- मी -टू विशेषज्ञ भाजपा को लगाने चले पलीता
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : उत्तराखंड बनने के समय से ही प्रदेश भाजपा अस्थिरता,असंतोष व गुटबंदी के गर्त में समय-समय पर फंसती रही है और गहन विवेचना करने पर हम देखते हैं कि भाजपा को उत्तराखंड में कमजोर करने के पीछे संघ से भाजपा में गए कुछेक मी -टू ब्रांड नेता जिन्हे न्यायालय से गिरफ्तारी के खिलाफ मिले स्टे के ऑक्सीजन से प्राप्त ऊर्जा व उनके खास शिष्य मी -टू सम्राट नटवरलाल का बड़ा हाथ रहा है।
कहने को तो शिव के प्रकाश जो स्वयं तो उत्तर प्रदेश से हैं,और वर्तमान में जिन पर बंगाल में भाजपा को मजबूत करने की विशेष जिम्मेदारी है, लेकिन उनका उत्तराखंड के कुमायूं मंडल से ”व्यक्तिगत सा ” नाता रहा है यही कारण है कि वे भाजपा उत्तराखंड में अभी भी अपनी पकड़ ढीली नहीं करना चाहते हैं।
चर्चा आम है कि हाल ही में कुछ माह पूर्व सूबे के मुख्यमंत्री को अपदस्थ करने को लेकर शिव का प्रकाश और उनके कोर सदस्यों का प्लान फ्लॉप होने के बाद, वे अब अपनी भड़ास निकालने के लिए अपने ख़ास सिपहसालार मदन कौशिक,अजय भट्ट,अजय टम्टा आदि को आगे करके मनपसंद लोकसभा उम्मीदवारों को लोकसभा टिकट दिलाने के लिए खेल खेल रहे हैं।
अल्मोड़ा – पिथौरागढ़ सीट को लेकर सभी को पता है कि वहां से लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी अजय टम्टा केवल व केवल मोदी के नाम पर और अमित साह जी के कुशल चुनाव प्रबंधन पर ही आश्रित हैं, फिर भी अजय टम्टा अपनी लोकसभा उम्मीदवारी को लेकर अभी से आश्वस्त हैं। इसके पीछे केवल और केवल मी -टू विशेषज्ञ शिव के प्रकाश का ही हाथ माना जा रहा है।
इसके अलावा शिव के प्रकाश ने सतपाल महाराज और अजय भट्ट को आगे करके क्रमशः गढ़वाल और कुमाऊं में चुनावी खेल शुरू हो चुका है। जहां सतपाल महाराज जिन्हें शायद पूरा खेल भी मालूम नहीं है, को रमेश पोखरियाल निशंक की उम्मीदवारी को ठिकाने लगाने के लिए प्रयोग किया जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर अजय भट्ट जैसे कमजोर कंधे जो 2017 की मोदी लहर में भी अपने घर की ही विधान सभा सीट का बोझ नहीं उठा पाए थे और हार गए थे को नैनीताल जैसी महत्वपूर्ण सीट दिलवाकर भगत सिंह कोश्यारी को किनारे लगाने का कुचक्र चलाया जा रहा है। वहीं शिव के प्रकाश आज उत्तराखंड में भाजपा के अंधकार साबित हो रहे हैं। जहां एक ओर शिव के प्रकाश के कृपापात्र अजय द्वय और मदन कौशिक निश्चिंत दिख रहे हैं वहीं इनके जुगाड़ और पहुँच के आगे जमीनी राजनीति करने वाले नेता अपने को असहाय महसूस कर रहे हैं।
ये तो उत्तराखंड में भाजपा के लोकसभा उम्मीदवारों के नाम की सूची ही बताएगी की शिव का प्रकाश अपने शिष्य नटवरलाल की कमी को किस प्रकार पूरी करके उत्तराखंड भाजपा को अपनी गिरफ्त में फिर से ले पाते हैं या अमित शाह की पारखी आंखे समय रहते शिव के प्रकाश की गफलत को पहचान लेती हैं। अगली कड़ी भाजपा उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक होने के बाद होगी आपके सामने ।