Uttarakhand

लिवर की जांच : ए टू जेड डाइग्नोस्टिक में स्थापित हुई उत्तराखंड की पहली अत्याधुनिक मशीन

काशीपुर में लिवर की जांच को लगी इलस्ट्रोग्राफी मशीन

लिवर की जांच : ए टू जेड डाइग्नोस्टिक में स्थापित हुई उत्तराखंड की पहली अत्याधुनिक मशीन

इलास्ट्रोग्राफी मशीन लिवर के इलाज और प्रिवेंटिव उपचार मे एक नई क्रांति लेकर आयी है। इस उत्कृष्ट तकनीकी उपकरण से, आप अब अपने लिवर की स्वास्थ्य को निरीक्षण करने में ज्यादा सक्षम होंगे। इसकी उन्नत तकनीक इमेजिंग और विश्लेषण आपको सटीक और विश्वसनीय परिणाम देने में मदद करेगी। यह नया उपकरण चिकित्सा पेशेवरों को अधिक अच्छी तरह से रोगीयों की देखभाल करने की स्थिति में मदद करेगा। आइए, हमारे साथ जुड़ें और एक नया मानक निर्धारित करें लिवर स्वास्थ्य की देखभाल में सौजन्य से ATOZ DIAGNOSTIC CENTRE

 

2D-SWE [शियर वेव इलास्टोग्राफी]

 

नॉनअल्कोहलिक फैटी लीवर रोग (एनएएफएलडी) दुनिया भर में सबसे आम क्रोनिक लीवर की बीमारी है, जिसका अनुमान सामान्य आबादी में 30% तक और टाइप 2 मधुमेह वाले लोगों में अधिक है।

 

[भारत में इसकी व्यापकता 32% है.

 

एनएएफएलडी( NAFLD) मे लिवर में 5% से अधिक वसा की मात्रा हो जाती है.

 

 

 

 

लिवर elastography एनएएफएलडी के रोगियों में वसा की मात्रा, सूजन और फाइब्रोसिस का अनुमान पूर्वानुमान संबंधी जानकारी प्रदान करता है.

 

2D-SWE [शियर वेव इलास्टोग्राफी]

 

उच्च जोखिम वाली बीमारी वाले रोगियों की पहचान करने में मदद करता है। NAFLD मे यदि पर्याप्त और प्रारंभिक सावधानी नहीं बरती जाती है तो यह लिवर सिरोसिस और मृत्यु का कारण बनसकतीहैं।

 

लिवर की बायोप्सी एनएएफएलडी के जोखिम स्तरीकरण के लिए स्वीकृत संदर्भ मानक जांच है, लेकिन बायोप्सी के खतरे और उच्च लागत के कारण इसका उपयोग बेहद सीमित है।

 

Transient elastography( Firboscan)और MRI इलास्टोग्राफी जैसी विधियां स्टीटोसिस ( वसा की मात्रा)और फाइब्रोसिस की मात्रा निर्धारित करने के सटीक तरीके हैं, लेकिन उनका उपयोग उच्च लागत और सीमित उपलब्धता के कारण कम है।

 

अल्ट्रासाउंड आधारित SHEAR WAVE ELASTOGRAPHY की कम लागत और व्यापक उपलब्धता है, जो उन्हें व्यापक जनसंख्या के निदान और जोखिम स्तरीकरण के लिए अधिक उपयुक्त बनाती है।

 

फैटी लीवर की ultrasound ग्रेडिंग के पारंपरिक तरीके की सीमाएं/नुकसान NAFLD की जांच को चुनौतीपूर्ण बनाते हैं।

 

Ultrasound machine के ऑपरेटर के तकनीकी कौशल, अनुभव व्यक्तिपरक-गुणात्मक ग्रेडिंग और मूल्यांकन

 

मशीन – अधिग्रहण हार्डवेयर अंतर, ट्रांसड्यूसर संचारित आवृत्ति अलगअलगहोना.

 

रोगी के पेट पर ज्यादा वसा और पेट मैं पानी (Ascites) होना।

 

2D-SWE [शियर वेव इलास्टोग्राफी]

 

लिवर स्टीटोसिस, सूजन और फाइब्रोसिस का मात्रात्मक मूल्यांकन…

 

स्टीटोसिस गंभीरता का निदान और मात्रा निर्धारित करने के लिए UGAP एक उपयोगी तकनीक है।

 

जीई हेल्थकेयर द्वारा यूजीएपी (अल्ट्रासाउंड गाइडेड एटेन्यूएशन पैरामीटर) लिवर स्टीटोसिस ( वसा ki मात्रा) के प्रमाणीकरण लिए एक USFDA द्वारा प्रमाणित मशीन है . और सीएपी (नियंत्रित एटेन्यूएशन पैरामीटर) के साथ जाँच करती है जिससे मानवीयता चूक की संभावना न्यूनतम हो जाती है।

 

इसके फायदे हैं- लीवर का वास्तविक समय में 2 D स्कैन मे मुल्यांकन, मोटापे और ASCITES ( पेट मैं पानी) होने पर भी।

 

➤ एनएएफएलडी के रोगियों में हेपेटिक स्टीटोसिस का पता लगाने और ग्रेडिंग करने के लिए यूजीएपी (UGAP) की नैदानिक ​​सटीकता उच्चतम है।

 

➤ हेपेटिक स्टीटोसिस (वसा की मात्रा)ग्रेड की के लिए पारंपरिक अल्ट्रासाउंड की तुलना में उच्च गुणवत्ताकी रिपोर्ट देताहै।

 

 

 

 

➤ 2D-SWE [शियर वेव इलास्टोग्राफी] का उपयोग उत्कृष्ट सटीकता के साथ सिरोसिस को शुरुआती चरण के लिवर फाइब्रोसिस से अलग करने के लिए किया जा सकता है।

 

 

 

 

➤ यूजीएपी और 2डी-एसडब्ल्यूई जैसे मापदंडों के संयोजन से उच्च जोखिम वाले NAFLD वाले रोगियों की पहचान और इलाज मे सुधार होता है।

Related Articles

Back to top button
Translate »