CRIME

उत्तरकाशी में वर्ष 2015 में हुई हत्या के दोषी को मिली उम्रकैद

  • मामले के दो अन्य आरोपी नीरज और सर्वेश ठोस सबूत न होने के कारण बरी 

उत्तरकाशी :  जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीपी गैरोला की अदालत ने गुरुवार को प्रदीप की हत्या के आरोप में मुकेश नौटियाल पुत्र रामजी निवासी गजियाडा पट्टी गमरी ब्लाक चिन्यालीसौड़ को उम्र कैद तथा पांच हजार के अर्थ दंड एवं अन्य धारा में में तीन वर्ष सश्रम कारावास तथा दो हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई। नीरज और सर्वेश के खिलाफ ठोस सबूत न होने के कारण छोड़ दिया गया। मामले में हत्या के दोषी एक व्यक्ति को उम्र कैद तथा पांच हजार अर्थ दंड सजा सुनाई है। दोषी को अर्थ दंड अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

गौरतलब हो कि यह मामला 5 जुलाई 2015 का है, जब सुमन, प्रमोद, कुलदीप तथा प्रदीप चारों दोस्त नालूपानी के पास घूमने गए थे। वहीं देर शाम को नालूपानी शराब के ठेके के पास ढाबे में ये चारों दोस्त शराब पीने लगे। इसी दौरान ठेके का कर्मचारी मुकेश नौटियाल इनके साथ शराब पीने लगा। जब ये सभी शराब पीकर ढाबे वाले का भुगतान करने रहे थे तभी किसी ने कुलदीप के पीछे से थपड़ मार दिया। इस बात को लेकर इन लोगों की आपस में कहासुनी होने लगी। बात को बढ़ता देख ये चारों दोस्त अपनी बाइकों पर घर जाने लगे, लेकिन रास्ते में रात ज्यादा होता देख देवीधार से वापस लौटे तथा नालूपानी में किसी होटल में रुकने की बात करने लगे। इसी दौरान इन चारों दोस्तों की बाइक को रोककर मुकेश नौटियाल, नीरज तथा सर्वेश मारपीट करने लगे।

इस दौरान किसी तरह से कुलदीप तथा प्रमोद भाग गए। जबकि प्रदीप के साथ बाइक में बैठा सुमन भी वहां से भाग गया। इस दौरान सुमन ने देखा की प्रदीप के साथ वे सभी लोग मारपीट कर रहे हैं। जब अगले दिन प्रदीप के घरवालों ने उसकी खोजबीन की तो वह कहीं नहीं मिला। प्रदीप के घरवालों ने उसके दोस्तों से उसके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि नालूपानी के पास मुकेश नौटियाल और उसके कुछ साथियों ने उनके साथ मारपीट की। इसके बाद 7 जुलाई 2015 को प्रदीप के घरवालों ने थाना धरासू थाने गुमशुदगी दर्ज करवाई। जबकि 8 जुलाई 2015 को खोजबीन के दौरान घटना स्थल नालूपानी के पास नदी के किनारे एक पत्थर पर एक लाश मिली, जिसकी शिनाख्त प्रदीप के रूप में  हुई। मामले में अभियोजन पक्ष शासकीय अधिवक्ता फौजदारी हुकम सिंह रावत ने 12 गवाह के साथ 30 दस्तावेज आरोप साबित करने के लिए  न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किये । 

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