पहाड़ में बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं पर तमाचा,एंबुलेंस नहीं मिली तो दूध की गाड़ी में ही पैदा हुई जन्मी

- दो घंटे इंतज़ार के बाद भी नहीं पहुँच पायी एम्बुलेंस
टिहरी : उत्तराखंड में स्वस्थ्य सुविधाओं का कितना बुरा हाल है इसका प्रत्यक्ष उदाहारण सबके सामने है जब 108 पर फोन करने के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई तो परिजनों ने रात को एक दूध की गाड़ी का सहारा प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए लिया इस दौरान अस्पताल ले जाते हुए इस गाड़ी में ही महिला को बच्ची जनने को मजबूर होना पड़ा।
सूबे के पर्वतीय इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल आज सबके सामने है। ताज़ा मामला टिहरी जिले के दूरस्थ क्षेत्र भिलंगना ब्लॉक के मोल्डा गांव का है। प्राप्त जानकारी के अनुसार विनोद ममगाईं की पत्नी प्रियंका को बीती रात प्रसव पीड़ा हुई। जिस पर परिजनों ने उसे अस्पताल ले जाने के लिए रात आठ बजे लगभग एम्बुलेंस 108 सेवा को फोन किया। परिजनों का आरोप है कि फोन करने के बावजूद जब दो घंटे तक 108 एंबुलेंस नहीं आई तो गांव के ही हीरामणि ममगाईं ने महिला को दूध के वाहन में बैठाकर अस्पताल ले जाने की व्यवस्था की।
मिली जानकारी के अनुसार रात को रास्ते में जब यह वाहन घोंटी पुल के पास पहुंचा तो महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ गई। इस पर वाहन को घोंटी पुल पर ही रोक देना पड़ा इस दौरान साथ चल रही गांव की महिलाओं ने प्रियंका का प्रसव कराया। प्रियंका ने गत रात लगभग साढ़े बारह बजे बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद परिजन और साथ चल रहीं गांव की अन्य महिलाओं ने प्रियंका और उनकी नवजात बच्ची को पिलखी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। जहां अब जच्चा-बच्चा दोनों सकुशल हैं।