मदन ने मनीष को लिखा ख़त : बताओ अब 2020 जनवरी कहां से लाऊं आपसे बहस करने को
व्यंग्यात्मक भाषा का इस्तेमाल करना ”आपके” राजनीतिक संस्कारों से जुड़ा हुआ मामला : मदन कौशिक
उत्तराखंड का हर व्यक्ति विकास केंद्रित राजनीती और उसके गंभीर परिणामों से अच्छी तरह है वाकिफ
सत्ता के लालच में ”आप” ने दिल्ली के लोगों को ठगा है और ”आप” उत्तराखंड को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन यहां ”आपकी” कोशिश सफल नहीं होगी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड में आजकल मदन कौशिक बनाम मनीष सिसौदिया बहस पर चर्चाएं चल रही हैं। कोई कह रहा है कि वे तीन जनवरी को मदन कौशिक से बहस करने देहरादून पहुंच रहे हैं लेकिन किसी ने भी वह पत्र नहीं देखा जिसपर मदन कौशिक को बहस के लिए बुलाया गया है। लेकिन मदन कौशिक ने इसी पत्र का हवाला देते हुए सिसौदिया पर ऐसा धोबी पछाड़ मारा कि आपकी बोलती ही बंद हो गयी।
दरअसल सिसौदिया से बहस के लिए आप पार्टी ने जिस पत्र को मीडिया सहित सूबे के संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक को भेजा था उसपर बहस की तारीख तीन जनवरी 2020 अंकित है , अब मदन कौशिक की समस्या यह है कि जो साल बीत गया वे उस साल में जाकर कैसे सिसौदिया से बहस कर सकते हैं चलिए इसे भी यदि लिपिकीय त्रुटि मान लिया जाय तो कम से कम सिसौदिया जी को मंत्री मदन कौशिक को इस साल यानी 2021 की शुभकामनायें देनी चाहिए थी, लेकिन वे यहाँ भी चूक कर गए उन्होंने मदन कौशिक को बीते वर्ष 2020 की शुभकामनायें दे डाली अब तो इसे लिपिकीय त्रुटि नहीं कहा जा सकता। इसे तो सीधे -सीधे राजनीतिक गंभीरता से जोड़ते हुए साफ़ कहा जा सकता है कि आम आदमी पार्टी और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया यूपी,पंजाब और अब उत्तराखंड में राजनीति करने के लिए कितने गंभीर हैं जिन्हे तारीखों व वर्षों का ही नहीं पता वे उत्तराखंड के भूगोल और इतिहास को लेकर कितने गंभीर होंगे ?
अब उस पत्र का भी जिक्र करना जरुरी है जो सूबे एक संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया को लिखा ……
नव वर्ष पर आपकी शुभकामनाएं प्राप्त हुई आपको भी अनंत मंगलकारी शुभकामनाएं, हालांकि आपने शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए उस न्यूनतम मर्यादा का पालन नहीं किया जो ऐसे अवसर पर की जाती है। शुभकामना पत्र में व्यंग्यात्मक भाषा का इस्तेमाल करना आपके राजनीतिक संस्कारों से जुड़ा हुआ मामला भी है। इस इस पर ज्यादा कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है। आप ने कथित दिल्ली मॉडल को सामने रखते हुए उत्तराखंड मॉडल के साथ सार्वजनिक बहस का निमंत्रण दिया है। उत्तराखंड भाजपा और उत्तराखंड सरकार आपके इस निमंत्रण का स्वागत करती है।
उससे पूर्व कुछ बिंदुओं पर ध्यान दिया जाना आवश्यक है। श्री अन्ना हजारे द्वारा खड़े किए गए भ्रष्टाचार विरोधी जिस आंदोलन से आम आदमी पार्टी का उदय हुआ आज आज आपकी पार्टी उन मूल्यों से बहुत दूर आ गई है। खुद अन्ना हजारे आपकी पार्टी और सरकार की गतिविधियों को खारिज कर चुके हैं और इतना ही नहीं उस समय के सभी प्रमुख नेताओं को बाहर निकाल कर आप यह साबित कर चुके हैं कि आपकी पार्टी एक व्यक्ति विशेष व्यक्ति पर आधारित है जिसका कोई राजनीतिक दर्शन नहीं है। आप उस ईमानदारी को और मूल्य बोध से दूर हो चुके हैं जो अन्ना आंदोलन के दौरान बढ़-चढ़कर प्रचारित की गई थी।
