RUDRAPRAYAG

लफ्फाजी वाले नेताओं को जनता सिखाएगी सबक !

-डमार जैसे खुशहाल गांव में सड़क की दरकार
-सौ के करीब रहते हैं परिवार, एक हजार से अधिक हैै जन संख्या
-गांव में मुस्लिम समुदाय के बीस परिवार करते हैं निवास
-भाईचारे के लिए जाना जाता है गांव
-शासन-प्रशासन से लेकर नेता भी फेरे हैं गांव से मुंह

रुद्रप्रयाग । वोट मांगकर बेवकूफ बनाने वाले नेताओं को इस बार जनता ने सबक सिखाने का मन बना लिया है। ग्रामीण जनता अब इन नेताओं के बहकावे में नहीं आने वाली है। पहले विकास के लाख दावे कर जनता के बीच से गायब रहकर फिर पांच साल बाद आने वालों को अब गांव से बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा।

रुद्रप्रयाग जिले में सबसे बड़ी समस्या सड़क की है। ग्रामीण जनता को सड़क की बहुत बड़ी दरकार है। रोजमर्रा की आवश्यकताओं को पीठ से ढोकर ले जाने में अब उनका भी दम निकलने लगा है। ऐसे में सड़क की मांग सबसे ज्यादा उठ रही हैं। 15 फरवरी को विधानसभा चुनाव के मतदान होने जा रहे हैं और ग्रामीण जनता अपनी एक सूत्रीय मांग का लेकर प्रशासन के पास पहुंच रही है तथा मांग पूरी न होने पर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दे रही है। एक दर्जन से अधिक गांव ऐसे हैं जो चुनाव बहिष्कार का निर्णय ले चुके हैं, लेकिन अब एक और विकासखण्ड अगस्त्यमुनि अन्तर्गत डमार गांव ने भी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है।

ग्रामीणों  की सिर्फ एक ही मांग है, जो वर्षों से पूरी नहीं हो पाई है। डमार गांव खुशहाल गांव है। यहां सौ के करीब परिवार निवार करते हैं, जबकि एक हजार से अधिक गांव की जन संख्या है। गांव में बीस परिवार मुस्लिम समुदाय के हैं, जबकि बीस अनुसूचित जाति, छः ब्राह्मण तथा पच्चपन के करीब क्षत्रीय परिवार परिवास करते हैं। ग्रामीण जनता आज भी खेती पर निर्भर है। किसी तरह खेती करके ग्रामीणों की आजीविका चलती है। ग्रामीण जनता सड़क न होने से काफी परेशान है।

किसी तरह गांव को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत भीरी से डमार तीन किमी मोटरमार्ग की स्वीकृति मिली, मगर नौ सौ मीटर मार्ग कटिंग के बाद ठेकेदार ने कार्य को छोड़ दिया। कार्य छोडने के बाद ग्रामीण पीएमजीएसवाई के अभियंताओं से मिले, मगर अभियंताओं ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद ग्रामीण जिलाधिकारी से मिले और अपनी समस्या को रखा। समस्या रखते हुए ग्रामीणों ने कहा कि विभागीय अभियंता और ठेकेदार की मिलीभगत से कार्य को बंद किया गया है। कार्य बंद होने से ग्रामीणों में खासा आक्रोश व्याप्त है।

गांव की जनता सड़क मार्ग से जुड़ने को लेकर काफी उत्साहित थी, मगर संबंधित विभाग ग्रामीणों की परेशानियों को समझने के लिए तैयार ही नहीं है। मीलों पैदल चलकर रोजमर्रा की आवश्यकताओं को पूरा करना पड़ रहा है। ग्राम प्रधान डमार राहुल ने कहा कि शासन-प्रशासन और नेताओं ने कभी डमार गांव की सुध नहीं ली। लफ्फाजी मारने वाले नेताओं को जनता गांव से बाहर का रास्ता दिखाएगी। बार-बार झूठे आश्वासन देकर वोट की राजनीति करने वाले ऐसे नेताओं से ग्रामीण जनता को बचकर रहने की सलाह दी जायेगी। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों का जीवन किस तरह यापन हो रहा है, यह समझने के लिए कोई तैयार ही नहीं है। ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान न होने से अब चुनाव बहिष्कार की आखिरी रास्ता रह गया है। आगामी विधानसभा चुनाव में गांव का एक भी व्यक्ति वोट नहीं देगा। वहीं जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को आश्वास्त किया कि उनकी समस्याओं का समाधान कर लिया जायेगा।

devbhoomimedia

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