गृह मंत्री अमित शाह ने देश मुख्यमंत्रियों के विचारों और सुझावों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया
केंद्र सरकार पाबंदियों में ढील देने या सख्ती करने का मामला कर सकती है राज्यों के हवाले
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली । राज्यों के मुख्यमंत्रियों से हुई चर्चा के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करते हुए देश मुख्यमंत्रियों के विचारों और सुझावों से प्रधानमंत्री को अवगत कराया। एक-दो दिन में अगले चरण के बारे में घोषणा हो सकती है। उधर गृहमंत्री से चर्चा करने वाले गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने 15 दिन तक लॉकडाउन बढ़ाए जाने का संकेत दिया है। वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि देश में 31 मई के बाद लॉकडाउन जारी रखने के मुद्दे पर केंद्र सरकार अपनी भूमिका सीमित करते हुए पाबंदियों में ढील देने या सख्ती करने का मामला राज्यों के हवाले कर सकती है, यानि केंद्र लॉक डाउन मामले में अब अपनी दखल कम करने जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले प्रधानमंत्री खुद मुख्यमंत्रियों से बातचीत करते रहे हैं जबकि इस बार गृहमंत्री ने चर्चा की है । पीएम व सीएम की पूर्व में हुई चर्चाओं के बीच गृहमंत्री भी हमेशा मौजूद रहे। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार ऐसा समझा जा रहा है ज्यादातर मुख्यमंत्री लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में हैं। हालांकि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए वे कुछ और क्षेत्रों में ढील दिए जाने के पक्ष में भी हैं ताकि धीरे-धीरे जनजीवन सामान्य हो सके। उम्मीद है केंद्र की ओर से लॉकडाउन के अगले चरण के बारे में एक दो दिन में घोषणा हो जाएगी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि अगले चरण में केंद्र अपनी भूमिका सीमित कर पाबंदियों में ढील देने या सख्ती बढ़ाने का मामला राज्यों के हवाले करने पर विचार कर रहा है। हालांकि महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पंजाब और ओडिशा में कोरोना से बुरी प्रभावित 30 नगरीय क्षेत्रों के लिए केंद्र राज्यों को पहले से चली आ रही पाबंदियां बरकरार रखने की सलाह देगा। देश में कोरोना के 80 फीसदी मामले इन्हीं नगरीय क्षेत्रों में हैं। इन 30 नगरीय क्षेत्रों में दिल्ली मुंबई, कोलकाता व चेन्नई समेत 13 शहरों की स्थिति और भी गड़बड़ है। इनके शहरों के डीएम और नगर प्रशासकों के साथ कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने आनलाइन बैठक कर स्थिति का जायजा लिया है।
लॉकडाउन के अगले चरण में केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय उड़ानों, राजनीतिक कार्यक्रमों और सिनेमा हाल, मॉल आदि पर रोक तक अपनी भूमिका सीमित रखेगी। सार्वजनिक स्थलों पर मास्क लगाने के साथ शारीरिक दूरी का नियम सख्ती से लागू होगा। बाकी मामलों में राज्यों को खुद निर्णय लेना होगा। मेट्रो चलाने और स्कूल-कालेज खोलने जैसे मामलों में भी राज्यों को ही निर्णय लेना होगा। राज्य धर्मस्थलों को खोलने के बारे में भी निर्णय ले सकते हैं। लॉकडाउन के तौर-तरीकों पर अब हर पखवारे समीक्षा होगी जहां राज्यों को अपने अधिकार क्षेत्र में उठाए गए कदमों के बारे में बताना होगा।
कोरोना की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार 24 मार्च को 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा की थी। फिर इसे पहले 3 मई तक और फिर 17 मई तक और बाद में 31 मई तक बढ़ा दिया गया। हालांकि कोरोना के काबू में न आने पर एक बार फिर लॉकडाउन के आसार बन रहे हैं। इस संदर्भ में राज्यों की राय जानने के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को मुख्यमंत्रियों के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। सूत्रों के अनुसार शाह ने मुख्यमंत्रियों से जानना चाहा कि उनकी चिंताएं क्या हैं, और वे पहली जून से अपने राज्यों में किन क्षेत्रों में रियायतें दे सकते हैं।