RUDRAPRAYAG

दो आतंकियों को मार गिराकर मानवेन्द्र हुआ शहीद

  • सीएम ने सेना के जवान की शहादत पर किया दुःख व्यक्त 

रुद्रप्रयाग: जम्मू- कश्मीर के बांदीपुरा सेक्टर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान देश की रक्षा करते हुए जिले के कविल्ठा निवासी मानवेंद्र अपना सर्वोच्च बलिदान देते हुए शहीद हो गया, हालांकि शहीद होने से पहले वह अपने साथियों के साथ बहादुरी से आतंकवादियों का सामना करता रहा तथा गोली लगने के बाद भी शहीद सैनिक ने दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने जम्मू कश्मीर के बांदीपुरा में तैनात ऊखीमठ (जनपद रूद्रप्रयाग) के कविल्ठा गाँव के रहने वाले भारतीय सेना के जवान मानवेन्द्र सिंह की शहादत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत की आत्मा की शांति एवं दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।

उत्तराखण्ड के सपूत शहीद जवान मानवेन्द्र सिंह की शहादत को कोटि-कोटि नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी संवेदनाएं शहीद के परिजनों के साथ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार शहीद के परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के वीर सपूत अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने को हमेशा तत्पर रहते हैं।

जानकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर में बांदीपुरा बार्डर पर बुधवार को अचानक आतंकवादियों ने हमला कर दिया। भारतीय सेना ने जबाब में मोर्चा संभाल लिया। रुद्रप्रयाग जिले के मानवेंद्र और उनके साथियों ने मिलकर दो आतंकियों को ढेर कर दिया था। हालांकि इस दौरान आतंकवादियों से लोहा लेते हुए मानवेंद्र रावत को गोली लग गई, जिससे वह बुरी तरह से जख्मी हो गए।

घायल होने के बावजूद उन्होंने रात करीब साढ़े आठ बजे मां कमला देवी व पत्नी विनीता देवी से भी फोन पर बात कर कहा कि वह ठीक है। चिंता मत करना, मैंने दो आतंकवादियों को मार गिराया है। शहीद सैनिक का एक बेटा ढाई साल अनुराग व पांच साल की बेटी जाहन्वी है। उनका परिवार देहरादून के नकरौंदा में रहता है, जोकि आजकल गांव आए हैं। पत्नी विनीता देवी अपने मायके रामपुर फाटा में थी और सूचना के बाद परिजन गुरुवार की सुबह उसे कविल्ठा लेकर आए। दो भाई में मावेन्द्र बड़ा भाई था।

मानवेंद्र 12 वर्ष पूर्व वह सेना में भर्ती हुए थे। शहीद के पिता नरेंद्र ङ्क्षसह रावत कालीदास स्मारक समिति के अध्यक्ष हैं जबकि माता कमला देवी गृहणी हैं। घटना के बाद पूरा परिवार सदमे में हैं तथा गांव में मातम छा गया है। पार्थिव शरीर को जम्मू से रुद्रप्रयाग जिले में उसके मूल गांव कविल्ठा लाया जा रहा है। गांव के प्रधान विनोद रावत ने बताया कि शहीद मानवेंद्र पर गांव को नाज है।

devbhoomimedia

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : देवभूमि मीडिया.कॉम हर पक्ष के विचारों और नज़रिए को अपने यहां समाहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह जरूरी नहीं है कि हम यहां प्रकाशित सभी विचारों से सहमत हों। लेकिन हम सबकी अभिव्यक्ति की आज़ादी के अधिकार का समर्थन करते हैं। ऐसे स्वतंत्र लेखक,ब्लॉगर और स्तंभकार जो देवभूमि मीडिया.कॉम के कर्मचारी नहीं हैं, उनके लेख, सूचनाएं या उनके द्वारा व्यक्त किया गया विचार उनका निजी है, यह देवभूमि मीडिया.कॉम का नज़रिया नहीं है और नहीं कहा जा सकता है। ऐसी किसी चीज की जवाबदेही या उत्तरदायित्व देवभूमि मीडिया.कॉम का नहीं होगा। धन्यवाद !

Related Articles

Back to top button
Translate »