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आयुर्वेदिक कॉलेजों की बढ़ी मुश्किलें

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून। आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में हाईकोर्ट के निर्णयों ने संकट पैदा कर दिया है…मामला कॉलेजों की फीस बढ़ोतरी समेत कॉलेजों में खाली पड़ी सीटों से जुड़ा हैं..।

उत्तराखंड के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों में हाईकोर्ट के दो निर्देश परेशानी का सबब बन गए हैं…पहला आदेश आयुर्वेदिक कॉलेजों में सरकार के फीस बढ़ोतरी के निर्णय को निरस्त कर फीस को कम करते हुए 2 लाख 15 हज़ार से 80 हज़ार करने का है। मामले पर आयुर्वेदिक कॉलेज आदेश का पालन नही कर रहे तो छात्र हाईकोर्ट के आदेश का पालन नही होने पर आंदोलन कर रहे हैं। हालाकिं इस मामले पर सरकार निजी कॉलेजों के साथ खड़ी दिख रही है, विभागीय मंत्री हरक सिंह ने तो फीस कमिटी का गठन कर जल्द फीस सुधारने की बात कही है यही नही निजी कॉलेजों की चिंता करते हैं मंत्री ने कॉलेजों के पक्ष लिया है।

माना जा रहा है कि मंत्री जी के बेटे का आयुर्वेदिक कॉलेज है और पूर्व मुख्यमंत्री निशंक का परिवार भी इस व्यवसाय में है…ऐसे में सरकार का निजी कॉलेजों के पक्ष में जाना तो समझ आ रहा है लेकिन हाईकोर्ट के एक दूसरे निर्णय में भी आयुर्वेदिक कॉलेज संकट में है इसमे हाईकोर्ट ने 15 नवंबर तक ही 10 प्लस 2 अभ्यर्थी की भर्ती के आदेश दिए हैं जबकि राज्य में 550 सीटें अब भी खाली पड़े हैं।

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