ग्रामीण स्तर तक हथकरघा एवं हस्त शिल्प को बढ़ावा देना होगा

अल्मोड़ा । परम्परागत कौशल को तकनीकी प्रशिक्षण के माध्यम से ग्रामीण स्तर तक हथकरघा एवं हस्त शिल्प को बढ़ावा देना होगा यह बात केन्द्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा ने धारानौला में वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार एवं जिला उद्योग केन्द्र अल्मोड़ा द्वारा आयोजित बुनकरों और शिल्पकारों के लिये हस्तकला सहयोग शिविर के अवसर पर कही। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा ग्रामीण स्तर तक हथकरगा एवं शिल्प को बढ़ावा देने के लिये अनके योजनायें चला रही है।
केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि देशभर में 376 स्थानों में वस्त्र मंत्रालय द्वारा सहयोग शिविरों का आयोजन किया जा रहा है जिसके माध्यम से स्थानीय शिल्पियों एवं बुनकरो को जानकारिंया एवं योजनाओं के बारे में अवगत कराया जा रहा है। उन्होने कहा कि जल्दी ही जनपद में सी0एफ0सी0 (कामन फैसिलेशन सेन्टर) की स्थापना की जायेगी जिससे शिल्पकारो को सस्ती दरों पर कच्चा माल मिल सके । उन्होने कहा कि छोटे-छोटे कलस्टर बनाकर शिल्प एवं हथकरगा को आगे बढाने का कार्य किया जाए। उन्होने कहा कि जनपद में अनेक ऐसे लघु उद्योग है जिन्हे विकसित किये जाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में लघु उद्योगों का बड़ा महत्व है। उन्होने कहा कि प्रधानमत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत छोटे उद्यमियां के लिये अनेक योजनाये चलायी जा रही है लोगो को उसका लाभ लेना होगा। उन्होने कहा कि छोटे व्यवसायियों को स्थानीय बाजार उपलब्ध कराने के हरसम्भव प्रयास किये जायेगे।सहयोग शिविर में 120 लघु उद्यमियों को मिनी टूलकिट प्रदान किये गये, 110 उद्यमियों को शिल्पी परिचय पत्र बांटे गये इसके अलावा 100 से अधिक शिल्पियों का परिचय पत्र फार्म भरवाये गये।
इस दौरान जिला उद्योग केन्द्र द्वारा स्टॉल एवं प्रर्दशनी लगायी गयी। कार्यक्रम में उपस्थित जिला अधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने मंत्री को आशस्वत किया कि उनके द्वारा जो भी निर्देश दिये गये उनका पालन किया जायेगा। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी मयूर दीक्षित, महाप्रबन्धक उद्योग, दीपक मुरारी, जिला विकास अधिकारी मो0 असलम, समाज कल्याण अधिकारी, राजीव नयन तिवारी, भाजपा जिलाध्यक्ष ललित लटवाल, नगर अध्यक्ष कैलाश गुरूरानी, तुषारकान्त साह, उद्योग विभाग के शिवराज सिंह फर्त्याल, नन्दी बिष्ट, आर0एस0 पाण्डे सहित अनेक शिल्पी उपस्थित थे।