कोविड-19 लक्षण वाले रोके गए यात्री को मिलेगा पूरा रिफंड
निरस्तीकरण शुल्क की शेष राशि भी वापस होगी
छह माह तक दाखिल कर सकते हैं टिकट
1 मई से चल रही है श्रमिक स्पेशल ट्रेन
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली । मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें और चेयरकार सेवा शुरू करने के संकेत देते हुए रेलवे बोर्ड ने बुधवार को एक आदेश जारी किया। इसमें वर्तमान में संचालित विशेष ट्रेनों और भविष्य में शुरू होने वाली सभी सेवाओं के लिए 22 मई से प्रतीक्षा सूची शुरू करने का प्रावधान किया गया है।
रेलवे ने इन ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची की सीमा भी तय की है। एसी थ्री टायर में प्रतीक्षा सूची की अधिकतम सीमा सौ, एसी टू टायर के लिए 50, स्लीपर के लिए 200, चेयर कार के लिए सौ और फर्स्ट एसी व एक्जीक्यूटिव क्लास के लिए 20-20 होगी। यह बदलाव 22 मई से शुरू होने वाली यात्राओं के लिए 15 मई से बुक किए जाने वाले टिकटों पर लागू होंगे।
रेलवे बोर्ड की ओर विभिन्न जोनों को जारी इस आदेश से संकेत मिलता है कि रेलवे वर्तमान में संचालित पूर्ण वातानुकूलित (एसी) ट्रेनों के स्थान पर मिश्रित सेवाओं को शुरू करने की योजना बना रहा है। इसका मतलब है कि रेलवे छोटे कस्बों के लिए भी सेवाएं शुरू कर सकता है। हालांकि इन ट्रेनों में तत्काल और प्रीमियम कोटा नहीं होगा और न ही आरएसी टिकट जारी किए जाएंगे। हालांकि रेलवे की ओर से अभी और सेवाएं शुरू करने का आदेश जारी नहीं किया गया है।
कोविड-19 के लक्षण वाले किसी यात्री को यात्रा की अनुमति नहीं मिलने पर उसके टिकट का पूरा रिफंड दिया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक, सभी रेल यात्रियों की स्क्रीनिंग किया जाना अनिवार्य है और सिर्फ बिना लक्षण वाले यात्रियों को ही ट्रेन में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। रेलवे बोर्ड के आदेश के मुताबिक, स्क्रीनिंग के दौरान अगर किसी यात्री को बहुत तेज बुखार है या कोविड-19 के लक्षण दिखते हैं तो उसे कंफर्म टिकट होने के बावजूद यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसी स्थिति में यात्री को पूरा रिफंड दिया जाएगा।
ग्रुप टिकट के मामले में अगर एक यात्री अयोग्य पाया जाता है और टिकट में शामिल अन्य यात्री भी सफर नहीं करना चाहते तो ऐसी स्थिति में सभी यात्रियों को पूरा रिफंड प्रदान किया जाएगा। ऐसे मामलों में टीटीई उन्हें प्रमाणपत्र जारी करेगा जिसमें यात्रा नहीं करने वाले यात्रियों का विवरण दर्ज होगा। इसके बाद आइआरसीटीसी उपभोक्ता के खाते में पूरा रिफंड ट्रांसफर कर देगा।
रेलवे ने 21 मार्च, 2020 से निरस्त हुए टिकटों के निरस्तीकरण शुल्क की शेष राशि भी लौटाने का फैसला किया है। इसके लिए काउंटर से आरक्षण कराने वाले यात्रियों को मुख्य दावा अधिकारी या मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक के समक्ष आवेदन करना होगा। ई-टिकट के मामले में यह राशि स्वत: खातों में पहुंच जाएगी।
आदेश के मुताबिक, 21 मार्च, 2020 से निरस्त हुई ट्रेनों के काउंटर से जारी हुए टिकटों का रिफंड लेने के लिए यात्री तीन दिन के स्थान पर यात्रा तिथि से छह माह के भीतर टिकट जमा कर सकता है। इसमें यात्रा की तिथि शामिल नहीं होगी। इस दौरान ट्रेन निरस्त नहीं होने, लेकिन इसके बावजूद यात्रा नहीं करने वाला यात्री भी 10 दिन के स्थान पर यात्रा तिथि से छह माह के भीतर टीडीआर दाखिल कर सकता है।
रेल मंत्रालय की अोर से बताया गया कि श्रमिक और राजधानी स्पेशल की तर्ज पर अब मेल एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन भी चलाई जाएंगी। इनमें शताब्दी स्पेशल और इंटर सिटी स्पेशल भी शामिल हो सकती है। इन गाड़ियों में तत्काल और प्रीमियम तत्काल टिकट की व्यवस्था नहीं होगी, लेकिन वेटिंग लिस्ट बनाया जाएगा। हालांकि इनमें आरएसी का टिकट नहीं बुक किया जाएगा। ध्यान रहे कि श्रमिक और राजधानी स्पेशल में सिर्फ कन्फर्म टिकटों की ही बुकिंग हो रही है। इन ट्रेनों की टिकट की बुकिंग भी आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ही होगी।
गौरतलब हो कि लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य में पहुंचाने के लिए 1 मई से सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया। इसी की अगली कड़ी में रेलवे की तरफ से देश के 15 गंतव्यों के लिए स्पेशल पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले पैसेंजर ट्रेन की शुरुआत के ऐलान के बाद भारतीय रेलवे की ओर से ट्वीट कर कहा गया था कि भारतीय रेल धीरे धीरे कुछ यात्री ट्रेन सेवाओं की शुरुआत करने जा रही है, लेकिन मौजूदा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें वर्तमान व्यवस्था के अनुसार संबंधित राज्य सरकारों के अनुरोध पर सामान्य रूप से चलती रहेंगी’।
गौरतलब है कि मजदूरों को वापस पहुंचाने के लिए रेलवे की ओर से करीब 350 स्पेशल श्रमिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जो अलग-अलग राज्यों की ओर से कई शहरों के लिए चल रही हैं। ये सभी ट्रेनें राज्य सरकार की सिफारिश के अनुसार, उनके द्वारा दी गई यात्रियों की लिस्ट के लिए चलाई जा रही हैं।