किडनी रैकेट नौकरी दिलाने की आड़ में निकाल लेता था किड़नी

- अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ अभी पुलिस की पकड़ से बाहर
देहरादून : हरिद्वार पुलिस ने औद्दोगिक क्षेत्र लालतप्पड़ इलाके में चल रहे गंगोत्री चैरिटेबल हॉस्पिटल में किडनी रैकेट का पता लगाया है। ये किडनी रैकेट गरीब और बेरोज़गार लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर मेडिकल किये जाने के नाम पर उनकी किडनी निकाल लेता थे। अभी तक पुलिस को पता चला है कि ये अस्पताल इन लोगों की किडनी तीन से चार लाख में बेच देता था । पुलिस ने मामले में अभी दो लोगों को हिरासत में लिया है।अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ अभी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
हरिद्वार पुलिस के अनुसार मामले अभी तक एक महिला और पुरुष को ही पकड़ा जा सका है । इन दोनों की किडनी इस अस्पताल में निकाली गई थी। पीड़ितों का आरोप है कि दिल्ली से नौकरी दिलवाने के नाम पर उन्हें लालतप्पड़ के इस अस्पताल में लाया गया और फिर मेडिकल चेकअप के बहाने उनकी किडनी निकाल ली गई। दोनों कोलकाता के रहने वाले बताए जा रहे हैं। दोनों पीड़ित लोगों को जिला चिकित्सालय हरिद्वार में भर्ती कराया गया। जिला अस्पताल की सीएमएस आरती ढौडियाल ने बताया कि अभी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट आने का इंतजार हैं, लेकिन प्रथम दृष्टया ये किडनी ट्रांसप्लांट का मामला नजर आ रहा है।
पुलिस को पीड़ित ने बताया कि उसे नौकरी के लिए दिल्ली से ऋषिकेश लाया गया था। यहां आने पर मेडिकल चेकअप के लिए बोला गया। उन्हें किडनी निकले जाने का तब पता चला जब उन्हें पेट पर दाईं तरफ पट्टी बंधी देखी जिसे देख वो घबरा गया। घटना के प्रकाश में आने के बाद से उत्तराखंड पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। एसपी सिटी, एसपी देहात, एसपी क्राइम सहित लाल तप्पड़ एसओ, डोईवाला एसओ अपनी टीमें लेकर गंगोत्री चैरिटेबल हॉस्पिटल पहुंचे। आला अधिकारियों की टीम अस्पताल में पड़ताल के लिए जुटी हुई हैं। घटना के खुलासे के बाद से ही आरोपी डॉक्टर और स्टॉफ फरार है। दोनों जिलों की पुलिस इनकी तलाश में जुट गई हैं।