NATIONALPERSONALITY
त्याग,समर्पण,संगठन कौशल के आदर्श थे नानाजी देशमुख


स्वतंत्रता के बाद भारतीय राजनीति में उन लोगों ने बड़ी शिरकत की, जिन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान अपने त्याग, निष्ठा,समर्पण और संगठन कौशल की आदर्श मिसालें पेश की। परन्तु कालान्तर में जैसे-जैसे इस पीढ़ी के लोग कम होते चले गए सार्वजनिक जीवन में भी स्फीति का दौर गहराता गया। इस लिहाज से हाल के दशकों में हर स्तर पर चारित्रिक स्फीति के बीच जिस व्यक्ति का जिक्र समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन में शुचिता के उदाहरण के तौर पर बार-बार याद किया जाता है, उसमें चंडिकादास अमृतराव देशमुख (नानाजी देशमुख) का नाम सर्वोपरि है।Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur.