नेपाल के छंगरु तिंकुर गांव के लिए भारत के रास्ते जाने लगे स्थानीय लोग
दिनेश मानसेरा
उत्तराखंड : एक तरफ नेपाल लीपूपास को लेकर विवाद पैदा कर रहा है वहीं दूसरी ओर नेपाल में सीमावर्ती नेपाली गांव छिंगरु और तिंकुर जाने के लिए नेपाल दार्चुला प्रशासन ने भारत के धारचूला प्रशासन के साथ वार्ता कर झूला पुल खुलवाया है ताकि गर्मियों में वहां जाने वाले स्थानीय लोग वहां पहुंच सके,
नेपाल के छंगरु में हाल ही में नेपाल ने हेलीकॉप्टर के जरिये समान और सैनिक भेज कर अपनी चेक पोस्ट भी बनाई है लेकिन वहां पैदल जाने का रास्ता,काली नदी किनारे बेहद खतरनाक है और यहां जाने वाले स्थानीय लोग भारत की सीमा से होकर ही वहां जाना सुरक्षित समझते है।हरसाल भारत के रास्ते जाने की परंपरा कई सालों से है ।इस साल कोरोना संकट की वजह से लॉक डाउन होने से सैकड़ो नागरिक उनके घोड़े खच्चर ,मवेशी नेपाल सीमा पर अप्रैल से फंसे हुए थे जिन्हें कल रास्ता दे दिया गया।
ये खबर पिछले दिनों दोनों देशों के बीच उपजे तनाव में राहत और सकून देने वाली है,ये उनलोगों के लिए भी परेशानी दे सकती है जो भारत की कूटनीति पर सवाल खड़े कर रहे थे,उन्हें ये नही भूलना चाहिए नेपाल की भारत के बिना गति नही है, चित्र देखिए नेपाल के दार्चुला कस्बे के जहां मकानों की छतों पर सैकड़ो लोग खड़े हो कर इस तनाव के बीच राहत महसूस कर रहे है।भारत के व्यास घाटी के लोगो ने भी दिल खोल कर उनका स्वागत किया और उन्हें भोजन राशन उपलब्ध करवाया।