निर्माणाधीन सड़क के मलवे से नीचे के गांव खतरे की जद में
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
दन्या (अल्मोड़ा) : पहाड़ों में निर्माणाधीन सड़कों के मलवे का सुरक्षित तरीके से व्यवस्था न होने और मलवे के लिए डंपिंग जोन न बनाये जाने से आये दिन निर्माणाधीन सड़क के नीचे के गांव खतरे की जद में रहते हैं। ऐसी ही दुर्घटना सड़क के मलवे के ठीक से निस्तारण न होने के चलते विकास खंड धौलादेवी के अन्तर्गत दूरस्थ गांव जाजर में अतिवृष्टि के चलते हुआ है जब सड़क के मलवे के कारण एक आवासीय मकान ध्वस्त हो गया है। मकान के मलबे में दब कर 19 वर्षीय किशोरी और दो मवेशी दब कर मर गये। वहीं, घर में सोये चार अन्य लोगों और मवेशियों को ग्रामीणों ने बचा लिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह तीन बजे तेज बारिश में जाजर गांव में जबरदस्त भूमि कटाव होने से भूस्खलन की जद में कमला देवी पत्नी स्व.देवीदत्त का मकान आ गया। घर में उस समय पांच लोग सोये हुए थे। मकान के पीछे की पूरी दीवार और छत जमींदोज हो गई। घर में सो रही 19 साल की बालिका की मौत हो गई है। एक गाय और एक बकरी भी मलबे में दब गए।
अतिवृष्टि के चलते निर्माणाधीन सड़क का मलबा मकान के ऊपर से भरभरा कर आया और कुछ ही क्षणों में सब कुछ तहस नहस कर गया। मलवे की आवाज सुनकर आसपास के लोगों ने दबे हुए लोगों को बाहर निकाला और थाने में व आपदा कंट्रोल रूम को सूचना दी। एक घंटे के भीतर ही आपदा प्रबंधन टीम पहुंच गई। घर में कमला देवी घर में नहीं थीं। वह अपनी बेटी के ससुराल मयोली गई हैं, जिन्हें सूचित किया गया है। घटना के समय घर में कमला देवी की बहू हेमा, पुत्र पंकज पुत्री भावना एक पोता और पोती सोये हुए थे।
उधर, स्थानीय लोगों का कहना है कि गांव के ऊपर बन रही जाजर-कोला मोटर मार्ग के चलते यह लैंड स्लाइडिंग हुई है। जेसीबी मशीन से हो रहे सड़क निर्माण और निर्माणाधीन सड़क के नीचे बसे परिवारों को आसन्न खतरे की सूचना तीन महीने पहले प्रशासन, संबंधित विभाग और समाधान पोर्टल पर दर्ज की गई थी। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस हादसे के बाद से आसपास के अन्य परिवारों में दहशत का माहौल है।