UTTARAKHAND

जनसम्पर्क समाज को जोड़ने में सबसे महत्वपूर्ण: डा रमेश पोखरियाल निशंक

देहरादून, पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया ने पूरे भारतवर्ष के मास कम्युनिकेशन के विद्यार्थियों के लिए 15 दिवसीय  ‘जनसम्पर्क मास कम्युनिकेशन अभिविन्यास कार्यक्रम” के समापन समारोह में डा. रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व शिक्षा मंत्री, भारत सरकार आनलाइन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे। उन्होने आनलाइन कार्यक्रम मे पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया के समस्त चैप्टरों को बधाई देते हुए कहा कि पीआरएसआई पूरे देश मे जनसम्पर्क के क्षेत्र मे प्रभावी काम कर रहा है और समाज को जोड़ने में जनसम्पर्क सबसे महत्वपूर्ण विधा है।
यह एक शुभ अवसर है जब पब्लिक रिलेशंस सोसायटी ऑफ इंडिया के द्वारा पीआर और मास कम्युनिकेशन के विद्यार्थियों के लिए आयोजित ये १५ दिवसीय अभिविन्यास कार्यक्रम सफल हुआ है । पिछले १५ दिनों में देश  के विभिन्न संस्थानों और विश्व विद्यालयों के जाने माने प्रोफ़ेसरों ने विभिन्न शैक्षणिक और सामयिक विषयों पर अपने ज्ञान की ज्योति से सभी विद्यार्थियों को आलोकित किया ।
देश के कर्मयोगी  प्रधानमंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने भारत में नई शिक्षा नीति लागू की जो देश के विद्यार्थियों और युवा शक्ति में एक नई आशा और ऊर्जा का संचार कर रही है । नई शिक्षा नीति देश की जड़ों से जुड़ी हुई है। नई शिक्षा नीति प्रभावी, संवादात्मक, नवप्रवर्तनशील, समावेशी, आविष्कारिक है, इसमे नवाचार भी है,प्रौद्योगिकि भी है और यह हमे हमारी मातृभाषा से भी जोड़ती है। हमारा प्रयास रहा है की विद्यार्थी गण पुस्तकों के भार में दबने के बजाए अपनी रचनात्मकता और कौशल को निख़ारे।
   उन्होने पीआरएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अजीत पाठक और उनकी टीम को मीडिया और मास कम्युनिकेशन के छात्रों हेतु 15 दिवसीय जनसम्पर्क मास कम्युनिकेशन अभिविन्यास कार्यक्रम कराने पर बधाई दी और पीआरएसआई देहरादून चैप्टर को नई शिक्षा नीति पर “भारत की नवीन शिक्षा नीति: नवयुग का अभिनन्दन” पुस्तक प्रकाशित करने पर साधुवाद दिया। इस कार्यक्रम मे दिल्ली विश्वविद्यालय की डा. नेहा जिंगला ने डिजिटल फोटोग्राफी के विषय पर विस्तृत चर्चा की, उन्होने मास कम्युनिकेशन के विद्यार्थियों को बताया कि कैसे पेशेवर कैमरे का इस्तेमाल करें।
    इस कार्यक्रम मे पीआरएसआई देहरादून के अध्यक्ष अमित पोखरियाल और सचिव अनिल सती वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे।

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