तीन मई को मिथुन लग्न में खुलेंगे बाबा केदार के कपाट
शीतकालीन गद्दीस्थल में की गई घोषणा
आठ बजकर पचास मिनट पर खोले जायेंगे कपाट
देहरादून : महाशिव रात्रि के पर्व के अवसर पर बारहवें ज्योतिर्लिंग बाबा केदार के कपाट खोले जाने की घोषणा भोले बाबा की शीत कालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में कर दी गयी है . मंदिर समिति के मुख्यकार्याधिकारी बी डी सिंह के अनुसार केदारधाम में बाबा केदार के कपाट आगामी तीन मई को प्रातः आठ बजकर 50 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जायेंगे. कपट खुलने से तीन दिन पूर्व बाबा केदार की उत्सव डोली उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर से गुप्तकाशी, रामपुर फाटा, सोनप्रयाग, गौरीकुंड व लिंचौली होते हुए तीन मई को प्रातः केदारनाथ पहुंचेगी.
महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर शुक्रवार को पंचकेदार की गद्दीस्थल उखीमठ के ओमकारेश्वर मंदिर में प्रातः विशेष पूजा अर्चना के बाद पंचांग गणना के आधार पर 3 मई को 8 बजकर 50 मिनट पर भगवान केदारनाथ के कपाट खोले जाने की घोषणा की गयी. इस अवसर पर बाबा केदार के रावल भीमा शंकर लिंग सहित केदारमंदिर के कार्याधिकारी अनिल शर्मा व मुख्या कार्याधिकारी बी डी सिंह आदि उपस्थित रहे.
द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी भगवान केदारनाथ के कपाट तीन मई को प्रातः आठ बजकर पचास मिनट पर ग्रीष्मकाल के छह माह आम श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिये खोल दिये जाएंगे। शिवरात्रि के महापर्व पर बाबा केदार के शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पंचाग गणना के अनुसार कपाट खोलने की तिथि व समय घोषित की गई।
गौरतलब हो कि प्राचीन परम्परा के अनुसार महापर्व शिवरात्रि पर भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि तय की जाती है। शुक्रवार को प्रातः दस बजे भगवान केदारनाथ की पूजा-अर्चना के बाद पंचाग गणना के अनुसार मंदिर के अधिकारियों की मौजूदगी में वेदपाठी और पंड़ितों ने कपाट खोलने का दिन व समय तय किया। पंचाग गणना के अनुसार मिथुन लग्न में तीन मई प्रातः आठ बजकर पचास मिनट पर भगवान केदारनाथ के कपाट खोले जायेंगे।
कपाट खोलने की तिथि घोषित होने के बाद शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर भोले के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। कपाट खोलने की घोषणा होने के बाद श्री बद्री-केदार मंदिर समिति भी यात्रा तैयारियों में जुट गई है। 29 अप्रैल को केदारनाथ के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा संपंन होगी, जिसके बाद 30 अप्रैल को बाबा केदार की पंचमुखी चलविग्रह उत्सव मूर्ति गर्भ गृह से सभा मंडप में आयेगी। जहां मूर्ति एवं बाबा केदार की डोली को सजाया जायेगा, जिसके बाद डोली शीतकालीन गददीस्थल से प्रस्थान करने के बाद प्रथम रात्रि प्रवास रामपुर में करेगी।
एक मई को बाबा केदार की डोली द्वितीय रात्रि प्रवास गौरीकुंड में करेगी और तृतीय रात्रि प्रवास के लिये डोली केदारपुरी पहुंचेगी। जहां तीन मई को बाबा केदार के कपाट विधि-विधान से आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये जाएंगे। इस मौके पर केदारनाथ के राॅवल भीमाशंकर लिंग, श्री बद्री-केदार मंदिर समिति के सीईओ बीडी सिंह, कार्याधिकारी अनिल शर्मा, पूर्व विधायक शैलारानी रावत, नगर पंचायत अध्यक्ष रीता पुष्पवाण, श्रीमती संगीता नेगी, महेन्द्र सिंह नेगी, रामप्रसाद मैठाणी, दिवाकर चमोली, जगदीश प्रसाद, राचलिंग, गुरूलिंग, हर्ष जमलोकी, मोहन सिंह रावत, गंगाधर सेमवाल सहित कई श्रद्धालु मौजूद थे।