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“कैलाश मानसरोवर”के नाम से बाजार में आयेगा अगरबत्ती एवं धूप

धारचूला में व्यास घाटी की महिला स्वयं सहायता समूहों से हुआ संवाद
हिमालय क्षेत्र के कच्चे माल से बनेगा यह उत्पाद
एक गांव एक उत्पाद पर 6 न्याय पंचायतों में होगा अभिनव प्रयोग

धारचूला: कैलाश मानसरोवर की भूमि में स्थित व्यास घाटी के महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को लोकल उत्पादों से अगरबत्ती,धूप तथा मोमबत्ती बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए आज स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के साथ जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने संवाद स्थापित किया। उन्होंने कहा कि ” कैलाश मानसरोवर”के नाम से अगरबत्ती,धूप तथा मोमबत्ती को बाजार में लांच किया जाएगा।

विकास खंड सभागार में आयोजित एक दिवसीय संवाद में व्यास घाटी के सात ग्राम पंचायतों की महिला स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने भाग लिया। उत्तराखंड बहुउद्देशीय वित्त एवं विकास निगम देहरादून द्वारा सोसायटी फॉर एक्सन इन हिमालया पिथौरागढ़ के माध्यम से इस प्रशिक्षण को आयोजित किए जाने की योजना है।

ब्लाक सभागार में आयोजित संवाद में जिपंस जगत मर्तोलिया ने बताया कि हिमालय क्षेत्र के स्थानीय कच्चे माल से अगरबत्ती,धूप बनाया जाएगा। इसके लिए महिलाओं को एक माह का प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षित किया जाएगा। उसके बाद इन हिमालय क्षेत्र की महिलाओं के हाथों से बने अगरबत्ती एवं धूप को बाजार में लाकर स्वरोजगार के नये आयाम स्थापित किए जा सकते है। उन्होंने कहा विकास खंड धारचूला के 6 न्याय पंचायतों में एक न्याय पंचायत एक उत्पाद तथा एक गांव एक उत्पाद के लिए विशेष सर्वे अभियान भी चलाया जा रहा है।

बैठक में विकास खंड के एनआरएलएम के एरिया कोडिनेटर खजान सिंह जंगपांगी, समूहों से रजनी देवी, कवियत्री देवी,अरुणा गुंज्याल, कला, पर्मिला गर्ब्यांल, अंजलि देवी, नीमा नबियाल, कुसुम देवी, मुन्नी परिहार, लक्ष्मी देवी, रैबिना देवी आदि मौजूद रहे।

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