सरकार की ओर से सभी विमानन कंपनियों को जारी हुआ सर्कुलर
यह आदेश अंतरराष्ट्रीय कार्गो ऑपरेशनों और डीजीसीए द्वारा अप्रूव्ड उड़ानों पर नहीं होगा लागू
विशेष मामलों में केस टू केस के आधार पर सलेक्टेड रास्तों पर कुछ उड़ान सेवाओं को भी इस आदेश से बाहर
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों (International commercial passenger services) के परिचालन पर लगाई गई रोक को आगामी 15 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है। सरकार ने कहा है कि इस दौरान भारत से जाने और विदेशों से आने वाली सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें निलंबित रहेंगी। सरकार की ओर से सभी विमानन कंपनियों को जारी सर्कुलर में कहा गया है कि उक्त आदेश अंतरराष्ट्रीय कार्गो ऑपरेशनों और डीजीसीए द्वारा अप्रूव्ड उड़ानों पर लागू नहीं होगा। यही नहीं विशेष मामलों में केस टू केस के आधार पर सलेक्टेड रास्तों पर कुछ उड़ान सेवाओं को भी इस आदेश से बाहर रखा गया है।
चुनिंदा रूटों पर सक्षम प्राधिकरण द्वारा होगी विमान सेवा के परिचालन की अनुमति
वहीं विमानन नियामक डीजीसीए ने एक सर्कुलर जारी कर कहा कि अलग-अलग मामलों के आधार पर चुनिंदा रूटों पर सक्षम प्राधिकरण द्वारा विमान सेवा के परिचालन की अनुमति दी जाएगी। सरकार की ओर से कहा गया है कि कोरोना संकट को देखते हुए उक्त फैसला लिया गया है। मालूम हो कि बीते 23 मार्च को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि बीते छह मई को विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार ने बंदे भारत मिशन के तहत एयर इंडिया एवं अन्य निजी एयरलाइनों को विशेष परिस्थितियों में विदेशों के लिए उड़ानों की इजाजत दी थी। बीते 25 मई को लॉकडाउन के दो महीने के बाद घरेलू उड़ानों के संचालन को मंजूरी दी गई थी।
5,13,047 भारतीयों ने विदेशों में वतन वापसी के लिए अपना अनुरोध
कुछ दिनों से ऐसी अटकलें थी कि केंद्र सरकार घरेलू उड़ानों के शुरू किए जाने के बाद अब अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को जल्द बहाल करने पर फैसला लेगी लेकिन अब इस फैसले ने इन पर विराम लगा दिया है। उल्लेखनीय है कि कई देशों ने अपने यहां फंसे भारतीयों के लिए भारत से विमान सेवाएं शुरू करने की अपील की थी। इसके बाद भारत ने अपने नागरिकों को लाने के लिए बंदे भारत अभियान शुरू किया था। विदेश मंत्रालय की मानें तो सरकार ने ‘वंदे भारत’ अभियान के तहत अब तक 3.6 लाख से अधिक भारतीयों को विदेशों से वापस लाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कल बताया था कि कुल 5,13,047 भारतीयों ने विदेशों में भारतीय मिशनों के साथ वतन वापसी के लिए अपना अनुरोध किया है।
3,64,209 भारतीय इस मिशन के तहत लाए गए वतन वापस
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि जिनका पंजीकरण हुआ है उनमें से 3,64,209 भारतीय इस मिशन के तहत वतन वापस लाए जा चुके हैं। इनमें से 84,000 से अधिक भारतीय नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से जमीनी सीमा आव्रजन चौकियों के रास्ते लौटे हैं। सरकार की मानें तो वंदे भारत मिशन के पहले तीन चरणों में पांच महाद्वीपों के 50 से अधिक देशों से लगभग 875 अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें निर्धारित की गई थीं जिनसे 700 से अधिक उड़ानें भारत पहुंच चुकी हैं। इन उड़ानों से लगभग 1,50,000 भारतीयों को वापस लाया गया है।