रुद्रप्रयाग : केदारनाथ के लिए उड़ान भर रही हेलीकॉप्टर कंपनियों की मनमानी से आजिज आए रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने अब नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) को पत्र भेज कंपनियों के हेलीपैड की पुन: जांच का अनुरोध किया है। डीएम ने बताया कि कंपनियां डीजीसीए के नियमों का पालन नहीं कर रही हैं।
वर्तमान में केदारनाथ के लिए कुल 13 कंपनियां उड़ान भर रही हैं। इसके लिए नारायणकोटि, फाटा और गुप्तकाशी में कंपनियों के हेलीपैड हैं। जिलाधिकारी ने हेलीपैड का निरीक्षण किया तो उन्होंने पाया कि कंपनियां डीजीसीए के नियमों की अवहेलना कर रही हैं। नियमों के मुताबिक प्रत्येक हेलीपैड पर पार्किंग व्यवस्था अनिवार्य है, लेकिन हकीकत में केवल तीन कंपनियां ही इस नियम का पालन कर रही हैं।
पार्किंग न होने से हेलीकॉप्टर से जाने वाले यात्रियों के वाहन हाईवे पर ही खड़े रहते हैं। इससे जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है। इसके अलावा निर्धारित दरों से अधिक मूल्य पर टिकट बेचने की भी शिकायतें हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि कई कंपनियों के कार्यालय में यात्रियों के वेटिंग हॉल तक नहीं है, जबकि नियमों के तहत यह अनिवार्य है।
इतना ही नहीं, डीजीसीए के नियमों के मुताबिक हेलीकॉप्टर को दो हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरनी चाहिए ताकि केदारघाटी की पारिस्थितिकी तंत्र पर असर न पड़े। ग्रामीणों की शिकायत है कि हेलीकॉप्टर काफी नीचे उड़ान भर रहे हैं। इसके शोर से स्कूलों में बच्चों को भी दिक्कतें हो रही हैं।
डीजीसीए के ये हैं नियम
-अग्निशमन व्यवस्था अनिवार्य
-प्रतिदिन उड़ान की रिपोर्ट प्रशासन को उपलब्ध कराना
-हेलीपैड पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
-हेलीपैड में पेयजल, विद्युत, शौचालय और फस्र्टएड की व्यवस्था
-वन्यजीवों को सुरक्षा के मद्देनजर दो हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान
-हेलीकाप्टर की ध्वनि की तीव्रता पचास डेसीबल से अधिक नहीं होना चाहिए