 75 हजार करोड़ रूपए व्यय होंगे। यह सतत मिलने वाली सहायता होगी इससे किसान खाद एवं बीज आदि की तत्कालीन व्यवस्था करा सकेंगे।
उन्होंने कहा कि किसानों के हित में स्वामिनाथन रिपोर्ट को सरकार ने लागू कर फसलों के समर्थन मूल्य में डेढ़ गुना वृद्धि की है। किसानों की आय दोगुनी करने के भरसक प्रयास हो रहे हैं पहली बार 22 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुना बढ़ाया गया। किसानों के लिए नीम कोटेड यूरिया उपलब्ध करवाया मिट्टी की उर्वरता के लिए सॉइल हेल्थ कार्ड जारी किए फसलों के खराब होने की दशा में फसल बीमा योजना से किसानों के नुकसान की भरपाई हो रही है।किसानों को फार्म मशीनरी बैंक द्वारा कृषि उपकरणों पर 80ः तक छूट दी जा रही है। किसानों से अनाज की पारदर्शी ऑनलाइन खरीद हो रही है गन्ना किसानों के बकाया का 100 प्रतिशत भुगतान किया गया है। निजी चीनी मिलों को गन्ना किसानों के भुगतान हेतु साॅफ्ट लोन की व्यवस्था की गयी है, गन्ना किसानों को 4रूपये प्रति कुन्तल की भी सहायता दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार में  इकबालपुर  नहर का प्रस्ताव उत्तराखण्ड व उत्तर  प्रदेश द्वारा संयुक्त रूप से तैयार कर भारत सरकार को सौंपा गया। 1100 करोड़ की इस योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। इसमें दोनो प्रदेश 550-550 करोड़ की धनराशि का व्यय वहन करेंगे। तथा इससे इस क्षेत्र की खेती को पर्याप्त सिंचाई हेतु पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1840 रूपए प्रति क्विंटल है। राज्य सरकार इसके अतिरिक्त प्रदेश के किसानों को उनके व्यापक हित में गेहूं पर 20 रूपए प्रति क्विंटल अतिरिक्त बोनस की राशि प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि वर्तमान मंे श्रमिकों में 90 प्रतिशत से अधिक असगंठित क्षेत्र में हैं। इन श्रमिकों की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने सुध ली है। ऐसे श्रमिक जिनकी उम्र 18 से 40 साल के बीच है और मासिक कमाई 15,000 रुपये से कम है, वो सभी इस योजना से जुड़ सकते हैं। सभी कामगार जो घरों में सेवक के रूप में काम कर रहे हैं, कबाड़ से आजीविका कमाते हैं, खेत में मजदूरी कर रहे हैं, सड़कों व घरों के निर्माण में लगेे हैं, रेहड़ी व ठेले चलाते हैं, बुनकर हैं ऐसे कामों से जुड़े सभी कामगार योजना में शामिल हो सकते है।  इस योजना के तहत कामगारों को 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3000 रुपए की मासिक पेेंशन दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना में हम किसानों को बिना ब्याज के एक लाख रूपए तक के ऋण दे रहे हैं ताकि इनकी इनपुट कॉस्ट कम की जा सके। एग्रो प्रोसेसिंग के लिए कृषक समूह को बिना ब्याज के पांच लाख तक का ऋण दिया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड के लिए 3340 करोड रुपए किस राज्य समेकित सहकारिता विकास परियोजना शुरू की गई है जिसमें कृषि बागवानी पशुपालन सहकारिता में 55 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार से जुड़ा जा सकेगा। पहाड़ी क्षेत्र में बंजर भूमि के उपयोग और इसे फिर से उपजाऊ बनाने के लिए संगत खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है वातावरण के हिसाब से फसल विशेष   के  क्षेत्रवार कलस्टर तैयार किए जा रहे हैं पशुपालन दुग्ध उत्पादन मत्स्य पालन बागवानी जैसे कार्यों को भी प्रोत्साहन मिल रहा है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के तकनिकी सलाहकार श्री नरेन्द्र सिंह सहित बड़ी संख्या में  क्षेत्र के किसान उपस्थित थे।

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