Uttarakhand

भूमि खाताधारक के साथ पत्नी का नाम भी शामिल करेंः मुख्यमंत्री

महिलाओं को बैंक से लोन मिलने में परेशानी से बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की तीसरी बैठक की मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अध्यक्षता की

अभी तक सड़क की सुविधाओं से नहीं जुड़ पाने वाले तथा पेयजल की समस्या वाले गांवों को चिन्हित किया जाएः त्रिवेंद्र

 देवभूमि मीडिया ब्यूरो

देहरादून। ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की तीसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए महिलाओं को बैंक से लोन लेने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए भूमि खाताधारक के साथ पत्नी का नाम भी शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की जनपद टिहरी की रिपोर्ट का विमोचन किया।
मुख्यमंत्री आवास में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेशवासियों को रोजगार के अवसर प्रदान करना हमारी शीर्ष प्राथमिकताओं में है। यह भी आकलन किया जाए कि उत्तराखंड आने वाले कितने प्रवासी प्रदेश में रहकर ही रोजगार करना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत प्रदेशवासियों को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे। इसकी भी पूरी स्टडी की जाए कि किन क्षेत्रों में कार्य करने के लिए लोग अधिक रूचि दिखा रहे हैं। लोगों की आमदनी में कैसे वृद्धि की जा सकती है, किन क्षेत्रों में रोजगार की अधिक सम्भावना है। इसकी पूरी स्टडी की जाए।
उन्होंने कहा कि जो गांव अभी तक सड़क की सुविधाओं से नहीं जुड़ पाए हैं और जिन गांवों में पेयजल की समस्या है, उनको भी चिन्हित किया जाए। हमें स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उसकी, पैकेजिंग एवं मार्केटिंग की दिशा में भी विशेष प्रयास करने होंगे। ग्रामीण क्षेत्र की योजनाओं एवं जन कल्याणकारी योजनाओं की दिशा में और तेजी से कार्य करने की जरूरत है। रावत ने कहा कि चाल-खाल के निर्माण की दिशा में राज्य में तेजी से कार्य हो रहे हैं। जल स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में हमें प्रयास करने होंगे।
उपाध्यक्ष ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग डॉ. एसएस नेगी ने बताया कि आयोग अब तक तीन रिपोर्ट राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत कर चुका है, जिसमें पलायन को कम करने के लिए सिफारिशें दी गई हैं। आयोग ने जनपद अल्मोड़ा के ग्राम पंचायतों में पलायन के विभिन्न पहलुओं पर अंतरिम रिपोर्ट जून 2019 प्रस्तुत की गई। सितम्बर 2019 में ग्राम्य विकास के क्षेत्र में योजनाओं एवं कार्यक्रमों का विश्लेषण एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आयोग की सिफारिशें राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत की गईं।
ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग ने मंगलवार को जनपद टिहरी गढ़वाल के ग्रामीण क्षेत्रों पर आधारित रिपोर्ट प्रस्तुत की। आयोग ने विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर बैठकें कीं तथा स्थानीय नागरिकों से संवाद किया। जनपद टिहरी की रिपोर्ट में ब्लाकवार सामाजिक-आर्थिक आंकड़ों का विश्लेषण एवं रूझान, पलायन की स्थिति, वर्तमान ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक विकास कार्यक्रमों के बारे में विश्लेषण तथा सिफारिशें की गई हैं।
बताया गया कि जनपद चमोली, रुद्रप्रयाग एवं बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन और संबंधित आर्थिक एवं सामाजिक मुद्दों के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण कर सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ बनाने एवं पलायन को कम करने पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
बैठक में अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, मुख्यमंत्री के तकनीकी सलाहकार नरेन्द्र सिंह, आर्थिक सलाहकार आलोक भट्ट, अपर आयुक्त ग्राम्य विकास रोशन लाल, उपायुक्त ग्राम्य विकास एके राजपूत आदि उपस्थित थे।

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