UTTARAKHAND

कोरोना के ख़तरे को देखते हुए समय से पहले ख़त्म हो सकता है कुंभ

सीएम तीरथ आज शाम कर सकते हैं कुंभ की समाप्ति का ऐलान !

देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून : हरिद्वार में हो रहे महाकुंभ के दौरान लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए जहां हरिद्वार में चल रहे कुंभ को लेकर निरंजनी अखाड़े ने फैसला लेते हुए 17 अप्रैल को कुंभ मेला खत्म करने का निर्णय लिया है। हालांकि सरकार की ओर से कुंभ की अविध एक से 30 अप्रैल की गई है।

सूबे के मुख्य सचिव ओमप्रकाश के अनुसार बैठक में वर्तमान हालात पर मंथन करते हुए आगे की रणनीति तय की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, सीएम ने कोरोना प्रबंधन से संबंधित सभी विभागों की शुक्रवार सायं बैठक बुलाई है। सरकार का भी मानना है कि हालिया कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण की दर में जिस प्रकार इजाफा हुआ है, उससे सरकार काफी गंभीर नज़र आ रही है और सरकार किसी भी तरह के रिस्क को लेने को तैयार नहीं है।

सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार दिल्ली, यूपी समेत कुछ राज्यों में किए जा रहे प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार की जा रही है। सबसे ज्यादा चिंता की बात है कि अब तक 30 साधुओं की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।  हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ.एसके झा ने पुष्टि करते हुए कहा कि साधुओं की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीमें अखाड़ों में जाकर साधुओं की कोरोना टेस्ट कर रही है।

हरिद्वार के जिन लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं उन्हें होम क्वारंटाइन किया गया है जबकि बाहरी लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया कि गंभीर लक्षण वाले मरीजों को एम्स ऋषिकेश के लिए रेफर किया गया है। बता दें कि हरिद्वार कुंभ के शाही स्नान में शामिल होने गए अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की कोरोना पॉजिटिव आई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जबकि, स्वास्थ्य विभाग की ओर से 200 के करीब साधुओं की कोरोना रिपोर्ट जांच को भेजी है। 

उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर तीरथ सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। सूत्रों की मानें तो हरिद्वार में चल रहे कुंभ को सरकार पहले ही समाप्त करने की घोषणा कर सकती है। सरकार की ओर से कुंभ की अविध एक से 30 अप्रैल की गई है। बता दें कि हरिद्वार में चल रहे कुंभ को लेकर निरंजनी अखाड़े ने फैसला लेते हुए 17 अप्रैल को कुंभ मेला खत्म करने का निर्णय लिया है।

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