आम आदमी पार्टी की सरकार के सात साल दिल्ली की जनता देख चुकी है, कि आप ”सेलर ऑफ होप”हैं। आप उम्मीदों और सपनों को बेचने वाले व्यापारी की तरह व्यवहार करते हैं। जहां तक उत्तराखंड की बात है तो यहां यहां हर साल करोड़ों पर्यटक आते हैं उत्तराखंड को आप जैसे टूरिस्ट पॉलीटिशियन का स्वागत करने में भी कोई हिचक नहीं है। और जो सार्वजनिक अथवा बहस का प्रश्न है, राजनीति एक गंभीर विषय है। यह किसी थिएटर का शो नहीं है। आपको यह स्मरण कराना चाहता हूं कि उत्तराखंड कि धरती सच्चे आंदोलनों की धरती है। उत्तराखंड का हर व्यक्ति विकास केंद्रित राजनीती और उसके गंभीर परिणामों को अच्छी तरह जानता है। आम आदमी पार्टी के विषय में पूरा देश जानता है कि आपका पूरा नेतृत्व एक पलायन वादी मानसिकता का शिकार है कभी आप दिल्ली छोड़ कर चले जाते हैं तो कभी आप के नेता पंजाब में मुख्यमंत्री बनने पहुंच जाते हैं। और अब उन्हें उत्तराखंड आने का शौक लगा है। उत्तराखंड की धरती हमेशा ही मेहमानों का स्वागत करती है लेकिन उम्मीद भी करती है कि मेहमान किसी उतावलापन का शिकार ना हों। आपके व्यवहार और आपकी टिप्पणियों से टिप्पणियों में एक गहरी हताशा और राजनीतिक जल्दबाजी साफ दिखाई देती है।
जैसा कि मैंने कहा कि उत्तराखंड की जनता राजनीतिक रूप से बहुत ही परिपक्व और अनुभवी है इसलिए वह किसी मौसमी व्यक्ति के बरगलाने में नहीं आएगी जहां तक डिबेट का प्रश्न है, उत्तराखंड भाजपा का कोई नेता अथवा मंत्री ही नहीं पार्टी का छोटे से छोटा कार्यकर्ता भी आपके साथ मजबूती के साथ मुद्दा आधारित राजनीतिक बहस कर सकता है। आपने शिक्षा स्वास्थ्य बिजली पानी रोजगार समग्र विकास जैसे बिंदुओं को सामने रखकर दिल्ली मॉडल की चर्चा की है। यहां कुछ बातें आपके सामने रखना उचित होगा आपकी सरकार ने दिल्ली में 400 नहीं लाइब्रेरी खोलने की घोषणा की थी, जिसमें से अभी तक एक चौथाई भी नहीं खुल पाई है। दिल्ली में सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या लगातार घट रही है, जबकि आप की सरकार बच्चों से उनके अभिभावकों और परिजनों के मोबाइल नंबर आदि ब्योरा भरवाने में व्यस्त है ताकि इन सूचनाओं का राजनीतिक उपयोग किया जा सके ऐसा किया जाना चिंताजनक है।
आम आदमी पार्टी की सरकार बताना चाहिए कि बीते 7 साल में आप ने दिल्ली में दिल्ली में कितने डिग्री कॉलेज, यूनिवर्सिटी और कितने मेडिकल कॉलेज शुरू किए हैं आपके पास जो भी आंकड़े हैं उन आंकड़ों की तुलना उत्तराखंड से कर लीजिएगा तो आपको सही उत्तर मिल जाएगा कि आपका शिक्षा का मॉडल कितना झूठा है।
यह चिंता की बात है कि देश की राजधानी दिल्ली को अपनी सरकार की लापरवाही के कारण कोरोना के समय में बेहद बुरा दौर देखा है जैसे ही दिल्ली में कोरोना का फैलाव आरंभ हुआ दिल्ली के मुख्यमंत्री ने खुद को आईसोलेट कर लिया था। यदि माननीय मंत्री श्री अमित शाह जी ने दिल्ली को बचाने के लिए व्यक्तिगत रूप से पहल न की होती तो आज राजधानी की स्थिति बहुत बदतर होती। आपको इस बात पर चिंता करनी चाहिए कि दिल्ली में कोरोना की स्थिति चिंताजनक रूप से फैल रहा है जबकि मेडिकल सुविधाओं की स्थिति बहुत खराब है। आपने गली मोहल्ला क्लीनिक जमकर प्रचार किया, उन पर अब ताले लग चुके हैं। फिर भी आप बढ़-चढ़कर दावे कर रहे हैं।
