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UN सुरक्षा परिषद का निर्विरोध चुनाव जीत अस्थाई सदस्य बना भारत
भारत पहली बार 1945 में अस्थायी सदस्य के रूप में चुना गया था और अब आठवीं बार भारत को मिली है यह जिम्मेदारी
देवभूमि मीडिया ब्यूरो
जानिए कब-कब अस्थाई सदस्य चुना गया भारत
भारत आठवीं बार सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुना गया। इसके पहले 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 और 2011-12 में भारत यह जिम्मेदारी निभा चुका है।
संयुक्त राष्ट्र । भारत बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य चुन लिया गया है। निर्विरोध चुने जाने के बाद अब भारत 2021-22 कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च संस्था का अस्थाई सदस्य बन जाएगा। 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने 75वें सत्र के लिए अध्यक्ष, सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्यों और आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के सदस्यों के लिए चुनाव कराया था।
क्षेत्रीय आधार पर होता है अस्थाई सीटों का आवंटन
10 अस्थाई सीटों का वितरण क्षेत्रीय आधार पर किया जाता है। इसमें एशियाई और अफ्रीकी देशों के लिए पांच, पूर्वी यूरोपीय देशों के लिए एक, दक्षिण अमेरिकी और कैरेबियाई देशों के लिए दो और पश्चिमी यूरोपीय और अन्य देशों के लिए दो सीटें निर्धारित की गई हैं।
बता दें कि भारत पहली बार 30 सितम्बर 1945 अस्थायी सदस्य के रूप में चुना गया था और अब आठवीं बार यह जिम्मेदारी मिलने जा रही है। 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में महासभा के 75वें सत्र के अध्यक्ष के लिए चुनाव के अलावा सुरक्षा परिषद के पांच अस्थायी सदस्य और कोरोना महामारी के कारण लगी पाबंदियों की वजह से संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आर्थिक और सामाजिक परिषद के सदस्यों का भी चुनाव कराया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कुल 15 देश हैं। इनमें से पांच (अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन) स्थायी सदस्य हैं। जबकि हर साल संयुक्त राष्ट्र महासभा दो साल के कार्यकाल के लिए पांच अस्थायी सदस्यों (कुल 10 में से) का चुनाव करती है।
In a one-of-a-kind election amid #COVID19, #UNGA elects @IndiaUNNewYork, @MexOnu, @irishmissionun, & @NorwayUN as non-permanent members of the Security Council for 2-year terms.
A second round of voting will be held Thursday to fill the last vacant seat. https://t.co/svznemQth6 pic.twitter.com/HCzomD18Yb
— United Nations (@UN) June 17, 2020
भारत 2021-22 के कार्यकाल के लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र से अस्थायी सीट के लिए एकमात्र उम्मीदवार था। भारत की जीत इसलिए भी सुनिश्चित थी, क्योंकि क्षेत्र की एकमात्र सीट के लिए वह अकेला उम्मीदवार है। नई दिल्ली की उम्मीदवारी का सर्वसम्मति से पिछले साल जून में चीन और पाकिस्तान समेत 55 सदस्यीय एशिया-प्रशांत समूह ने समर्थन किया था।
दो-तिहाई बहुमत चाहिए अस्थाई सदस्य के चयन के लिए
परिषद के लिए चुने जाने के लिए, उम्मीदवार देशों को महासभा में मौजूद और मतदान करने वाले सदस्य देशों के मतपत्रों का दो-तिहाई बहुमत चाहिए।