खुफिया रिपोर्ट का खुलासा: सीएम आवास नहीं है सुरक्षित

- सुरक्षा और मेडिकल अलार्म जरूरी बताया
देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास जैसे महत्वपूर्ण भवन को खुफिया विभाग की रिपोर्ट में सुरक्षित नहीं बताया गया है। खुफिया विभाग की मुख्यमंत्री के सरकारी आवास को लेकर जब रिपोर्ट तैयार की गयी तो इसमें 22 खामियां मिली , इस पर खुफिया विभाग ने एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर गृह विभाग को भेजी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आवास में लगे 30 सीसीटीवी कैमरों में से 15 कमरों ने काम करना बंद कर दिया है जबकि आवास की चाहरदीवारी भी पीछे की तरफ से टूटी हुई है। खुफिया विभाग की इस रिपोर्ट में सुरक्षा के और पुख्ता इंतजाम करने को गृह विभाग को कहा गया है।
गौरतलब हो कि सूबे के खुफिया विभाग ने फरवरी के पहले हफ्ते में मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को जांचा था । जांच के दौरान उन्हें कई जगह खामियां दिखाई दी । जिसपर खुफिया विभाग ने गृह विभाग को भेजी रिपोर्ट में खराब सीसीटीवी कैमरों को तुरंत दुरुस्त करने के साथ ही मुख्यमंत्री आवास के निकास और मुख्य द्वार के बीच अतिरिक्त वॉच टावर स्थापित करने की भी बात अपनी रिपोर्ट में कही है, वहीँ विभाग ने आवास के भीतर के पेड़ों की टहनियों की छंटाई सहित आवासीय इलाके के बाहरी और भीतरी हिस्से में स्ट्रीट लाइट की संख्या बढ़ाने और सीसीटीवी कैमरे का मॉनिटर मुख्य सुरक्षा अधिकारी के कार्यालय में लगाने ,परिसर में और सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने को कहा गया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि मुख्यमंत्री आवास में फायर अलार्म तो लगा हुआ है। लेकिन जांच समिति ने अलार्म को सुरक्षा के लिहाज से बहुत ही नाकाफी बताया। ऐसे में यहां सुरक्षा तैनाती के स्थान पर वॉच टावर, प्रवेश द्वार, स्वागत कक्ष, आइसोलेशन आवास, व कार्यालय में सुरक्षा अलार्म लगाना जरूरी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री के आवास व कार्यालय में मेडिकल अलार्म भी लगाये जाने की बात अपनी रिपोर्ट में कही है।
इस रिपोर्ट के बाद शासन में अपर सचिव गृह अजय रौतेला ने रिपोर्ट का खुलासा करते हुए अपनी तरफ से अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री, सचिव राज्य संपत्ति, सचिव स्वास्थ्य, डीजीपी उत्तराखंड और जिलाधिकारी देहरादून को जरूरी कार्रवार्इ के लिए पत्र लिखा है ताकि मुख्यमंत्री आवास की सुरक्षा और भी पुख्ता हो सके।