बिटकॉइन कारोबारियों पर की इनकम टैक्स ने छापेमारी
देहरादून : बिटकॉइन कारोबारी अभिषेक बौड़ाई के आवास पर रेड के दौरान आयकर विभाग ने पाया कि देहरादून सहित कई शहरों के कारोबारियों ने बिटकॉइन में निवेश किया है। दिसंबर 2017 से फरवरी 2018 तक महज तीन माह में अभिषेक का बिटकॉइन कारोबार दस करोड़ रुपये पार कर गया। अभिषेक फरीदाबाद में बिटकॉइन का कारोबार चला रहे थे। आयकर विभाग के अनुसार देहरादून में अभिषेक का नेहरू ग्राम के दिव्या विहार में आवास है। आयकर विभाग के इस छापे के बाद आभासी मुद्रा बिटकॉइन में निवेश करने वाले 450 निवेशक आयकर विभाग की जांच के दायरे में आ गए हैं।
आयकर की टीम ने यहां छापेमारी की तो मौके पर अभिषेक के माता-पिता से पूछताछ की गई। आयकर अधिकारियों के मुताबिक अभिषेक ने दिसंबर 2017 में बिटकॉइन निवेश की कंपनी शुरू की थी। वे अभी तक करीब दस करोड़ रुपये का कारोबार कर चुके हैं। खुद अभिषेक ने भी बिटकॉइन में निवेश किया हुआ है। अभिषेक क्रिप्टो सिक्योर सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम से फरीदाबाद में बिटकॉइन का कारोबार चला रहे थे।
उनके पास से 450 निवेशकों की जानकारी मिली है, जिनकी केवाईसी की गई थी। आशंका जताई जा रही है निवेशकों की संख्या इससे ज्यादा भी हो सकती है। प्राथमिक जांच में अभी तक चार निवेशकों के लेजर मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। इसमें देहरादून के भी कई निवेशक शामिल हैं, जिन्होंने बिटकॉइन में अच्छी रकम निवेश की है।
बिटकाइन एक डिजिटल मुद्रा है। यह पहली विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है, जिसका अर्थ है कि यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित नहीं होती। कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु इसे निर्मित किया गया है। इसका विकास सातोशी नकामोतो नामक एक अभियंता ने किया है।
भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से 24 दिसंबर 2013 को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के संबंध में सूचना जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था की इन मुद्राओं के लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नहीं दी गयी है। इसका लेन-देन करने में कईं स्तर पर जोखिम है। इसके बाद एक फ रवरी 2017 और पांच दिसंबर 2017 को रिजर्व बैंक ने दोबारा इस मुद्रा के बारे में सचेत किया है। हालांकि कई देशों में यह मुद्रा अवैध है। अभी तक केंद्र सरकार ने इस मुद्रा को न तो वैध और न ही अवैध घोषित नहीं किया है।