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आईएमए पीओपी : अंतिम पग भरते ही भारतीय सेना के अंग बने 382 कैडेट

भारतीय सैन्य अकादमी से 77 विदेशी कैडेट भी हुए पासआउट

अपना सर्वस्व न्यौछावर करने को हमेशा तत्पर रहें : चेरिश

धोनी के दस्तानों पर बलिदान बैज धोनी का व्यक्तिगत निर्णय 

 

देवभूमि मीडिया ब्यूरो 

देहरादून । भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) की पासिंग आउट परेड (पीओपी) में अंतिम पग भरते ही 382 युवा जांबाज लेफ्टिनेंट के रूप में भारतीय सेना का अंग बन गए। 77 विदेशी कैडेट्स भी पासआउट हुए। परेड की सलामी दक्षिण पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसी) चेरिश मैथसन ने ली। उन्होंने युवा जांबाजों को अनुशासन की सीख दी और आह्वान किया कि वह अपना सर्वस्व न्यौछावर करने को हमेशा तत्पर रहें।

आइएमए से पास आउट हुए कुल कैडेट्स  भारतीय- 59420
विदेशी- 3342
कुल- 61762

सलामी लेने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश मैथसन ने सभी कैडेट्स को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सेना का अनुशासन ही उन्हें हर मुश्किल से बचाएगा। हर कदम पर आने वाली पहाड़ सी चुनौतियों को यही अनुशासन तिनके की तरह उड़ा देगा। उन्होंने कहा कि यहां से पास आउट होने के बाद 82 साल का आईएमए का गौरवशाली इतिहास भी अब उनके साथ जुड़ गया है। इसके साथ ही उन्होंने आईएमए कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुमार झा को भी शुभकामनाएं दीं। वहीं वर्ल्ड कप के मैच में धोनी के दस्तानों पर बलिदान बैज को लेकर उपजे विवाद पर सेना की ओर से वेस्टर्न साउथ कमांड के जीओसी चेरिश मैथसन ने इसे धोनी का व्यक्तिगत निर्णय बताया है। आईएमए पीओपी में आए लेफ्टिनेंट जनरल मैथसन ने कहा कि इसमें विवाद जैसा कुछ नहीं है और न ही सेना कोई आपत्ति। धोनी को आईसीसी ने जो आदेश दिए हैं वे अपने नियमों के अनुसार दिए हैं। इसमें भी सेना का कोई लेना देना नहीं है। 

शनिवार सुबह करीब छह बजकर 40 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ पीओपी का आगाज हुआ। आत्मविश्वास से लबरेज 459 जेंटलमेन कैडेट्स ऐतिहासिक चैटवुड बिल्डिंग के समक्ष ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे, तो लगा कि जैसे विशाल सागर उमड़ आया हो। एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हर एक शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे।

कंपनी सार्जेंट मेजर प्रसून शर्मा, अमन कुंडू, अमरजीत सिंह, वत्सल पांडे, अतुल पाटिल, दीपक कुमार, पुनीत व अंकुश सिंह ने अपनी-अपनी जगह ली। वहीं, एडवांस कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार मजबूत कदमों के साथ परेड के लिए पहुंचे। इसके बाद परेड कमांडर अली अहमद चैधरी ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे। जेंटलमेन कैडेट्स की जोश से भरी परेड से दर्शक दीर्घा में बैठे लोग भी वीरता का यह भाव देखकर गौरवान्वित महसूस कर रहे थे।

रिव्यूइंग ऑफिसर दक्षिण पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ (जीओसी) चेरिश मैथसन ने परेड के निरीक्षण के साथ ही सलामी ली। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर स्वॉर्ड ऑफ ऑनर के साथ ही, गोल्ड, सिलवर, ब्रॉंज मेडल, बेस्ट फॉरेन जेंटेलमेन कैडेट आदि सम्मान प्रदान किए। जब युवा जांबाज पीओपी में अंतिम पग भर रहे थे तो आसमान से हेलीकॉप्टर उन पर पुष्प वर्षा कर रहे थे। यह क्षण बता रहा था कि कड़े प्रशिक्षण में तपकर कुंदन बने युवा वीर अब सेना का अभिन्न हिस्सा बन गए हैं।

इसके बाद सोमनाथ स्टेडियम में आयोजित पिपिंग सेरेमनी में युवा सैन्य अधिकारी बने वीरों को देश की एकता और अखंडता की शपथ दिलाई गई। अभिभावकों ने अपने लाडलों के कंधों पर सितारे सजाए तो उनके लिए यह लम्हे खासे भावुक करने वाले थे। इस पल के साक्षी भारतीय सैन्य अकादमी के समादेशक ले. जनरल एसके झा, उप समादेशक मेजर जनरल जीएस रावत समेत कई सेवारत व सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी भी बने। 

  • आइएमए  देहरादून से इस बार ये जेंटलमैन कैडिट हुए पुरस्कृत …..

  • सोर्ड ऑफ ऑनर- सीनियर अंडर ऑफिसर अक्षत राज 

  • गोल्ड मेडल- सुरेंद्र सिंह बिष्ट 

  • सिल्वर मेडल- सीनियर अंडर ऑफिसर कौशलेश कुमार सिन्हा 

  • ब्रांज मेडल- सीनियर अंडर ऑफिसर अक्षत राज 

  • टीजीसी सिल्वर मेडल- कैडेट करण सिंह 

  • फॉरेन जीसी सिल्वर मेडल- जूनियर अंडर ऑफिसर शहजाद शाह बाज (अफगानिस्तान) 

  • चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर- कैरन कंपनी 

  • व्यक्तिगत उत्कृष्टता सम्मान पाने वाले कैडिट …… 

पैराशूट रेजीमेंट मेडल- मनोज डागर
सिख रेजीमेंट सिल्वर मेडल- हरिओम सिंह कुंताल
डोगरा रेजीमेंट एंड स्काउट विंग मेडल- किशन गारिया
मराठा मेडल- मोहम्मद सोहेल इस्लाम 
सिखलाई सिल्वर मेडल- अली अहमद चौधरी 
कॉर्प्स ऑफ सिग्नल मेडल- निखिल शर्मा
9जीआर मेडल- शाहिलदीप सिंह 
राजपूत रेजीमेंट सिल्वर मेडल-निखिल शर्मा 
ब्रिगेड ऑफ द गार्ड्स मेडल- वैभव 
8जीआर मेडल- पवन कुमार
जाट रेजीमेंट सिल्वर मेडल- रुद्र प्रताप चौधरी 
मेजर शैतान सिंह ट्रॉफी – संजीव कुमार 
डेकर हाउस ट्रॉफी- सौरभ सिंह
सर एलविन एजरा ट्रॉफी- डोगराई
द नवाब ऑफ जोरा ट्रॉफी- चुशूलु 
इंटर कंपनी फिजिकल ट्रेनिंग कप- कैरन
3वीं गोरखा रेजीमेंट ट्रॉफी- मेकटिला 
बर्मा ऑर्मी ट्रॉफी-बसंतर 
एयर चीफ मार्शल दिलबाग सिंह ट्रॉफी – सैनग्रो 
सेंट्रल इंडियन हॉर्स ट्रॉफी – कैसीनो
आर्मी कमांडर आरट्रैक बैनर- बसंतर 
कुमाऊं ट्रॉफी- कैरन कंपनी 

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