CAPITAL

आयकर ने मारा भाजपा नेता अनिल गोयल के ठिकानों पर छापा

  • गोयल के 13 प्रतिष्ठानों पर एक  साथ हुई छापेमारी
  • गोयल से  जुड़े दो पदाधिकारियों के लोगों के आवास व अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । भाजपा के कुबेर कहे जाने वाले नेता अनिल गोयल सहित उनके परिजनों के तमाम प्रतिष्ठानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी करते हुएआयकर विभाग के अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर आय-व्यय के रिकॉर्ड कब्जे में लिए। भाजपा नेता के देहरादून, हरिद्वार जिले में रुड़की, हरियाणा के यमुना नगर व दिल्ली के आवासीय, व्यापारिक व शैक्षणिक समेत 13 प्रतिष्ठानों के साथ ही इनसे जुड़े दो पदाधिकारियों के लोगों के आवास व अन्य ठिकानों पर छापेमारी की गई।

शुक्रवार सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग के प्रधान निदेशक अमरेंद्र कुमार के निर्देश पर तीन दर्जन से ज्यादा अधिकारियों की टीम ने एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई देहरादून स्थित अनिल गोयल परिवार के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय वाली गली स्थित आवास, गांधी रोड पर क्वॉलिटी हार्डवेयर, राजपुर रोड स्थित उमंग साड़ीज, एलेक्सिया पैनल, रुड़की स्थित क्वांटम यूनिवर्सिटी, पंजाब प्लाईवुड इंडस्ट्रीज (यमुना नगर) पर की गई।

इसमें अनिल गोयल के भाई सुनील गोयल के ठिकाने भी शामिल हैं। इसके अलावा क्वांटम यूनिवर्सिटी से जुड़े एलएमडी एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट के ट्रस्टी नरेश गर्ग व शशि गर्ग के ठिकानों पर भी आयकर अधिकारियों ने तमाम दस्तावेज खंगाले। इसके अलावा गोयल परिवार के दिल्ली स्थित कुछ ठिकानों पर भी छापा मारा गया। आयकर विभाग के प्रधान निदेशक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि जो दस्तावेज कब्जे में लिए गए हैं, उनकी पड़ताल की जा रही है। शनिवार तक ही कुछ स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

कार्रवाही चार आरोपों के आधार पर हुई …..

  • पहला आरोप है कि उन्होंने प्रतिष्ठानों में हुई असल बिक्री के बड़े हिस्से को छिपाया है।
  • दूसरा आरोप कुछ ऐसी प्राप्तियां को लेकर है, जिन्हें आयकर रिटर्न में दर्शाया नहीं गया।
  • तीसरा आरोप है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) से संबंधित उन पेनी स्टॉक से है, जिसमें बेहद कम दर पर अधिक शेयर खरीदे गए और उसे अधिक दर पर बेचकर जुटाई गई राशि को उचित ढंग से नहीं दर्शाया गया।
  • चौथा आरोप ऐसे अन्य निवेश से है, जिसे आयकर रिटर्न में नहीं दिखाया गया।

Dev Bhoomi Media

तीन दशक तक विभिन्न संस्थानों में पत्रकारिता के बाद मई, 2012 में ''देवभूमि मीडिया'' के अस्तित्व में आने की मुख्य वजह पत्रकारिता को बचाए रखना है .जो पाठक पत्रकारिता बचाए रखना चाहते हैं, सच तक पहुंचना चाहते हैं, चाहते हैं कि खबर को साफगोई से पेश किया जाए न कि किसी के फायदे को देखकर तो वे इसके लिए सामने आएं और ऐसे संस्थानों को चलाने में मदद करें। एक संस्थान के रूप में ‘ देवभूमि मीडिया’ जनहित और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुसार चलने के लिए प्रतिबद्ध है। खबरों के विश्लेषण और उन पर टिप्पणी देने के अलावा हमारा उद्देश्य रिपोर्टिंग के पारंपरिक स्वरूप को बचाए रखने का भी है। जैसे-जैसे हमारे संसाधन बढ़ेंगे, हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। हमारी पाठकों से बस इतनी गुजारिश है कि हमें पढ़ें, शेयर करें, इसके अलावा इसे और बेहतर करने के सुझाव अवश्य दें। आप अपना सुझाव हमें हमारे ई-मेल devbhumi.media@gmail.com अथवा हमारे WhatsApp नंबर +919719175755 पर भेज सकते हैं। हम आपके आभारी रहेंगे

Related Articles

Back to top button
Translate »