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जब तक हम जल, जमीन व वृक्षों की रक्षा करेंगे तभी तक सुखी जीवन की कल्पना

- मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया
- पर्यावरण व प्रदूषण विभागों के मुख्यालय ‘‘गौरादेवी पर्यावरण भवन’’ का लोकार्पण
देवभूमि मीडिया ब्यूरो

- भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत जल का संरक्षण जरूरी : त्रिवेंद्र रावत
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति ने अनेक अमूल्य धरोहर दी हैं। हिमालय और पर्याप्त वन क्षेत्र उत्तराखण्ड के पास है। उत्तराखण्ड में लगभग 71 प्रतिशत वन भूमि है जबकि लगभग 48 प्रतिशत भूमि वनाच्छादित है। इन अमूल्य धरोहरों के सरंक्षण का कार्य भी मानव से अधिक प्रकृति ही करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत जल का संरक्षण जरूरी है। जल संरक्षण की दिशा में राज्य सरकार निरन्तर प्रयास कर रही है। जल का एकत्रीकरण कर हम प्रदेश की जलापूर्ति कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें पुराने अनुभवों और आवश्यकताओं के आधार पर भी पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान देने की जरूरत हैं। रेणी गांव में गौरा देवी ने जो आन्दोलन किया वह आन्दोलन विश्व स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए चेतना का प्रमुख केन्द्र बना। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध हवा व पानी मिले इसके लिए पर्यावरण व जल संरक्षण की दिशा में सबको योगदान देने की जरूरत है।
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- प्रकृति और मानव के बीच सांमजस्य बनाये रखना जरूरी : उमेश शर्मा काऊ
विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि कार्यदाई संस्था द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का सुंदर भवन बनाया गया है। जल संरक्षण की दिशा में मुख्यमंत्री ने अभिनव पहल की है। उन्होंने कहा कि प्रकृति और मानव के बीच सांमजस्य बनाये रखना जरूरी है।
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इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्री आनन्द वर्द्धन, प्रमुख वन संरक्षक श्री जयराज, उत्तराखण्ड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव श्री एस.पी. सुबुद्धि आदि उपस्थित थे।