बीते कई महीनों से प्रदूषण के मामलों में दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहरों में एक है जबकि आपकी सरकार इसका ठीकरा देश के किसानों के सिर फोड़ रही है। दिल्ली के प्रदूषण की स्थिति पर माननीय सुप्रीम कोर्ट को निर्देश देने पड़े हैं उन निर्देशों का अनुपालन भी आपने नहीं किया। आज तक आपको उत्तराखंड की चिंता करने से पहले दिल्ली के करोड़ों लोगों के जिंदगी की चिंता करनी चाहिए जो आप पर विश्वास करके धोखा खा चुके हैं मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि आप को सत्ता का बहुत गहरा लालच है। सत्ता के लालच में आप ने दिल्ली के लोगों को ठगा है और आप उत्तराखंड को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन यहां आपकी कोशिश सफल नहीं होगी। दिल्ली की झोपड़ियों की स्थिति और लाखों लोगों की जिंदगी का सच किसी से छिपा हुआ नहीं है।
इस मामले में आपको उत्तराखंड सरकार लेना चाहिए दिल्ली में दिल्ली में ज्यादातर कॉलोनी में एक-दो घंटे पानी की सप्लाई करके आप झूठी वाहवाही लूट रहे हैं पूरी दिल्ली को दे दिया गया है। आप खुद अपने आंकड़े उठाकर देखिए दिल्ली में बेरोजगारी की स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है, जबकि दिल्ली देश का सबसे ज्यादा आर्थिक सुविधा संपन्न राज्य है। इस राज्य को रसातल में पहुंचाने में आप की सरकार ने कोई कमी नहीं छोड़ी है। आप यदि राजनीतिक रूप से ईमानदार हैं तो फिर आपको शिक्षा स्वास्थ्य बिजली पानी और रोजगार के मुद्दों पर आंकड़ों तथ्यों तथा प्रमाण सहित बहस करनी चाहिए। पूरा देश जानता है कि आप की पार्टी के सभी नेता देश के सम्मानित लोगों पर कई तरह के झूठे आरोप लगाते रहे हैं और बाद में कोर्ट में माफी मांग कर पीछा छुड़ाने की कोशिश करते रहे हैं।
उत्तराखंड सरकार और भाजपा सच्चे मन से नए साल पर आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती है। साथियों आशा भी करती है कि आप राजनीति को पूर्ण गंभीरता से लेंगे और इस को माध्यम बनाकर लोगों को धोखा देने की गतिविधियों में लिप्त होने से बचेंगे।
आपको एक विनम्र सुझाव भी देना चाहता हूं कि जो भी पत्र आपके हस्ताक्षर से निर्गत किया जाए उस पर तारीख और तथ्यों को ठीक से देखा जाना चाहिए। आप ने वर्ष 2021 की बजाय 2020 की शुभकामनाएं प्रेषित की हैं ,आपने अपने पत्र में दिल्ली मॉडल पर चर्चा के लिए जो तारीख निर्धारित की है वह भी 1 वर्ष पहले भी एक वर्ष पहले बीत चुकी है। इसी से पता चलता है कि आप तथ्यों को लेकर गंभीर नहीं हैं।
दिल्ली सरकार के माननीय उप मुख्यमंत्री होने के नाते आप के लेटर हेड पर भारत का राष्ट्रीय चिन्ह सुसज्जित है इसलिए भी तिथियों के मामले में अतिरिक्त सतर्कता की आवश्यकता है। मेरी सलाह है कि किसी भी गंभीर मुद्दे पर बात करने से पहले उसकी समुचित तैयारी अवश्य करनी चाहिए, ताकि ऐसी तथ्यात्मक चूक न हो कि आप 2021 में वर्ष 2020 की शुभकामनाएं भेजते हुए दिखाई दें। फिर भी मेरी तरफ से आपको और आपके परिवार को 2021 की अनंत व अशेष शुभकामनाएं
मदन कौशिक
ये रहा मनीष सिसौदिया का वह पत्र जिसमें उन्होंने मदन कौशिक को बहस के लिए बुलाया था