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बडाहोती के लिए रवाना हुआ भारत के अधिकारियों का दल

जब भारत और चीन के बीच तनाव होता है बाड़ाहोती भी गर्मा जाता है 

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के कारण उत्पन्न सम्बन्धों में तनाव के बीच भारत के उत्तराखंड के अधिरियों की एक टीम हमेशा की तरह एक बार फिर मंगलवार को बडाहोती रवाना हुई है । 

गोपेश्वर से क्रांति भट्ट 

क्या है बाड़ाहोती 

चमोली जिले के मलारी से आगे ” बडाहोती ” घास का एक बडा मैदान है । 51 वर्ग किलो मीटर के इस बुग्याली हिमालयी मैदान में सदियों से चमोली के चरवाहे अपनी भेड बकरियों को गर्मियों और बरसात में चराने के लिए ले जाते रहैं। यहाँ की घास अत्यन्त पोष्टिक होती है । लिहाजा भेड बकरियां खूब मोटी होती हैं ।तिब्बत के याक भेड भी यहाँ आते रहे हैं।

1950 में जब चीन ने तिब्बत कै अपने कब्जे में लिया तो उसके सीमा रक्षक बडाहोती को अपना बताने की धृष्टता पर उतर आये । हालांकि युद्ध की . झपड जैसी स्थिति यहाँ पर कभी नहीं आयी । 1962 में भारत चीन के युद्ध मे चीन ने लद्दाख मे युद्ध छोडा । भारत चीन की सीमा उत्तर पूर्व में आमने सामने आयीं । लडी भी । बडाहोती के पार चीन दापा में अपनी चौकी बनाये हुये है ।

बडाहोती में भी दोनों देशों के सैनिक आमने सामने आये पर यहाँ पर युद्ध नहीं हुआ । भारत की उत्तराखंड की 356 किमी से अधिक सीमा की रक्षा आई . टी . बी पी करती है । जिस तरह चीन की सीमा चौकी दापा और आस पास के गांवो में है । उसी तरह भारत की आई . टी . बी . पी भी भारत की चौकियों पर तैनात है । चीन के सैनिक घोडों मे बैठकर बडाहोती के ऊपर हमेशा गश्त लगाते हैं। बडाहोती में एक सुन्दर होती नदी भी बहती है ।

चीन की सेना बडाहोती में चालाकी से अपने देश के कागज . चीन की वस्तुएं व अन्य व वस्तुएं फेंक आता है । आई . टी . बी पी उन वस्तुओं को लेकर जोशीमठ सेना ब्रिगेड में लाती है और चीनी भाषा में लिखे दस्तावेजों का अध्ययन करती है। ” बडाहोती में चीन तिब्बती लोगों को भी याक भेड चरने के लिए भेजता है । इसे विवादस्पद बनाने की चेष्टा के कारण । भारत के चरवाहों को बडाहोती में भेड बकरी चराने को लेकर चीनी सैनिक विरोध करती है ।.जबकि भारत के आधार पर बडाहोती को अपना बताता है । कई बार भारत के चरवाहों को बडाहोती में भेड चराने का चीनी सैनिकों ने विरोध किया । चरवाहों ने बताया कि उनके छप्पर को भी तोड़ा ।

चीन द्वारा बडाहोती में हरकत करने की धृष्टता चर्चा में आती है । हाल ही दो चीनी हैलीकाप्टरों के बडाहोती मे भारत की सीमा तक आने की चर्चा आयी हालांकि कुछ समय बाद वह वापस लौट गयी । पूर्व में भी चीनी सैनिकों द्वारा इस प्रकार की अप्रिय हरकतों होती रही हैं।  भारत के चमोली के अधिकारियों की टीम हमेशा की तरह बडाहोती में अपनी सीमा का निरीक्षण करती है । इस बार भी गयी ।

डोकलान में ताजा तनाव के बीच बडाहोती की प्रासंगिकता और भी बढ जाती है । चीन की नजर बडाहोती पर भी है । पर यह वह क्षेत्र है जहां पर युद्ध की स्थिति कभी नहीं आयी । बडाहोती मे चीनी हरकत कई बार प्रकाश मे आयीं । पूर्व सी एम विजय बहुगुणा इस बात को अपने मुख्य मंत्रित्व काल मे कह चुके हैं, अब नये दौर में बडाहोती समेत सभी सीमाओं पर सजगता और भी महत्वपूर्ण हो जाती है ।

devbhoomimedia

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