DEHRADUNUTTARAKHAND

निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने गढ़वाली- कुमाऊँनी के अधिक प्रश्न पूछे जाने पर आयोग को लिखा पत्र, सोशल मीडिया पर बवाल

निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने गढ़वाली- कुमाऊँनी के अधिक प्रश्न पूछे जाने पर आयोग को लिखा पत्र

“विधायक के पत्र के वायरल होने पर सोशल मीडिया पर बवाल”

देहरादून। निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के सात महीने पुराने पत्र ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की समूह ग की परीक्षा में गढ़वाली और कुमाऊंनी भाषा के अधिक प्रश्न पूछे जाने पर आयोग के अध्यक्ष को पत्र लिखा है और कार्रवाई करने को कहा है। जनवरी 2024 में लिखा यह पत्र सोशल मीडिया पर वॉयरल हो रहा है।

पत्र में बताया गया है कि हरिद्वार, देहरादून और उधमसिंह नगर जिलों के अभ्यर्थियों को गढ़वाली और कुमाऊँनी भाषाओं का ज्ञान नहीं है, जिससे उन्हें परीक्षा में कई प्रश्न अधूरे छोड़ने पड़ते हैं। इसके कारण, इन जिलों के अभ्यर्थियों के परीक्षा परिणाम उनकी मेहनत के अनुसार नहीं आते और उनका आत्मविश्वास कम होता है।

ध्यान देने योग्य यह है कि समूह ग के पद प्रदेश के युवाओं के लिए विशेष रूप से तय किए जाते हैं, जिससे उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर मिल सकें। आयोग का विशेषज्ञ पैनल नियमों के तहत प्रश्नपत्र तैयार करता है और परीक्षा के मॉडल पेपर में विभिन्न विषयों का संतुलन सुनिश्चित करता है।

 

निर्दलीय विधायक के पत्र के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। विभिन्न क्षेत्रों के जानकार लोगों ने इसे समाज में वैमनस्य फैलाने वाला कदम करार दिया है। इसके चलते गढ़वाल और कुमाऊं की जनता में असंतोष बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

निर्दलीय विधायक उमेश कुमार का लिखा हुआ पत्र :-

 

सेवा में,

 

अध्यक्ष, उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, देहरादून।

 

विषयः-जिला हरिद्वार के “समूह-ग के अभ्यर्थियों के मूल प्रार्थना-पत्र का संज्ञान लिए जाने के सम्बन्ध में-

 

महोदय,

 

अवगत कराना है कि जिला हरिद्वार के ‘समूह-ग’ के अभ्यर्थियों का मूल प्रार्थना-पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें अभ्यर्थियों द्वारा अवगत कराया गया है कि अभ्यर्थी उत्तराखण्ड में ‘समूह-ग’ के अंतर्गत होने वाली परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। हाल ही में यह परीक्षा ‘अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) द्वारा कराई जा रही है। UKSSSC के द्वारा जो यह परीक्षा कराई जा रही है इसमें अभ्यार्थीयों का परीक्षा केन्द्र उनके निवास स्थान से काफी दूर दूसरे जिलों में लगभग 150-200 किमी० लगाया जा रहा है। जिससे अभ्यार्थीयों के आने-जाने में लगभग 2-3 दिन लग जाते हैं। ऐसी स्थिति में कई बार अभ्यार्थी परीक्षा से वंचित रह जाते हैं।

 

अभ्यर्थियों द्वारा अवगत कराया गया है कि UKSSSC द्वारा परीक्षा में गढ़वाली-कुमाऊँनी भाषाओं के अधिक से अधिक प्रश्न दिये जा रहे हैं। हरिद्वार, देहरादून व उधमसिंह नगर जैसे जिलों के अभ्यर्थियों को गढ़वाली व कुमाऊँनी भाषाओं की कोई भी जानकारी नहीं है। जिससे अभ्यर्थियों को परीक्षा में कई प्रश्नों को अधूरा ही छोड़कर आना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति में इन जिलों के अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम उनकी मेहनत के अनुसार नहीं आता है। जिससे अभ्यर्थियों का आत्मविश्वास निर्बल होता है।

 

अतः आपसे निवेदन है कि जिला हरिद्वार के ‘समूह-ग’ के अभ्यर्थियों के संलग्न मूल प्रार्थना-पत्र का संज्ञान लेकर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने का कष्ट करें।

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