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पेयजल योजना निर्माण में लाखों की हेराफेरी

ग्राम पंचायत घिमतोली के स्वांरी ग्वांस का मामला

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

रुद्रप्रयाग । विकासखण्ड अगस्त्यमुनि की ग्राम पंचायत घिमतोली के स्वांरी ग्वांस गांव में जिला योजना के अन्तर्गत बनी पेयजल योजना के निर्माण में लाखों रूपये की हेराफेरी का मामला प्रकाश में आया है। पेयजल निगम के दिशा-निर्देशन में ग्राम स्तर पर गठित समिति द्वारा पेयजल योजना का निर्माण कार्य किया गया है और गांव का प्रथम व्यक्ति समिति का मुखिया है। ग्रामीणों ने पेयजल योजना की जांच के लिए कई बार प्रशासन को लिखा गया है, मगर जांच जिला स्तरीय अधिकारियों की फाइलो में कैद हो गई है।

विदित हो कि घिमतोली ग्राम पंचायत के ग्वांस गांव में वर्ष 2015 में आयोजित पाण्डव नृत्य के दौरान आयोजित चक्रव्यूह लीला मंचन के अवसर पर जिला पंचायत सदस्य चोपता योगम्बर सिंह नेगी ने स्वांरी ग्वांस गांव के लिए पेयजल योजना निर्माण करने की घोषणा की थी।

वर्ष 2016 में जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा व जिला पंचायत सदस्य चोपता योगम्बर सिंह नेगी के प्रयासों से स्वांरी ग्वांस गांव के लिए जिला योजना के अन्तर्गत 17 लाख 91 हजार रूपये की वित्तीय स्वीकृति दी गयी थी। पेयजल योजना के निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति मिलते ही पेयजल योजना के निर्माण का जिम्मा पेयजल निगम को दिया गया। योजना निर्माण का जिम्मा मिलते ही पेयजल निगम ने ग्राम सभा स्तर पर समिति का गठन कर पेयजल योजना के निर्माण का जिम्मा समिति को दिया गया।

पेयजल निगम के अधिकारियों व समिति की मिलीभगत से पेयजल योजना के रिकॉर्डो से ग्वांस का नाम ही गायब किया गया। पेयजल निगम के अधिकारियों की देखरेख में समिति द्वारा पेयजल योजना पर जो कार्य किया गया, उसमें लाखों रूपये की हेराफेरी का मामला प्रकाश में आया है। विगत दिनों जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा की अध्यक्षता में चोपता में आयोजित जनता दरबार में पेयजल योजना के निर्माण में लाखों रूपये की हेराफेरी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया।

ग्रामीणों के अनुसार समिति द्वारा स्टैंड पोस्टों का निर्माण तो किया गया, मगर आज तक उन पर पानी की सप्लाई नहीं हुई है। योजना के निर्माण में बिछाये गई पाइप लाइन में भी विभागीय मानकों की अनदेखी की गयी है।

जिला पंचायत सदस्य चोपता योगम्बर सिंह नेगी का कहना है कि ग्रामीणों के अनुसार पेयजल योजना के निर्माण में लाखों रूपये की हेराफेरी हुई है, इसलिए पेयजल योजना की जांच होनी चाहिए। वहीं दूसरी ओर पेयजल निगम के एई का कहना है कि पेयजल योजना का लगभग सभी कार्य पूर्ण हो चुका है और पेयजल योजना के स्रोत पर कार्य चल रहा है।

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