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जलियांवाला बाग नरसंहार से जुड़े दस्तावेजों को देख सकेगी आम जनता

राष्ट्रीय अभिलेखागार के 130वें स्थापना दिवस पर प्रदर्शनी प्रदर्शनी जनता के लिए 30 अप्रैल, 2020 तक खुली रहेगी

भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार (एनएआई) के 130वें स्थापना दिवस के अवसर पर केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल 11 मार्च की शाम पांच बजे राष्ट्रीय अभिलेखागार, नई दिल्ली परिसर में “जलियांवाला बाग” पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे। मूल दस्तावेजों पर आधारित, यह प्रदर्शनी जलियांवाला बाग नरसंहार को स्‍मरण करने का प्रयास है।

यह प्रदर्शनी मुख्य रूप से भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार में उपलब्ध जलियांवाला बाग नरसंहार से संबंधित अभिलेखीय दस्तावेजों की मूल और डिजिटल प्रतियों की मदद से आयोजित की गई है। यह प्रदर्शनी हमारे अभिलेखधारित सामग्री (रिकॉर्ड होल्डिंग्स) के माध्यम से ब्रिटिश अत्याचार के खिलाफ भारतीय लोगों के अथक संघर्ष को चित्रित करने का एक गंभीर प्रयास है।

इस प्रदर्शनी के उद्घाटन से पहले राष्ट्रीय अभिलेखागार, नई दिल्ली में 11 बजे जलियांवाला बाग पर किश्वर देसाई द्वारा स्थापना दिवस व्याख्यान दिया जाएगा।

भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार संस्कृति मंत्रालय के तहत एक संबद्ध कार्यालय है। इसकी स्‍थापना 11 मार्च 1891 को कोलकाता (कलकत्ता) में इंपीरियल रिकॉर्ड विभाग के रूप में की गई थी। 1911 में कलकत्ता से दिल्ली के लिए राजधानी के स्थानांतरण के बाद, भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के इस वर्तमान भवन का 1926 में निर्माण किया गया था। इसे सर एडविन लुटियन द्वारा डिजाइन किया गया था। कलकत्ता से नई दिल्ली में सभी अभिलेखों का हस्तांतरण 1937 में पूरा हुआ था। यह सार्वजनिक रिकॉर्ड अधिनियम, 1993 और सार्वजनिक रिकॉर्ड नियमावली, 1997 के कार्यान्वयन के लिए एक नोडल एजेंसी है। यह प्रदर्शनी जनता के देखने के लिए 30 अप्रैल 2020 तक खुली रहेगी।

devbhoomimedia

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