अवैध खनन बर्दाश्त नहींः स्वामी शिवानंद
स्वामी शिवानंद ने खनन नीतियों पर उठाये सवाल, सरकार पर बरसे
हरिद्वार । गंगा में अवैध खनन की नीतियों पर राज्य सरकार पर गहरी नाराजगी प्रकट करते हुए मातृसदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि सरकार अवैध खनन को बंद करने की नीतियों को भी झूठ का सहारा ले रही है। कोर्ट के आदेशों के बाद भी राज्य सरकार खनन को खोले जाने की मुहिम में जुटी हुई है इससे साफ तौर पर जाहिर होता है कि राज्य सरकार की मंशा ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा मातृसदन अवैध खनन को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगा मातृसदन गंगा रक्षा अविरलता को लेकर किसी भी बलिदान से पीछे हटने वाला नहीं है। सरकार की मंशा का स्पष्ट प्रमाण सामने आ रहा है। गंगा में खनन पर रोक लगने के बाद भी सरकार सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारियां कर रही है। उन्होंने कहा कि या तो सरकार खनन माफियाओं के एवं क्रेशर मालिकों के दबाव में कार्य कर रही है।
स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की घोषणा करने वाली सरकार को ईमानदारी बरतनी चाहिये। उन्होंने कहा कि कई प्रमाण राज्य सरकार की नीतियों पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को नष्ट करने की नीतियों का खुलकर विरोध किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट अधिकारी नित नये तरीकों से प्रदेशवासियों को भी अचम्भित कर रहे हैं। अधिकारियों का भ्रष्टाचार किसी भी रूप में मातृसदन स्वीकार नहीं करेगा। गंगा से पांच किलोमीटर दूरी पर क्रेशर होने के आदेशों का भी पालन ठीक रूप से नहीं किया जा रहा है।
स्वामी ने कहा पूर्ण रूप से खनन बंदी के आदेशों का पालन होना चाहिये और ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर भी कार्यवाही होनी चाहिये जो कि आदेशों को तोड़ मरोड़कर पेश करने में महारथ हासिल रखते हैं। उन्हांने कहा कि मातृसदन गंगा की अविलरता स्वच्छता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करने वाला है। शराब बंदी पर बोलते हुए उन्होंने सरकार को घेरा और कहा कि राष्ट्रीय मार्गो को बदलकर शराब को बेचने की मुहिम राज्य सरकार की नीतियों का खुलासा कर रही है। नमामि गंगे की बात करने वाले अपनी नीतियों को स्पष्ट करें। आश्रमों, धर्मशालाओं पर हटाये गये टैक्स पर उन्हांने बोला कि यह घोषणा भी नीतिगत होनी चाहिये क्योंकि व्यवसयिक रूप से प्रयोग होने वाली धर्मशालाओं को इसका लाभ किसी भी रूप में नहीं मिलना चाहिये।