UTTARAKHAND

पिथौरागढ़ जिले की चारों सीटों में भीतरघात का बना खतरा

पिथौरागढ़ । चुनाव में दलों के भीतर एक ही झंडा थामने वाले भी पैर खींचने में गुरेज नहीं करते हैं। युद्ध और प्रेम की तरह ही चुनाव में भी सब कुछ जायज वाली कहावत चरितार्थ रही है। सियासी मैदान में जीत -हार के लिए सभी तरह की बिसात बिछाई जाती हैं, जिसमें भितरघात भी शामिल रहता है।

पूर्व के चुनावों में भी यह सब जिले में देखने को मिला है। जब जीत के करीब पहुंचा प्रत्याशी कुछ अंतरों से हार गया हो। पिथौरागढ़ जिले की चार सीटों में भितरघात का खतरा डीडीहाट सीट में सर्वाधिक तो पिथौरागढ़ में सबसे कम नजर आ रहा है। डीडीहाट विस क्षेत्र में इस बार चुनाव रोचक बना है। यहां से भाजपा के पांचवी बार चुनाव लड़ रहे बड़े नेता विशन सिंह चुफाल प्रत्याशी हैं। उनके खिलाफ उन्हीं के चेले रहे पूर्व जिपं अध्यक्ष किशन भंडारी ने ताल ठोकी है। अभी तक मान मनौव्वल विफल रही है। दल के नेता दोनों के साथ जुड़े हैं। ऐसे में भितरघात की पूरी संभावना बनी है।

यही हाल कांग्रेस में भी है। यहां पर टिकट के दावेदार 22 थे। टिकट नए चेहरे प्रदीप पाल को दिया गया है। टिकट नहीं मिलने से नाराज कुछ प्रत्याशी कुछ भी गुल खिला सकते हैं। चीन और नेपाल सीमा से लगी धारचूला विस क्षेत्र में भी भाजपा को भितरघात का भय सता रहा है। भाजपा ने इस सीट पर भी नए चेहरे वीरेंद्र सिंह पाल को प्रत्याशी बनाया है। टिकट बंटवारे के बाद कुछ दिनों तक असंतोष सडक़ों तक पहुंच गया था। अभी बाहर से दिखने में तो सबकुछ ठीकठाक चल रहा है परंतु भाजपा के लिए गूलर का फूल बनी इस सीट में भितरघात की आशंका भाजपा को बेचैन किए है।

अलबत्त्ता इस सीट पर कांग्रेस को सुकून है। इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों भितरघात के शिकार होने जा रहे हैं। कांग्रेस ने अपने विधायक नारायण राम आर्य को प्रत्याशी बनाया है। उन्हें लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में पहले से ही कुछ असंतोष रहा है। हालांकि इस समय पार्टी एक तो नजर आ रही है परंतु भितरघात से इन्कार नहीं किया जा रहा है। भाजपा को यहां पर भी भितरघात का भय है। मीना गंगोला को टिकट मिलने से सर्वजीत राम तो दल बल के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। अन्य नाराज नेताओं को पार्टी ने शांत कर लिया है, परंतु मन में अभी भी असंतोष की चिंगारी है।

यहां पर निर्दल प्रत्याशी खजान गुड्डू के साथ जिस तरह कांग्रेस के लोग नजर आ रहे हैं उससे भितरघात की भी संभावना है। जिले की प्रमुख पिथौरागढ़ विस क्षेत्र अन्य सीटों की अपेक्षा भितरघात के रोग से थोड़ा बहुत मुक्त लग रहा है। यहां पर कांग्रेस ने अपने विधायक मयूख महर को मैदान में उतारा है। पार्टी में चुनाव लडऩे के इच्छुक माने जाने वाले पूर्व जिलाध्यक्ष महेंद्र लुंठी, रवींद्र सिंह बिष्ट, किरन मालदार पार्टी छोडकऱ भाजपा में जा चुके हैं। इसके चलते पार्टी में उनके समर्थकों से खतरा है। वहीं भाजपा के प्रत्याशी प्रकाश पंत हैं। टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व प्रदेश महामंत्री सुरेश जोशी मायूस तो हैं परंतु उनके सुर बगावती नहीं होने से राहत है।

devbhoomimedia

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