CAPITAL

जब तक हम जल, जमीन व वृक्षों की रक्षा करेंगे तभी तक सुखी जीवन की कल्पना

  • मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया 
  • पर्यावरण व प्रदूषण विभागों के  मुख्यालय ‘‘गौरादेवी पर्यावरण भवन’’ का लोकार्पण  
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
देहरादून : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को आईटी पार्क, सहस्त्रधारा रोड में उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्यालय भवन ‘‘गौरादेवी पर्यावरण भवन’’ का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भवन के बनने से पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कार्य करने में सुविधा होगी व कार्य क्षमता में भी वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण करना सभी की जिम्मेदारी है। पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी विभागों को सुनियोजित कार्ययोजना के साथ कार्य करना जरूरी है।
  • भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत जल का संरक्षण जरूरी : त्रिवेंद्र रावत 
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति ने अनेक अमूल्य धरोहर दी हैं। हिमालय और पर्याप्त वन क्षेत्र उत्तराखण्ड के पास है। उत्तराखण्ड में लगभग 71 प्रतिशत वन भूमि है जबकि लगभग 48 प्रतिशत भूमि वनाच्छादित है। इन अमूल्य धरोहरों के सरंक्षण का कार्य भी मानव से अधिक प्रकृति ही करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत जल का संरक्षण जरूरी है। जल संरक्षण की दिशा में राज्य सरकार निरन्तर प्रयास कर रही है। जल का एकत्रीकरण कर हम प्रदेश की जलापूर्ति कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें पुराने अनुभवों और आवश्यकताओं के आधार पर भी पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत हैं। रेणी गांव में गौरा देवी ने जो आन्दोलन किया वह आन्दोलन विश्व स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए चेतना का प्रमुख केन्द्र बना। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध हवा व पानी मिले इसके लिए पर्यावरण व जल संरक्षण की दिशा में सबको योगदान देने की जरूरत है।
  • मुख्यमंत्री पर्यावरण व जल संरक्षण के लिए कर रहे हैं भगीरथ प्रयास : डॉ. हरक सिंह 
वन एवं पर्यावरण मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने कहा कि मानव जीवन को बचाये रखने के लिए हिमालय, जल व जंगल को बचाये रखने के लिए अभिनव प्रयास करने होंगे। गौरा देवी जी का पर्यावरण चेतना का प्रयास पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता का प्रमुख कारणा बना। गौरा देवी के नाम पर पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्यालय भवन का नाम रखा गया है। वन एवं पर्यावरण मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत पर्यावरण व जल संरक्षण के लिए भगीरथ प्रयास कर रहे हैं। उनके प्रयासों से पर्यावरण व जल संरक्षण के प्रति लोगों में चेतना का संचार हुआ है।
  • प्रकृति और मानव के बीच सांमजस्य बनाये रखना जरूरी : उमेश शर्मा काऊ
विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि कार्यदाई संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सुंदर भवन बनाया गया है। जल संरक्षण की दिशा में मुख्यमंत्री ने अभिनव पहल की है। उन्होंने कहा कि प्रकृति और मानव के बीच सांमजस्य बनाये रखना जरूरी है।
  • लोगों को गांवों में पेड़ लगाने की परम्परा को बनाए रखना जरूरी : श्रीमती बाली देवी
चिपको आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली गौरा देवी की वंशज श्रीमती बाली देवी ने कहा कि जल, जंगल व खेत को बचाने के लिए गौरा देवी ने आन्दोलन किया। उन्होंने कहा कि जब तक हम जल, जमीन व वृक्षों की रक्षा करेंगे तभी तक सुखी जीवन की कल्पना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि लड़कियों की शादी व अन्य उत्सवों में लोगों को गांवों में पेड़ लगाने की परम्परा को बनाए रखना जरूरी है। हिमालय का संरक्षण करना भी जरूरी है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक श्री जयराज, उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव श्री एस.पी. सुबुद्धि आदि उपस्थित थे।

Related Articles

Back to top button
Translate »